नई दिल्ली। लॉकडाउन के दौरान देश भर में अंतरराज्यीय आवाजाही के लिए खाली ट्रकों सहित मालवाहकों के ड्राइवरों/ ट्रांसपोर्टरों की शिकायतों/ मुद्दों का समाधान तीव्र गति से सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार ने गृह मंत्रालय के नियंत्रण कक्ष का उपयोग करने का निर्णय लिया है। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) के अधिकारियों को भी इस नियंत्रण कक्ष में तैनात किया जा रहा है।
लॉकडाउन के दौरान गृह मंत्रालय के नियंत्रण कक्ष का नंबर 1930 है जहां पर लॉकडाउन से संबंधित कोई भी शिकायत दर्ज कराने के लिए चालकों/ ट्रांसपोर्टरों के द्वारा लाभ उठाया जा सकता है। इसके अलावा, एनएचएआई हेल्पलाइन नंबर 1033 है जो कि राष्ट्रीय राजमार्ग से संबंधित शिकायतों के लिए भी उपलब्ध है।
एमओआरटीएच, एनएचएआई, राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के परिवहन विभाग और परिवहन संघ ड्राइवरों/ ट्रांसपोर्टरों को उचित जानकारी प्रदान करने के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे। गृह मंत्रालय के नियंत्रण कक्ष में एचओआरटीएच से प्रतिनियुक्त होकर आए अधिकारी परिवहन क्षेत्र/ चालकों से संबंधित शिकायतों को लिखने/ शिकायतों का समाधान करने में सहायता करेंगे। एमओआरटीएच के अधिकारी इस प्रकार की शिकायतों पर दैनिक रिपोर्ट भी संग्रहित करेंगे।
यह कहा जा सकता है कि लॉकडाउन के दौरान आवागमन को गृह मंत्रालय के आदेशों और दिशा-निर्देशों द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
इसमें ड्राइवरों और ट्रांसपोर्टरों द्वारा खाली ट्रकों सहित मालवाहकों से संबंधित और ड्राइवर/ क्लीनर द्वारा उनके निवास से लेकर ट्रक पार्किंग क्षेत्र तक जाने के लिए अंतरराज्यीय आवागमन से संबंधित किए गए शिकायतों का निवारण करने का प्रावधान है।
इस तंत्र के माध्यम से भारत में कोविड-19 महामारी पर अंकुश लगाने के लिए लॉकडाउन की घोषणा के दौरान राज्यों/ संघ शासित प्रदेशों में सामाग्रियों की आवाजाही में उत्पन्न हो रही समस्याओं का समाधान होने की उम्मीद है।