सुभाष चौधरी /संपादक
गुरुग्राम : गुरुग्राम जिला में रजिस्ट्री घोटाला मामले में प्रदेश सरकार ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए इसमें संलिप्त पाए गए एक तहसीलदार और 6 नायब तहसीलदारों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज करा दिया. यह मुकदमा अलग-अलग थाने में डिस्टिक टाउन प्लानर, एनफोर्समेंट गुरुग्राम आर एस भाट की ओर से दर्ज कराया गया. गुरुग्राम पुलिस कमिश्नर के आदेश पर सभी तहसीलदारों व नायब तहसीलदारों के खिलाफ हरियाणा डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन ऑफ अर्बन एरियाज एक्ट 1975 की धारा 10 और आईपीसी की धारा धारा 420 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया.
बताया जाता है कि इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने रजिस्ट्री घोटाले में लिप्त सभी तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों के मामले में किसी भी प्रकार की रियायत देने से साफ इनकार कर दिया है. मामला तूल पकड़ जाने के बाद इसकी जांच करने के लिए गुरुग्राम डिविजनल कमिश्नर अशोक सांगवान को अधिकृत किया गया था. श्री सांगवान ने उन तहसील के तहसीलदार और नायब तहसीलदारों को हरियाणा डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन ऑफ अर्बन एरियाज एक्ट 1970 की धारा 10 और 11 के उल्लंघन का दोषी माना. उन्होंने अपनी रिपोर्ट में तहसीलदारों द्वारा सारे नियमों को ताक पर रखकर अवैध व अनियमित कालोनियों के साथ-साथ प्रतिबंधित क्षेत्रों की रजिस्ट्री करने का दोषी पाया. श्री सांगवान ने अपनी रिपोर्ट हरियाणा अर्बन डेवलपमेंट डिपार्टमेंट और हरियाणा रेवेन्यू एंड डिजास्टर मैनेजमेंट डिपार्टमेंट के फाइनैंशियल कमिश्नर व एडिशनल चीफ सेक्रेटरी को सौंप दिया था.
उक्त रिपोर्ट का विश्लेषण करने के बाद तत्काल प्रभाव से हरियाणा सरकार ने उन सभी तहसीलदारों एवं नायब तहसीलदारों को निलंबित कर उनके खिलाफ संबंधित धाराओं के तहत साथ ही धोखाधड़ी करने के लिए आपराधिक मुकदमा भी दर्ज करने का आदेश दिया.
सूत्रों का कहना है कि डिविजनल कमिश्नर की रिपोर्ट को गंभीरता से लेते हुए टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट निदेशालय एवं रेवेन्यू एंड डिजास्टर मैनेजमेंट डिपार्टमेंट के एडीशनल चीफ सेक्रेट्री की ओर से पुलिस कमिश्नर गुरुग्राम को ईमेल के माध्यम से उन सभी अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने को कहा. पुलिस कमिश्नर ने तत्काल प्रभाव से सभी संबंधित पुलिस थाना के एस एच ओ को भेजें पत्र में मामले की गहनता से जांच कर आवश्यक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही शुरू करने का आदेश जारी कर दिया. इसके आलोक में ही थाना बादशाहपुर में बादशाहपुर के नायब तहसीलदार हरिकिशन के खिलाफ, थाना सेक्टर 10 में तहसीलदार कादीपुर ओम प्रकाश के खिलाफ, थाना मानेसर में मानेसर के नायब तहसीलदार जगदीश चंद्र, थाना सेक्टर 56 में नायब तहसीलदार वजीराबाद जयप्रकाश के खिलाफ, थाना सिटी सोहना में तहसीलदार सोहना बंसीलाल और नायब तहसीलदार सोहना दलवीर सिंह के खिलाफ, थाना शिवाजी नगर में नायब तहसीलदार गुरुग्राम देसराज कंबोज के खिलाफ और थाना सेक्टर 10 में तहसीलदार कादीपुर ओम प्रकाश के खिलाफ हरियाणा डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन ऑफ अर्बन एरियाज एक्ट 1975 की धारा 10 और आईपीसी की धारा धारा 420 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
गौरतलब है कि उपरोक्त सभी अधिकारियों के खिलाफ समान धाराओं में ही मामले दर्ज किए गए हैं. आशंका इस बात की प्रबल है कि उन सभी तहसीलदार व नायब तहसीलदारों की गिरफ्तारी भी हो सकती है और उनसे पुलिस पूछताछ में मिले संकेत के आधार पर कुछ और अधिकारी एवं अन्य ऐसे लोगों तक भी कानून के हाथ पहुंच सकते हैं जिनकी शह पर या मिलीभगत पर अवैध इलाके में बिना एनओसी के जमीनों की रजिस्ट्री कराई गई.
हालांकि एफ आई आर दर्ज होने की सूचना बाहर आने के बाद लोग इस बात पर आश्चर्य व्यक्त कर रहे हैं कि जो मामला जिला उपायुक्त की ओर से उन सभी घोटालेबाज अधिकारियों के खिलाफ दर्ज कराए जाने चाहिए थे वह डिस्टिक एंड टाउन प्लानर एनफोर्समेंट आर एस भाट की ओर से दर्ज कराए गए हैं. हालांकि सभी तहसीलदार सीधे जिला उपायुक्त के निर्देशन और उनकी ही देखरेख में काम करते हैं फिर प्रदेश सरकार ने रेवेन्यू डिपार्टमेंट और टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट की ओर से यह मामला क्यों दर्ज करवाया यह रहस्यमय लगता है. मामले की जांच गुरुग्राम डिविजनल कमिश्नर अशोक सांगवान कर रहे हैं. इस पूरे प्रकरण में जिला उपायुक्त से पूछताछ की गई थी या नहीं इसको लेकर प्रशासनिक तौर पर कोई खुलासा नहीं किया गया है.
उल्लेखनीय है कि हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने गुड़गांव रेंज के छह तहसीलदार एवं नायब तहसीलदारों को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड कर दिया था. तभी उनको चार्जसीट कर मुकदमा दर्ज करने की तैयारी कर ली गई थी । डिप्टी सीएम ने कड़े शब्दों में कहा था कि भ्रष्ट अधिकारी को किसी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा चाहे वह कितना ही बड़ा क्यों ना हो ।
विदित रहे कि गत सप्ताह डिप्टी सीएम चौटाला ने गुरुग्राम में पत्रकार वार्ता में कहा था कि राजस्व विभाग के दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों को न केवल सस्पेंड किया जाएगा बल्कि उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवाई जाएगी। इसी कड़ी में गुड़गांव रेंज के कमिश्नर की रिपोर्ट के आधार पर डिप्टी सीएम ने तुरंत छह अधिकारियों को सस्पेंड करने के आदेश दे दिए थे । इन अधिकारियों के खिलाफ हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास तथा विनियमन अधिनियम, 1975 का उल्लंघन कर विलेखों (डीड) का पंजीकरण करने के मामले में यह कार्रवाई की गई थी ।
जिन अधिकारियों को सस्पेंड किया गया था उनमें गुरुग्राम जिला के सोहना के तहसीलदार बंसी लाल और नायब तहसीलदार दलबीर सिंह दुग्गल, बादशाहपुर के नायब तहसीलदार हरि कृष्ण, वजीराबाद के नायब तहसीलदार जय प्रकाश, गुरुग्राम के नायब तहसीलदार देश राज कांबोज, मानेसर के नायब तहसीलदार जगदीश शामिल हैं। इन सभी को अंडर रूल 7 चार्जसीट भी किया गया है।
कादीपुर के नायब तहसीलदार (सेवानिवृत्त) ओम प्रकाश को हरियाणा सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 2016 के नियम 12 (2) (बी) के तहत चार्जशीट किया गया है ।
डिप्टी सीएम ने तब यह साफ़ कर दिया था कि कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन कर दस्तावेजों का पंजीकरण करने के लिए इन अधिकारियों के एफआईआर भी दर्ज करवाई जाएगी।
डिप्टी सीएम ने यह भी स्पष्ट कर दिया था कि गुरुग्राम रेंज के कमिश्नर को उन पटवारियों की भी एक रिपोर्ट बनाने के निर्देश दिए गए हैं जिन्होंने गलत इरादे के साथ खसरा गिरदावरी में भूमि के नेचर को बदला है।
डिप्टी सीएम ने कहा था कि अन्य जिलों में भी जांच कार्य तेजी से चल रहा है. जिस जिले में भी जो भी राजस्व विभाग का अधिकारी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाएगी।