-अग्रवाल वैश्य समाज की ओर से आयोजित लाइव वेबीनार
गुरुग्राम, 04 जुलाई । भारत के एडिशनल सोलिसिटर जनरल एवं पूर्व सांसद सत्यपाल जैन ने कहा कि यह जरूरी है कि राष्ट्र के महत्वपूर्ण मुद्दों पर सभी राजनीतिक दलों को एकजुट होना चाहिए। इससे हमारा देश मजबूत तो कहलाएगा, साथ में देश की सेना का भी साहस बढ़ेगा। यह बात उन्होंने अग्रवाल वैश्य समाज की ओर से इंपोर्टेंस ऑफ नेशनल कंसेंसस ऑन नेशनल इश्यूज यानी राष्ट्र के मुद्दों पर आम सहमति का महत्व विषय पर लाइव वेबीनार में बोलते हुए कही।
सत्यपाल जैन ने कहा कि राष्ट्र के मुद्दे बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं। यह अच्छी परम्परा कही जा सकती है कि हमारे देश के सभी दल एक मंच पर आकर अपने देश की ताकत बढ़ाते हैं। इससे हम और अधिक शक्तिशाली बन सकते हैं। क्योंकि जिस देश में आंतरिक तौर पर विवाद होंगे, उसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छवि प्रभावित होगी। राष्ट्र प्रथम हमारी सोच में होना चाहिए। यह हमारी संस्कृति भी है कि हम सामान्य तौर पर तो चाहे जैसे भी रहें, लेकिन दुख, तकलीफ की घड़ी में हम सबके साथ खड़े होते हैं।
सभी दलों की सहमति से दे सकते हैं पॉजिटिव मैसेज: राजकिशोर
वरिष्ठ पत्रकार राजकिशोर तिवारी ने कहा कि राष्ट्र के मुद्दों पर अगर सभी दलों की सहमति होती है तो सरकार की बात का प्रभाव भी बढ़ता है। सामने वाले देश पर दबाव भी बनता है। राष्ट्र के मुद्दों पर सरकारें विपक्षी दलों के साथ बैठकर चर्चा करती हैं। जब ऐसा होता है तो हम दूसरों को बहुत ही सकारात्मक संदेश अपने देश की ओर से देते हैं। सरकार चाहे किसी भी दल की हो, लेकिन उसे हमेशा अपने विपक्षी में बैठे दलों को राष्ट्र के मुद्दों पर सहमत रखना चाहिए, बातचीत करनी चाहिए।
भारत सही था पर चीन ने की दगाबाजी: अशोक वानखेड़े
राजनीतिक विषलेषक अशोक वानखेड़े ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जब सरकार आई तो चीन के साथ मिलकर विश्व स्तर पर ताकत बनकर सामने आ सकते थे। प्रधानमंत्री ने यह प्रयास किया भी। वह ठीक भी था। लेकिन चीन ने भारत को धोखा दिया। भारत ठीक था और चीन गलत हो गया। चीन ने दगाबाजी की। इससे चीन का असली चेहरा उजागर हुआ। उन्होंने कहा कि अब वही चीन भारत के सामने आकर खड़ा है। अब भारत सरकार भी उसे जवाब दे रही है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र में एकता हो, इसके लिए सरकार प्रयास करे।
विपक्ष के सुझावों को नहीं दिया जाता महत्व: अशोक बुवानीवाला
अग्रवाल वैश्य समाज के प्रदेश अध्यक्ष अशोक बुवानीवाला ने कहा कि जब विपक्षी पार्टियां अच्छे सुझाव देती हैं तो उनको सत्तासीन दल की ओर से महत्व नहीं दिया जाता। उसको क्रिटिसाइज किया जाता है। उसे उल्टा सोचा जाता है। जबकि यह सही नहीं है। ऐसा नहीं किया जाना चाहिए। अच्छी बात, अच्छे सुझाव कहीं से भी आ सकते हैं। ऐसे सुझाव जिसमें हमारे देश का भला हो तो उन्हें ग्रहण करना चाहिए। सत्ता में आने वाले दल ही देश का भला कर, सोच सकता है और विपक्षी नहीं सोच सकता। यह धारणा नहीं रखनी चाहिए। उनकी बात का सत्यपाल जैन ने भी समर्थन किया और कहा कि विपक्ष के सुझावों को लेना चाहिए।
गुरुग्राम अग्रवाल वैश्य समाज गुडग़ांव पार्लियामेंट के अध्यक्ष एवं कार्यक्रम के संयोजक एडवोकेट अभय जैन ने सुझाव दिया कि राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर एक प्लेटफार्म तैयार किया जाना चाहिए। महत्वपूर्ण मुद्दों पर सभी विपक्षी पार्टियों को बिठाकर सरकार की ओर से वहां बात की जानी चाहिए। इसे लीगल ही कर दिया जाना चाहिए। राष्ट्र का कोई भी मुद्दा हो, उस पर आम सहमति बनाई जाए। इससे देश मजबूत होगा। आज देखने में यह आ रहा है कि देश में सत्ताधारी पार्टी विपक्ष को अपनी राजनीति करने में ही प्रयोग करती है। ज्यादातर समय इसी में निकल जाता है। सत्ताधारी पार्टी को अपनी सोच बड़ी करके सभी दलों के साथ बैठना चाहिए।
राष्ट्र के मुद्दों पर एक हों सुर व स्वर: विभोर
इस वेबीनार का संचालन अग्रवाल वैश्य समाज के प्रोफेशनल्स विंग के अध्यक्ष एडवोकेट विभोर बंसल ने किया। उन्होंने कहा कि जिस विषय को लेकर वेबीनार किया गया, उसमें सभी की राय एक समान रही। सभी ने राष्ट्र के मुद्दे पर आम सहमति की बात कही। यह जरूरी भी है। देश के भीतर हम चाहें कुछ भी करें, किसी तरह से रहें, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर की जब बात आती है तो हमारे सुर, स्वर एक होने चाहिए। क्योंकि उस समय हमारी शक्ति का आंकलन होता है।
इस वेबीनार में हरियाणा, पंजाब, हिमाचल, चंडीगढ़, उत्तरप्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश आदि क्षेत्रों से काफी संख्या में राजनीतिक विशेषज्ञ एवं कानूनी विशेषज्ञों ने चर्चा में भाग लिया।