गुरुग्राम 16 जून। गुरूग्राम जिला प्रशासन द्वारा अब कोविड-19 से निपटने की तैयारियों के अंतर्गत शहरी क्षेत्र में आरडब्लयूए तथा ग्रामीण क्षेत्रो में ग्राम पंचायतों को अपने अपने एरिया में आइसोलेशन सैंटर बनवाने की संभावना टटोलने को कहा है। इस सम्बन्ध में प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सोमवार को जिला के अधिकारियों की समीक्षा बैठक में निर्देश दिया था. इस मामले में केंद्र सरकार की और से भी प्रदेश सरकार को तैयारी करने का सुझाव दिया गया है.
आइसोलेशन सैंटरों के बारे में बात करते हुए गुरूग्राम के उपायुक्त अमित खत्री ने बताया कि शहरी क्षेत्र में रैजीडेंट वैल्फेयर एसोसिएशन(आरडब्ल्यूए) सक्रिय रूप से काम कर रही है. उन्होंने लाॅकडाउन के दौरान भी काफी अच्छा काम किया है। अब आइसोलेशन सैटरों की संख्या बढ़ाने में भी आरडब्लूए का सहयोग लिया जा रहा है और उन्हें उनकी ही सोसायटी में उनके यहां रहने वाले लोगों के लिए आइसोलेशन सैंटर बनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा हैै ताकि उस सोसायटी के किसी भी व्यक्ति के कोरोना पाॅजीटिव आने और एसिंप्टोमैटिक होने पर उसे सोसायटी के ही आइसोलेशन सैंटर में रखा जा सके। ऐसा करने से उस व्यक्ति के परिजनों को भी तस्सली रहेगी।
उन्होंने कहा कि हालांकि ग्रामीण क्षेत्रो में कोविड-19 संक्रमित मरीजों की संख्या अपेक्षाकृत कम है लेकिन आने वाले समय में यदि जिला में इस महामारी का ज्यादा फैलाव होता है और गांवो में भी पाॅजीटिव केस आते हैं तो उसके लिए भी जिला प्रशासन ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। इस तैयारी के तहत ग्राम पंचायतों को भी सक्रिय करते हुए अपने अपने गांव में आइसोलेशन सैंटर बनाने के लिए जगह की पहचान करने के लिए कहा गया है। इसका उद्देश्य यह है कि गांव का यदि कोई व्यक्ति एसिंप्टोमैटिक पाॅजीटिव आता है तो उसे गांव के ही आइसोलेशन सैंटर में रखा जा सके और वह अपने परिजनों व अन्य आबादी से अलग रहकर ठीक हो सके।
उन्होंने बताया कि इन शहरी तथा ग्रामीण आइसोलेशन सैंटरों को मैप करके इनके साथ चिकित्सा अधिकारियों को जोड़ा जाएगा, जो प्रतिदिन उन्हे अलाॅट किए गए आइसोलेशन सैंटर में मरीजों के स्वास्थ्य पर निगरानी रखेंगे। अगर किसी की तबीयत ज्यादा खराब होती है और उसे अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यक0ता होगी तो उस डाॅक्टर के परामर्श से उस व्यक्ति को अस्पताल में शिफट किया जाएगा।
गुरूग्राम के उपायुक्त अमित खत्री ने कहा कि गुरूग्राम जिला में कोविड-19 संक्रमण संबंधी ज्यादातर मामले एसिंप्टोमैटिक सामने आ रहे हैं। जिला प्रशासन में स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम, पुलिस तथा अन्य फ्रंटलाइन वर्करों द्वारा आपसी तालमेल स्थापित करते हुए काम किया जा रहा है। श्री खत्री ने कहा कि जिला में कोरोना योद्धा सक्रिय भूमिका निभाते हुए कोरोना संक्रमण के खिलाफ लड़ाई में अग्रिम पंक्ति में खडे़ हैं। उन्होंने कहा कि जिला गुरूग्राम में एसिंप्टोमैटिक अर्थात् जिसमें कोरोना संक्रमण के लक्षण कम हैं , की संख्या अधिक है और यह हमारे लिए गर्व का विषय है कि जिला में ठीक होकर डिस्चार्ज होने की वालों की संख्या अधिक है, इसलिए लोग घबराएं नही और सावधानी व सतर्कता से काम करें। जिला प्रशासन द्वारा कोरोना संक्रमित मरीजों की हर संभव मदद की जा रही है। कोरोना संक्रमित मरीजों की क्षेत्रवार मैपिंग की गई है ताकि उन्हें जरूरत पड़ने पर तुरंत संबंधित मैडिकल अधिकारी द्वारा सहायता उपलब्ध करवाई जा सके।
मैडिकल सुविधाओं संबंधी अधिक जानकारी के लिए जिला प्रशासन का हैल्पलाइन नंबर-1950 पर संपर्क किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि जिला में कोरोना संक्रमित मरीजों को उनके घर के निकट आइसोलेशन सुविधा उपलब्ध करवाने की दिशा में काम किया जा रहा है इसके लिए आरडब्ल्यूए संस्थाओं तथा ग्राम पंचायतों द्वारा संपर्क किया जा रहा है कि वे अपने क्षेत्र में निकट ऐसे स्थानों की सूची बनाएं जहां लोगों को आइसोलेशन सुविधा दी जा सकती है।