सुभाष चंद्र चौधरी
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से दिल्ली वासियों से लॉक डाउन के चौथे चरण के स्वरूप को लेकर मांगे गए सुझाव में अधिकतर लोगों ने शिक्षण संस्थान, सिनेमा हॉल ,मॉल और सैलून एवं स्पा को अभी बंद रखने की मांग की है जबकि मेट्रो और बस चलाने का सुझाव दिया है। इसके अलावा लोग दिल्ली में सभी रेस्टोरेंट को खोलने की मांग कर रहे हैं चाहे केवल होम डिलीवरी की अनुमति ही क्यों ना दी जाए। दिल्ली सरकार द्वारा जारी व्हाट्सएप नंबर, ईमेल और टेलीफोन पर आए 5 लाख से अधिक लोगों की सुझाव के आधार पर केंद्र सरकार के विचार के लिए लॉक डाउन के बारे में प्रस्ताव भेजा गया है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री केजरीवाल ने बताया है कि दिल्ली वासियों की ओर से 24 घंटे के दौरान लगभग 4:45 लाख व्हाट्सएप मैसेज 10700 लोगों ने ईमेल के माध्यम से सुझाव दिए जबकि 39000 लोगों ने फोन के माध्यम से अपनी बात रखी।
उल्लेखनीय है कि श्री केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों से पूर्णा संकट से निबटने और लॉक डाउन के चौथे चरण में किस प्रकार की व्यवस्था की जाए इसको लेकर लोगों से सुझाव मांगा था। उन लोगों से लॉक डाउन में क्या खुली रखना चाहिए और किस पर पाबंदी लागू रखनी चाहिए इसको लेकर की भी अपने विचार व्यक्त करने को कहा था
लोगों के सुझावों की आधार पर दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार को लॉक डाउन के बारे में जारी रखने या फिर इसे पूरी तरह हटाने के संबंध में प्रस्ताव भेजने का निर्णय लिया था। अब जबकि लगभग 500000 लोगों ने अलग-अलग माध्यम से अपने विचार व्यक्त किए हैं और दिल्ली को पुनः पटरी पर लाने की रूपरेखा के संबंध में सुझाव दिए हैं दिल्ली सरकार ने भी इनमें बहुतायत लोगों द्वारा उठाए गए विषयों पर विचार कर एक विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर दिल्ली के उपराज्यपाल के माध्यम से केंद्र सरकार को भेजा है।
मुख्यमंत्री केजरीवाल के अनुसार दिल्ली के लोगों ने उनकी मांग पर सुझाव की अंबार लगा दिए हैं। सुझाव देने वालों में भी विभिन्न प्रोफेशन से संबंधित लोग हैं जबकि आम जनता ने भी बेहद महत्वपूर्ण बातें की है। उन्होंने बताया है कि दिल्ली के लोग रेस्टोरेंट में खाना खाने के शौकीन हैं ले आजा अधिकतर लोगों ने रेस्टोरेंट्स खोलने की मांग की है लेकिन सावधानी बरतने की दृष्टि से होम डिलीवरी की अनुमति देने की वकालत की है। अधिकतर लोगों ने दिल्ली में पिछले डेढ़ माह से भी अधिक समय से प्रतिबंधित आवाजाही को लेकर भी अपने सुझाव दिए हैं। लोगों ने मेट्रो ऑटो और टैक्सी पुणे चलाने की मांग की है। यह भी कहा है कि इसमें सोशल डिस्टेंसिंग के लिए आवश्यक शर्तों का पालन अवश्य कराया जाए। इसके अलावा लोगों ने दिल्ली के सभी पार्क खोलने की भी मांग की है। लोगों का मानना है कि पाक खुलने से दिल्लीवासी एक बार फिर अपने स्वास्थ्य के मद्देनजर मॉर्निंग इवनिंग वॉक और योगा सहित अन्य आवश्यक गतिविधियां कर पाएंगे।
दिल्ली के लोगों ने राजधानी के सभी इलाके में बाजार खुलवाने की भी सलाह दी है। यह सलाह देने में लोगों ने सावधानी भी बरतने को कहा है। अधिकतर लोगों ने सुझाव दिया है कि बाजार में और निबंध फार्मूले के तहत दुकानों को खोलने की व्यवस्था की जाए जिससे एक बार कि बाजार में भी न बढ़े और सोशल डिस्टेंसिंग का सिस्टम लागू रहे।
सुझाव में यह भी कहा गया है कि ट्रेन से उतरने वाले यात्रियों के लिए डीटीसी की बसें शुरू की जाएं। दिल्ली के लोगों के दिल में क्या है इसका भरपूर इजहार लोगों ने दिल्ली सरकार के व्हाट्सएप पर किया है।
गौरतलब है कि देश की राजधानी दिल्ली में पिछले 1 माह से भी अधिक समय से कोविड-19 संक्रमण की रफ्तार लगभग एक समान है और प्रतिदिन 300 से 400 की बीच में नए संक्रमित मरीजों के सामने आमने आने की घटना से लोग परेशान हैं। दिल्ली सरकार की भी एक बड़ी चुनौती के रूप में है इसलिए लॉक डाउन के चौथे चरण की दृष्टि से दिल्ली सरकार ने लोगों को भी अपने फैसले में शामिल करने का यह तरीका ढूंढा और उनसे व्हाट्सएप ईमेल और टेलीफोन के माध्यम से सुझाव मांगे। संक्रमण की बढ़ती रफ्तार के कारण बहुतायत में लोगों ने कई प्रकार की सेवाओं और सुविधाओं को आगे भी पूर्णतया बंद रखने को कहा है।
अगर बात की जाए हेयर कटिंग सैलून और स्पा की तो इसको लेकर अधिसंख्य लोगों ने इसे पूरी तरह बंद रखने का सुझाव दिया है क्योंकि इस प्रकार की प्रोफेशन में सोशल डिस्टेंसिंग के सिस्टम को बनाए रखना संभव नहीं है। लोगों के मन में आशंका है कि अगर इसे खोला गया तो फिर संक्रमण की रफ्तार और तेज हो सकती है। लोगों ने सिनेमा हॉल थिएटर और स्विमिंग पूल जैसे सुविधाओं को भी पूरी तरह बंद रखने को कहा है।
शिक्षण संस्थान को लेकर लोगों ने बेबाकी से अपनी बात दिल्ली सरकार के समक्ष रखी है। दिल्ली के बहुतायत लोग चाहते हैं कि गर्मी की छुट्टियों तक राजधानी में सभी स्कूल कॉलेज और अन्य शिक्षण संस्थानों को पूरी तरह बंद रखा जाए।
दिल्ली वासियों ने लगभग सर्वसम्मति से संक्रमित क्षेत्र यानी कंटेनमेंट जॉन या हॉटस्पॉट एरिया को लेकर एक जैसा सुझाव दिया है। दिल्लीवासी कंटेनमेंट जॉन को पूरी तरह सख्ती के साथ प्रतिबंधित रखने के पक्ष में है।
एक तरफ जहां रेस्टोरेंट को खोलने की अनुमति देने की मांग की है तो दूसरी तरफ बहुमत में लोगों ने होटल को अभी पूरी तरह बंद रखने की सिफारिश की है।
राजधानी में रहने वाले लोग अपनी आजीविका के साधन को लेकर भी चिंतित हैं। यहां औद्योगिक एवं व्यावसायिक गतिविधियों के बंद होने से रोजगार समाप्त होने की समस्या भी परेशान कर रही है। इसलिए लोगों ने फैक्ट्रियां चलाने की अनुमति देने की सिफारिश की है।
इसके अलावा लोगों ने अपने सुझाव देने के साथ-साथ कई सवाल भी दिल्ली सरकार से किए हैं। ने पूछा है कि आखिर शाम 7:00 बजे से सुबह 7:00 बजे तक घर से नहीं निकलने की पाबंदी का क्या मतलब है। चाहती हैं कि इस प्रकार की पाबंदी नहीं लगे लेकिन बुजुर्गों को अभी भी घर से नहीं निकलने देने के सरकार के फैसले का समर्थन किया है।
लोगों के सुझाव से यह स्पष्ट हो गया है कि किसी भी प्रकार की राहत देने की 77 सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन कराने की बात भी खुद-ब-खुद लोगों के द्वारा इन सुझाव में की गई है। सरकार द्वारा घोषित मांस पहनने के नियम का पालन करने की दृष्टि से भी लोगों ने इसे सख्ती से लागू करने और इसका पालन नहीं करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का सुझाव दिया है।
खासकर ई रिक्शा ऑटो और टैक्सी चलाने की मांग करते हुए लोगों ने यह सुझाव भी दिया है कि प्रत्येक यात्री के गंतव्य स्थान पर पहुंचने के बाद उन सभी वाहनों को डिसइन्फेक्शन या सेनीटाइज करने का नियम भी लागू कराया जाए। जहां तक डीटीसी बसों के चलाने का सवाल है उसमें भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने को लेकर दिल्लीवासी बेहद संवेदनशील दिख रहे हैं और उन्होंने प्रत्येक बस में केवल 20 से 25 सवारियों के यात्रा करने की अनुमति देने की सलाह दी है
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने बताया है कि इन सुझावों के आधार पर दिल्ली सरकार ने एक प्रस्ताव दिल्ली के उपराज्यपाल के साथ बैठक कर केंद्र सरकार को भेज दिया है। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग बैठक के दौरान अधिकतर राज्यों ने संक्रमण परकोविड-19 वायरस की रोकथाम की दृष्टि से लॉक डाउन को एक्सटेंड करने की मांग की थी। प्रधानमंत्री ने बैठक के दौरान सभी राज्यों से लॉक डाउन के अगले चरण के स्वरूप को लेकर अपने अपने सुझाव केंद्र को भेजने को कहा था। लोक डाउन का तीसरा चरण 17 मई को समाप्त होने को है और उम्मीद जताई जा रही है कि सभी राज्य सरकारों की ओर से आए सुझावों के आधार पर केंद्र सरकार अगले लॉक डाउन के स्वरूप को लेकर निर्णय लेगी। चर्चा यह है कि लोकधुन के चौथे चरण के स्वरूप के बारे में केंद्र सरकार की गाइडलाइन 17 मई से पूर्व आ सकती है।
हालांकि हरियाणा जैसे कई राज्यों ने राज्य स्तर पर ही निर्णय लेकर औद्योगिक एवं व्यावसायिक के साथ साथ चुनिंदा मार्गों पर बरसे चलाने और अन्य वाणिज्यिक गतिविधियों को संचालित करने का निर्णय लिया है। अगले 2 दिनों में संक्रमण की रोकथाम को लेकर केंद्र सरकार क्या निर्णय लेगी और अब तक जारी गाइडलाइन में किस प्रकार के बदलाव करती है इसका देश को इंतजार है।