एम् पी के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने प्रियंका गांधी को अपने राज्य आने का न्योता क्यों दिया ?

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भोपाल : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी के बीच चल रहे एक हजार बस के वाक युद्ध में कूद गए हैं। उन्होंने प्रियंका गांधी को चुटीले अंदाज में उनके राज्य मध्यप्रदेश आकर श्रमिकों की सेवा करने के तौर तरीके सीखने का आमंत्रण दिया है। उन्होंने कांग्रेस महासचिव को श्रमिकों एवं मजदूरों के के दुख पर ऊंची राजनीति करने से बाज आने को कहा है। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश सरकार को 1010 प्रवासी श्रमिकों को घर पहुंचाने के लिए निशुल्क मुहैया कराने का ऑफर दिया था जिसे योगी सरकार ने स्वीकार करते हुए उन्हें पहले लखनऊ सभी बस भेजने को कहा जबकि बाद में कांग्रेस पार्टी की ओर से इसमें असमर्थता जताने के बाद उन्हें गाजियाबाद और नोएडा में सभी बसें उपलब्ध करवाने को कहा था।

साथ ही योगी सरकार ने सभी बसों के ड्राइवर की डिटेल बस की सूची एवं उसके फिटनेस तथा ड्राइवर व कंडक्टर के कोरोनावायरस होने की रिपोर्ट सहित सभी आवश्यक कागजात भी उपलब्ध कराने को कहा था। योगी सरकार और कांग्रेस पार्टी के बीच में लगातार पिछले 3 से 4 दिनों के दौरान चिट्ठी युद्ध और वाक युद्ध के साथ साथ आगरा राजस्थान की सीमा पर धरना युद्ध भी जारी है। इस बीच कांग्रेस पार्टी की और से भेजी गई बस की सूचि में 50 से अधिक नंबर अम्बुलेंस, स्कूटर, थ्री व्हीलर के हैं जिनको लेकर यूपी में प्रियंका गांधी के सचिव और यूपी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ फर्जीवाड़े का मामला भी दर्ज कराया गया है.

ऐसे में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ओर से प्रियंका गांधी को मध्य प्रदेश आने का न्योता देना और वहां की व्यवस्था को देखकर श्रमिकों की सेवा सीखने की नसीहत देने से बस राजनीति में नया मोड़ आने की संभावना है। गौरतलब है कि कुछ दिनों पूर्व ही मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार को सत्ता से बाहर होना पड़ा था और भारतीय जनता पार्टी के नेता शिवराज सिंह चौहान पुनः गद्दी पर बैठे जिसमें कांग्रेस पार्टी के कभी कद्दावर नेता और गांधी परिवार के बेहद करीबी रहे पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने समर्थक विधायकों के साथ भाजपा ज्वाइन कर ली थी।

शिवराज सिंह ने ट्वीट क्र कहा है कि ” प्रियंका जी, संकट की इस घड़ी में अपनी निकृष्टतम राजनीति के लिए मजदूरों को मोहरा मत बनाइये। उनकी हाय लगेगी। उनके साथ-साथ यह देश और दुनिया भी आपकी कथनी और करनी में अंतर को साफ-साफ देख रही है। छल नहीं, सेवा कीजिए, यही सच्ची राजनीति है।अपने और दूसरे राज्यों के श्रमिक भाइयों को उनके घरों एवं राज्यों तक पहुँचवाने के लिए हम एक हजार से अधिक बसें रोज चलवा रहे हैं। देश के दूसरे राज्यों में फँसे अपने 4.5 लाख मजदूर भाई-बहनों को अब तक ट्रेनों और बसों से हम उन्हें उनके घर पहुँचवा चुके हैं।”

उन्होंने कहा है कि ” प्रियंका जी, अगर आपको सच में श्रमिकों की मदद करनी है, तो मध्यप्रदेश आइये। हमारे यहॉं की व्यवस्थाऍं देखिये, सीखिए; उससे आपको मदद मिलेगी। मध्यप्रदेश की धरती पर आपको कोई मजदूर भूखा, प्यासा और पैदल चलता हुआ नहीं मिलेगा। हमने कारगर इंतजाम किये हैं।”

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