नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की. उन्होंने इस महत्वपूर्ण मुलाकात के दौरान राष्ट्रपति से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व के द्दों पर चर्चा की. यह जानकारी राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी की गई .
हालांकि टि्वटर हैंडल में बेहद सीमित और सधे हुए शब्दों में इस मुलाकात की जानकारी देश के सामने रखी गई है लेकिन समझा जाता है कि प्रधानमंत्री श्री मोदी भारत और चीन के बीच में चल रहे विवाद को लेकर राष्ट्रपति से चर्चा करने पहुंचे थे. सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री ने लद्दाख में सीमा विवाद जानकारी राष्ट्रपति को दी और इस समस्या के निराकरण के लिए उठाए गए कूटनीतिक और सामरिक कदमों से भी अवगत कराया. प्रधानमंत्री ने इस बैठक में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लद्दाख मामले पर भारत को मिल रहे कूटनीतिक समर्थन की जानकारी भी दी साथी भारत की ओर से विभिन्न देशों के साथ इस मसले पर की गई कूटनीतिक चर्चा का ब्यौरा भी रखा.
उल्लेखनीय है कि आम तौर पर कुछ समय के अंतराल में प्रधानमंत्री देश के राष्ट्रपति को विभिन्न विषयों पर जानकारी देते हैं और कुछ गंभीर विषयों पर उन से चर्चा भी करते हैं. यह परंपरा आजादी के बाद से ही स्थापित है. अक्सर ऐसा देखा जाता रहा है की जब देश के सामने कोई गंभीर संकट या अंतरराष्ट्रीय समस्या आती है तब प्रधानमंत्री राष्ट्रपति को सरकार के नजरिए से और लिए गए निर्णय की विस्तार से जानकारी देते हैं. दूसरी तरफ भारत और चीन के बीच में चल रही तनातनी को लेकर प्रयासों का बाजार भी गर्म है की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आने वाले समय में कुछ बड़ा कदम उठाने वाले हैं संभव है इस मामले पर ही कुछ संकेत देने राष्ट्रपति भवन पहुंचे.
हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कदमों की आहट को पहचानना बेहद मुश्किल है. कोई भी बड़ा नीतिगत फैसला या योजना संबंधी निर्णय या फिर अंतरराष्ट्रीय विषयों को लेकर महत्वपूर्ण कदम उठाने की उनकी तैयारी को भावना बेहद कठिन है. किसी भी मुद्दे पर उनकी ओर से उठाए जाने वाले कदमों की राजनीतिक भविष्यवाणी अब तक विफल साबित हुई है.
इस बार बलवान घाटी पर चल रही तनातनी में भारत की ओर से जबरदस्त सैनिक तैयारी को देखते हुए एक बार फिर लोग आशंका जताने लगे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन को कोई बड़ा सबक सिखाने का निर्णय ले सकते हैं जबकि नापाक पड़ोसी पाकिस्तान को भी तगड़ा झटका दे सकते हैं. लेकिन इसकी टाइमिंग और तौर तरीके को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है. लेकिन आज अचानक प्रधानमंत्री का राष्ट्रपति भवन पहुंचना और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ लंबी मुलाकात की घटना से उन कयासों को एक बार फिर बल मिल गया है.