” डॉक्टर बनना चाहते थे मनोहर लाल ”

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विद्यार्थियों से रूबरू हरियाणा के मुुख्यमंत्री
गणित व भौतिकी में विशेष रूचि
गुडग़ांव । हरियाणा के मुुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि एक शिक्षक को शिक्षण का कार्य मिशन के रूप में लेना चाहिए और शिक्षक का उद्देश्य यह रहना चाहिए कि उसके द्वारा पढ़ाए जाने वाले विद्यार्थी उससे भी आगे निकल जाएं। उन्होंने कहा कि शिक्षक को अपना सारा ज्ञान विद्यार्थियों में उड़ेल देना चाहिए ताकि देश का निर्माण अच्छी प्रकार से हो सकें। अपनी रूचि वाले विषय के सवाल पर उन्होंने कहा कि वे डॉक्टर बनना कहते थे ।
मुख्यमंत्री शिक्षक  दिवस पर गुडगांव के चक्करपुर गांव के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में 9वीं तथा 10वीं कक्षा के विद्यार्थियों के साथ बातचीत  कर रहे थे । इस अवसर पर उन्होंने देश के दूसरे राष्ट्रपति डा.सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धाजंलि दी।
स्कूल के विद्यार्थियों से रूबरू होते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ज्ञान की कोई सीमा नहीं होती।  ज्ञान अपार होता है और सीखने की भी कोई सीमा नहीं होती। आप जितना ज्यादा सीखते जाओगे, उतना ही निखार आता जाएगा। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि सामान्य ज्ञान के पाठयक्रम की कोई सीमा नहीं हैं आप जितना ज्यादा सामान्य ज्ञान की जानकारी रखेंगे आपमें उतना ही निखार आता जाएगा।
उन्होंने विद्यार्थियों से बातचीत करते हुए कहा कि जिस कक्षा में आप पढ़ रहे हैं, वे इस कक्षा में वर्ष 1969-70 में थे यानि 45 साल पहले की यादें ताजा हो गई हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 1970 में उन्होंने 10वीं उत्तीर्ण की थी। उन्होंने कहा कि हालांकि अब पढ़ाई में अंतर आ चुका है।  पहले उनके समयकाल में प्राईमरी कक्षाओं में सुलेख के लिए तख्ती लिखी जाती थी, जो अब शायद इस समय नहीं हैं। उन्होंने कहा कि आज की पढ़ाई में कम्प्यूटर होता है इससे पढाई का दिन-रात का अंतर आ गया है, परंतु मूलभूत बाते वहीं हैं।
विद्यार्थियों के साथ टयूशन के संबंध में बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आजकल लगभग सभी विद्यार्थी टयूशन पढऩे जाते हैं, परंतु उनके समयकाल में टयूशन जाने की प्रथा को अच्छा नहीं समझा जाता था।  आज उसका उल्टा हो गया है।  मुख्यमंत्री ने छात्रों से अंग्रेजी के शब्द पिक्चर की स्पैलिंग पूछी तो दो छात्रों ने गलत जबकि एक छात्र ने सहीं स्पैलिंग बताई ।  मुख्यमंत्री ने इस पर भी अपनी अंसतुष्टि जताई। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें फटाफट स्पैलिंग बताने का अभ्यास भी होना चाहिए।
उन्होंने गणित विषय के संबंध में ए स्केयर प्लस बी स्केयर का सवाल पूछा तो एक छात्रा ने तुरंत इसका उत्तर दिया । इसी प्रकार, मुख्यमंत्री ने कम्प्यूटर के माइक्रोसाफट एक्सेल के संचालन के संबंध में प्रश्र पूछे, जिसमें रो, कालम, सेल और ग्रीड लाईन तथा फोरमुला एक्सेल के प्रश्न शामिल थे। भारतीय संस्कृति के ज्ञान के संबंध में छात्रों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने साल के 12 महीनों के कैलेंडर जिसमें हिन्दी कैलेंडर के साथ-साथ अंग्रेजी कैलेंडर की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हिन्दी कैलेंडर भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना अंग्रेजी कैलेंडर हैं। उन्हेांने बताया कि हिन्दी कैलेंडर प्राकृतिक चीजों को जोड़ा जाता है जैसे कि पृथ्वी व चंद्रमा की गति और पृथ्वी व सूर्य की गति है। उन्होंने बताया कि अंग्रेजी कैलेंडर में पृथ्वी और सूर्य की गणना की जाती है परंतु हिन्दी कैलेंडर में पृथ्वी व चंद्रमा की गति के साथ-साथ पृथ्वी व सूर्य की गणना भी की जाती है। उन्होंने बताया कि पृथ्वी और चंद्रमा को विक्रमी समत कहा जाता है और पृथ्वी और सूर्य को शक समत कहा जाता है।
मुख्यमंत्री ने कक्षा के छात्रों से संक्राति आने के संबंध में प्रश्र किया, जिस पर एक छात्र ने सही उत्तर देते हुए बताया कि संक्रात हर माह आती है।
मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों से कहा कि उन्होंने कम्प्यूटर 30 वर्ष की आयु के बाद सीखा, हालांकि वे आज के कम्प्यूटर विद्यार्थियों से समान नहीं हैं, फिर भी वे कम्प्यूटर से जुड़े हुए हैं। उन्हेांने कहा कि आप कहीं से भी ज्ञान लें, अध्यापक से ज्ञान लें, साहित्य से ज्ञान लें, कम्प्यूटर से लें, बुजुर्गों से ज्ञान लें, परंतु लगातार आगे बढते रहें।
मुख्यमंत्री से छात्रों द्वारा उनके समयकाल के अध्यापकों के संबंध पूछे गए प्रश्रों के उत्तर में उन्होंंने कहा कि अध्यापक आदर्श होना चाहिए उससे प्रेरणा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक अध्यापक आदर्श होता है परंतु कुछ अध्यापक हमेशा याद रखे जाते हैें, जिनमें लद्दाराम जी उनके विशेष थे। उन्होंने बताया कि यह बात वर्ष 1965 की है और उस समय वह 5वीं कक्षा में थे। उनके अध्यापक लद्दाराम जी ने उन्हें उस समय के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पठन समयकाल की कहानी सुनाई।
एक विद्यार्थी द्वारा उनके विशेष रूचि वाले विषयों के संबंध में पूछे गए प्रश्र के उत्तर में उन्होंने बताया कि वे डाक्टर बनना चाहते थे, पंरतु स्थितियो के कारण ऐसा हो न सका। उन्होंने कहा कि उन्हें गणित व भौतिकी में विशेष रूचि हैं। विद्यार्थियों द्वारा उनके जीवन के संबंध् में पूछे गए प्रश्र के उत्तर में उन्होंने कहा कि हालांकि अब उनके जीवन में काफी अंतर आ गया है परंतु वे पहले ही की तरह जीवन में है, लेकिन थोडी एक्सेस की कमी आई है, क्योंकि वे इस समय ऐसे पद पर हैं जिसके कारण कुछ पांबदियां हैं ।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने स्कूल के कक्षा 6वीं से 12वीं तक के उत्कृष्ट विद्यार्थियों तथा अध्यापकों को सम्मानित किया। उन्होंने स्कूल की विभिन्न कक्षाओं में जाकर विद्यार्थियों से बातचीत भी की। इस अवसर पर उन्होंने गुुगल विज्ञान की ओर बस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया, जो दिल्ली के नेशनल साइंस म्यूजियम में छात्रों को लेकर गई है। मुख्यमंत्री ने स्कूल भवन तथा स्कूल की रोबोटिक लैब का भी उदघाटन किया।
इस अवसर पर लोक निर्माण मंत्री राव नरवीर सिंह, विधायक बिमला चौधरी, जिला परिषद अध्यक्ष कल्याण सिंह चौहान, हरियाणा डेयरी विकास निगम के चेयरमैन जीएल शर्मा, भाजपा मीडिया समन्वयक सूरजपाल अम्मू, ओएसडी मीडिया राजकुमार भारद्वाज, भाजपा जिलाध्यक्ष भूपेन्द्र चौहान, महामंत्री मनोज शर्मा, भाजपा प्रवक्ता सतप्रकाश जरावता, प्रवक्ता रमन मलिक, पुलिस आयुक्त संदीप ख्खिरवार, उपायुक्त टीएल सत्यप्रकाश सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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