दुर्गा पूजा समितियों को नोटिस नहीं टेंट के ठेकेदारों को आयकर नोटिस

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सीबीडीटी ने दुर्गा पूजा समितियों को आयकर नोटिस भेजे जाने से संबंधित खबरों का खंडन किया

सुभाष चौधरी /प्रधान संपादक 

नई दिल्ली : मीडिया के एक वर्ग में इस आशय की खबरें आई हैं कि हाल ही में कोलकाता में दुर्गा पूजा समितियों को आयकर नोटिस भेजे गए हैं। इन रिपोर्टों में इस बात का भी उल्‍लेख किया गया है कि दुर्गा पूजा समितियों को आयकर नोटिस पिछले कुछ हफ्तों के दौरान भेजे गए थे। यह स्‍पष्‍ट किया जाता है कि इस आशय की खबरें तथ्‍यात्‍मक रूप से गलत हैं और इनका जोरदार शब्‍दों में खंडन किया जाता है। यह बिल्‍कुल सच है कि इस वर्ष विभाग द्वारा दुर्गा पूजा समिति फोरम को कोई भी नोटिस नहीं भेजा गया है।

हालांकि, विभाग को इस आशय की सूचनाएं मिल रही थीं कि पूजा समितियों के लिए काम कर रहे अनेक ठेकेदार टैक्‍स अदा नहीं कर रहे थे। इसे ध्‍यान में रखते हुए आयकर अधिनियम 1961 की धारा 133(6) के तहत दिसंबर 2018 में लगभग 30 समितियों को नोटिस भेजे गए थे और उन ठेकेदारों एवं इवेंट मैनेजरों को किए गए भुगतान पर टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) से संबंधित विवरण देने को कहा गया था जिनकी सेवाएं पूजा आयोजन के लिए समितियों द्वारा ली गई थीं। इसके तहत टीडीएस स्‍टेटमेंट भी देने को कहा गया था। यह विभाग के टीडीएस प्रकोष्‍ठ की कवायद का एक हिस्‍सा था जिसका उद्देश्‍य यह सुनिश्चित करना था कि ठेकेदार और इवेंट मैनेजर अपने-अपने करों की अदायगी समय पर करें। कई समितियों ने स्रोत पर कर कटौती के साथ-साथ सरकारी खाते में इसे जमा करने से जुड़े साक्ष्‍यों का संकलन कर इन्‍हें प्रस्‍तुत किया।

उल्‍लेखनीय है कि कई समितियों ने विभाग से शैक्षणिक सत्रों का आयोजन करने का अनुरोध किया था ताकि टीडीएस के प्रावधानों के बारे में समितियों को विस्‍तार से बताया जा सके। इसे ध्‍यान में रखते हुए दुर्गा पूजा समितियों के अनुरोध पर ही उनके लिए इस आशय का एक संपर्क (आउटरीच) कार्यक्रम 16 जुलाई 2019 को आयोजित किया गया था। फोरम के लगभग 8 सदस्‍यों ने स्‍वेच्‍छापूर्वक इस कार्यक्रम में भाग लिया था और उन्‍हें टीडीएस के प्रावधानों से अवगत कराया गया था। टीडीएस प्रावधानों से संबंधित उनकी शंकाओं का निराकरण किया गया था।

यह बात दोहराई जा रही है कि उपर्युक्‍त कवायद किसी भी रूप में पूजा समितियों के खिलाफ नहीं है और इसका उद्देश्‍य केवल यह सुनिश्चित करना रहा है कि ठेकेदार और इवेंट मैनेजर निर्धारित समय पर अपने टैक्‍स का सही ढंग से भुगतान कर दें।

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