वित्‍त मंत्री ने जाने-माने अर्थशास्त्रियों के साथ बजट-पूर्व बैठक में की चर्चा

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नई दिल्ली। केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने आगामी आम बजट 2020-21 के संबंध में आज नई दिल्‍ली में जाने-माने अर्थशास्त्रियों के साथ अपनी आठवीं बजट-पूर्व सलाह-मशविरा बैठक की।

विचार-विमर्श के दौरान जिन विषयों पर फोकस किया गया उनमें देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्‍यवस्‍था बनाने के लिए संभावित आवश्‍यक कदम, विनिर्माण एवं सेवाओं पर ध्‍यान केन्द्रित करते हुए रोजगार उन्‍मुख विकास, राजकोषीय गणना में पारदर्शिता, मौद्रिक नीति संबंधी लाभ देना, सरकार की ओर से राजकोषीय विवेक एवं राजकोषीय प्रोत्‍साहन, गैर बैंकिंग वित्‍तीय कम्‍पनियों (एनबीएफसी) का पुनरुद्धार और महंगाई को लक्षित करना मुख्‍य थे।

इस बैठक में वित्‍त सचिव राजीव कुमार, आर्थिक कार्य विभाग में सचिव श्री अतानु चक्रबर्ती, राजस्‍व सचिव अजय भूषण पांडेय, डीआईपीएएम में सचिव तुहिन कांत पांडेय, सीबीडीटी के अध्‍यक्ष प्रमोद चन्‍द्र मोदी, मुख्‍य आर्थिक सलाहकार डॉ. के.वी. सुब्रमण्‍यन और वित्‍त मंत्रालय के अन्‍य वरिष्‍ठ अधिकारी भी शामिल थे।

अर्थशास्‍त्रियों ने भारत की विकास गाथा के प्रति अपनी उम्‍मीदें व्‍यक्‍त करते हुए वे तरीके सुझाये, जिनकी मदद से भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्‍यवस्‍था बनाने के लक्ष्‍य की प्राप्ति की जा सकती है। इसी तरह देश में आर्थिक विकास की गति बनाए रखने के लिए और अधिक निवेश आकर्षित करने, सभी सेक्‍टरों में नीतिगत विषयों को सुव्‍यवस्थित करने एवं नीतिगत मुद्दों को तेजी से सुलझाने, राजकोषीय प्रबन्‍धन, विद्युत क्षेत्र में सुधार, वस्‍तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के सरलीकरण से जुड़े ढांचागत सुधारों एवं प्रत्‍यक्ष कर संहिता संबंधी सुधारों के जरिये दीर्घकालिक सुधारों पर फोकस करने, अर्थव्‍यवस्‍था के लिए आपूर्ति श्रृंखलाओं (सप्‍लाई चेन) को सुरक्षित बनाने, राजकोषीय घाटे, आर्थिक नीति निर्माण में निरंतरता, भूमि एवं श्रम सुधारों, ग्रामीण क्षेत्रों में मांग बढ़ाने के तरीकों, वित्‍तीय बाजारों की निगरानी बढ़ाने, अल्‍प बचत दर में वृद्धि, कृषि निर्यात और वित्‍तीय बचत बढ़ाने के लिए प्रक्रियाओं को सरल बनाने के बारे में भी अनेक अहम सुझाव इस दौरान दिए गए।

इस बैठक के प्रमुख प्रतिभागियों में नीलकंठ मिश्रा, क्रेडिट सुईस; रथिन रॉय, निदेशक, एनआईएफपी; सुनील जैन, प्रबंध संपादक, फाइनेंशियल एक्सप्रेस; शेखर शाह, महानिदेशक, एनसीएईआर; अरविंद विरमानी, अर्थशास्त्री; सुरजीत एस. भल्ला, प्रबंध निदेशक, ओ (एक्स) यूएस इन्‍वेस्‍टमेंट; अभीक बरुआ, मुख्य अर्थशास्त्री, एचडीएफसी बैंक; सौम्य कांति घोष, समूह के मुख्य आर्थिक सलाहकार, भारतीय स्टेट बैंक; अजीत मिश्रा, निदेशक, आर्थिक विकास संस्थान; अजीत रानाडे, मुख्य अर्थशास्त्री, आदित्य बिड़ला समूह; प्रसन्ना तंत्री, सहायक प्रोफेसर (वित्त), इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस; राहुल बाजोरिया, मुख्य अर्थशास्त्री, बार्कलेज इन्वेस्टमेंट बैंक और सुवोदीप रक्षित, वाइस प्रेसीडेंट, कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड; सचिन चतुर्वेदी, महानिदेशक, आरआईएस, इत्‍यादि शामिल थे।

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