गुरुग्राम। हरियाणा में आज कुल 168 कोविड-19 वायरस संक्रमित व्यक्तियों की पुष्टि हुई है। यहां अब कुल संक्रमित मरीजों की संख्या दो हजार को पार कर गई है और 1023 व्यक्ति अस्पताल में इलाज करवा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि अब तक 11 सौ से अधिक संक्रमित व्यक्ति ठीक हो चुके हैं जबकि इस संक्रमण के शिकार हुए 20 लोगों की जान चली गई है। आज मिले नए पॉजिटिव मामले में से एक बार फिर सबसे अधिक 97 व्यक्ति गुरुग्राम से मिले हैं जबकि फरीदाबाद से संक्रमित व्यक्तियों की संख्या 28 है।
आज मिले नए मामले में से अंबाला से चार ,पानीपत से एक, पलवल से एक व्यक्ति, करनाल से एक व्यक्ति, भिवानी से 20 व्यक्ति, नारनौल से दो व्यक्ति और हिसार से 9 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि की गई है।
लगभग 1 माह पहले तक हरियाणा सरकार अपने सर्वाधिक जिले को ग्रीन और ऑरेंज जोन में बताते थकती नहीं थी लेकिन पिछले 2 सप्ताह में प्रदेश में हालात बदल चुके हैं क्योंकि बेहद तेज गति से लगभग सभी जिले में कोविड-19 वायरस संक्रमित व्यक्तियों के मामले सामने आने लगे हैं।
एक तरफ केंद्र सरकार की ओर से दी गई छूट का फायदा उठाने के लिए बेसब्र हरियाणा सरकार ने कुछ क्षेत्रों को छोड़कर औद्योगिक व्यावसायिक एवं अन्य गतिविधियों को चरणबद्ध तरीके से संचालित करने की अनुमति दे दी तो दूसरी तरफ लॉक डाउन के पांचवें चरण का आरंभ आते आते यहां संक्रमण की रफ्तार और नियंत्रित हो गई है।
लोगों में इस बात का भय समाने लगा है कि अब गुरुग्राम जैसे औद्योगिक शहरों कोही कोविड-19 वायरस ने अपनी चपेट में ले लिया है और दिन प्रतिदिन यहां संक्रमित व्यक्तियों की संख्या बढ़ रही है। पिछले 1 सप्ताह का रिकॉर्ड यह दर्शाता है कि गुरुग्राम में प्रतिदिन औसतन 15 से 20 नई संक्रमित व्यक्ति सामने आते थे लेकिन अब यह औसत 3 गुना से भी अधिक बढ़ गया है और 33 की संख्या से सीधा उछाल मारते हुए 68 पर पहुंचा और फिर 115 फिर 157 और आज भी 97 व्यक्ति के संक्रमित होने की पुष्टि स्वास्थ्य विभाग ने की है।
फरीदाबाद जिला एक तरफ से दिल्ली तो दो तरफ उत्तर प्रदेश जबकि एक तरफ राजस्थान से सटा हुआ है मैं भी संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है। हालांकि सरकारी तौर पर तर्क यह दिया जाता रहा कि दूसरे राज्यों से खासकर दिल्ली से कोविड-19 वायरस संक्रमित व्यक्ति हरियाणा के शहरों में आ रहे हैं और इसी कारण से यहां संक्रमित मरीज पाए जा रहे हैं। हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज लगातार यह तर्क देते रहे कि गुड़गांव फरीदाबाद पानीपत सोनीपत में मिलने वाले संक्रमित व्यक्ति में से अधिकतर दिल्ली में काम करने वाले या फिर दिल्ली के लोगों के साथ व्यापार करने वाले या व्यवसाय करने वाले हैं लेकिन अब मामला उलट चुका है।
गुरुग्राम जैसे जिला में शहरी क्षेत्र हो या फिर ग्रामीण शायद ही कोई ऐसा इलाका बचा है जहां संक्रमण होने की पुष्टि नहीं हुई हो। अब तो हालात इस कदर खराब हो चुके हैं कि जिले का सीएमओ स्वयं मीडिया के सामने सिविल हॉस्पिटल में वेद उपलब्ध नहीं होने का रोना रोते हैं और एसिंप्टोमेटिक कोरोनावायरस संक्रमित व्यक्तियों को उनके घर पर ही सेल्फ आइसोलेशन की सलाह दे रहे हैं। सरकार या स्वास्थ विभाग इस बात से पूरी तरह बेखबर है कि अधिकतर निम्न मध्यमवर्गीय कालोनियों के लोग संक्रमित हो रहे हैं और उनमें से कोई किराए पर रहते हैं तो कोई बहुत छोटे 50 गज के मकान में।
छोटे मकानों में रहने वाले संक्रमित व्यक्ति के 7 कम से कम चार से पांच सदस्य रहते हैं और उनका अपने ही घर में सेल्फ आइसोलेशन होना व्यापारिक दृष्टि से संभव कतई नहीं है। ऐसे में उस परिवार के सभी सदस्यों के संक्रमित होने का खतरा प्रबल है जबकि कंटेनमेंट जॉन पर 24 घंटे निगरानी रखने के निर्देश का भी कोई पालन इस शहर में नहीं किया जा रहा है।
संक्रमित व्यक्ति कहां जा रहे हैं कहां रह रहे हैं इस पर भी ना तो स्वास्थ्य विभाग निगरानी रख रहा है और ना ही अलग-अलग क्षेत्रों के लिए नियुक्त नोडल अधिकारी या फिर संबंधित थाना क्षेत्र के पुलिस अधिकारी।
हालांकि जिला उपायुक्त ने एक बयान जारी कर लोगों को समझाने की कोशिश अवश्य की कि एसिंप्टोमेटिक संक्रमित व्यक्तियों को सेल्फ आइसोलेशन में रहने से कोई खतरा नहीं है लेकिन जब संक्रमण ही स्पर्श से होने वाला है फिर सेल्फ आइसोलेशन या होम आइसोलेशन में आखिर थोड़ी सी असावधानी से संक्रमण को बढ़ावा मिलने से कैसे रोका जा सकेगा।
दूसरी तरफ संक्रमित व्यक्ति जब स्वास्थ्य विभाग से या फिर कोविड-19 हेल्पलाइन पर संपर्क साधा है तो उन्हें मदद मुहैया कराने की बजाय निजी अस्पतालों में अपने खर्च पर एडमिट होने की सलाह दी दी जाती है। गुरुग्राम के डॉक्टर संक्रमित व्यक्तियों को केंद्र सरकार हरियाणा स्वास्थ्य विभाग और आईसीएमआर की ओर से जारी गाइडलाइन का हवाला देते हुए यह समझाने की कोशिश की जा रही है कि उनका निर्देश अब एसिंप्टोमेटिक संक्रमित व्यक्तियों के लिए स्पष्ट है कि उन्हें अस्पताल में जगह नहीं मिलेगी बल्कि अपने घरों पर ही किसी भी परिस्थिति में सेल्फ आइसोलेशन में ही रहना होगा।
एक तरफ संक्रमण तेजी से फैल रहा है दूसरी तरफ सरकारी एजेंसियों का यह रवैया सामने आ रहा है। ऐसे में गुरुग्राम हो या फरीदाबाद सोनीपत हो या पानीपत अंबाला हो या भिवानी या फिर हिसार या मुख्यमंत्री का शहर करनाल सभी जिले के लोगों को अब खुद ही इस संक्रमण से लड़ने की व्यवस्था करनी होगी और उन्हें इससे शायद समझ लेना होगा कि एक तरफ उन्हें अपने शरीर की रोग से लड़ने की क्षमता को भी बढ़ाना होगा जबकि संक्रमित होने के बाद अपने ऊपर होने वाले इलाज के खर्च भी वहन करने होंगे।
गुरुग्राम जिला प्रशासन की ओर से आज कोविड-19 हेल्पलाइन की कॉल सेंटर के फोटोग्राफ्स जारी कर यह सिद्ध करने की कोशिश की गई है कि हेल्पलाइन पूरी तरह से जनहित के लिए समर्पित है जबकि हकीकत कुछ और है। लोगों को ना तो सही सलाह मिल रही है और ना ही संक्रमित होने के बाद उनकी जांच के लिए कोई मुकम्मल व्यवस्था या फिर संक्रमित व्यक्ति को मदद मुहैया कराने के नाम पर यत्र तत्र फोन करने के लिए भटकाने की कोशिश लगातार जारी है।
पिछले 10 दिनों में कई ऐसे संक्रमित मरीज सामने आए जिनके साथ दुखद बर्ताव किया गया और उन्हें इलाज या सही सलाह मुहैया कराने की बजाय अलग-अलग नंबरों पर फोन करने को कहा गया लेकिन अंततोगत्वा उनकी समस्या का निदान नहीं मिला और नहीं स्वास्थ विभाग की ओर से उन्हें कोई रिस्पांस मिला।