नई दिल्ली। आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) हो सकते हैं। 15 अगस्त को लाल किले से भाषण देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की सेनाओं से जुड़े उस फैसले का ऐलान किया जिसके बारे में कारगिल की जंग के बाद से मांग की जा रही थी। पीएम मोदी ने देश के लिए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ यानी सीडीएस के बारे में बड़ी घोषणा की है। पीएम मोदी के इस ऐलान के बाद अब इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि सेना प्रमुख रावत को पीएम बड़ी जिम्मेदारी सौंप सकते हैं।
पीएम मोदी ने गुरुवार को सीडीएस का जिक्र किया और लाल किले से पहली बार इस बारे में जानकारी दी है। पीएम मोदी ने कहा है, ‘हमारी सेनाएं भारत का गौरव हैं। सेनाओं में आपसी सहयोग को और मजबूत करने के लिए मैं लाल किले से बड़े फैसले की घोषणा करना चाहता हूं।’ पीएम मोदी ने आगे कहा, ‘भारत के पास एक चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ-सीडीएस होगा।’
आपको बता दें कि कारगिल की जंग के बाद बनाई गई सुब्रहमण्यम कमेटी में सीडीएस की मांग की गई थी। सरकार ने पिछले वर्ष भी इस तरफ इशारा किया था। विशेषज्ञ मान रहे हैं कि पीएम मोदी का लाल किले से इस ऐलान के बारे में बताने का मतलब है कि सरकार अब तैयार है और जल्द ही इस व्यवस्था को लागू किया जा सकता है। हालांकि रक्षा मंत्रालय की ओर से अभी तक इस पर कोई भी आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
सीडीएस, बीजेपी सरकार की ओर से सेनाओं से जुड़ा एक बड़ा बदलाव होगा। सीडीएस के तहत एक फोर स्टार जनरल, इसे लीड करेगा। इसमें सेनाओं को एक साथ मिलकर ऑपरेशन की तैयारी और उनके आधुनिकीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा।
पिछले वर्ष जब मनोहर पार्रिकर रक्षा मंत्री थे तो उन्होंने इस प्लान को मंजूरी दी थी। वर्तमान में तीनों सेनाओं का मुखिया ही फोर स्टार जनरल होता है। हालांकि वर्तमान समय में तीनों सेनाओं का एक मुखिया होता है लेकिन वह थ्री स्टार जनरल होता है। हथियार खरीद प्रक्रिया हो या फिर ज्वॉइन्ट प्लानिंग या फिर ट्रेनिंग, इन सब क्षेत्रों में इस थ्री स्टार जनरल की शक्तियां बहुत ही सीमित होती हैं।