गुरुग्राम । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि दुनिया आज हिंदुस्तान की ओर कातर नजरों से देख रही है कि भारत आज विश्व का नेतृत्व करें, इसलिए हमें उस दिशा में हमेशा सोचने और तत्परता से करने की जरूरत है। मेरे लिए प्रसन्नता का विषय है कि जो मुझे सबसे प्रिय काम है ऐसे अवसर पर मुझे आज आप के बीच आने का मौका मिला है । प्रधानमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि भारत की तकदीर टेक्नोलॉजी में है और जो टेक्नोलॉजी आप लेकर बैठे हैं उसमें भारत की तकदीर सन्निहित है। पीएम आज दिल्ली के जवाहरलाल नेहरु स्टेडियम से देश भर के आई टी प्रोफेशनल्स को संबोधित कर रहे थे । इस कार्यक्रम का वेबकास्ट के माध्यम से सीधा प्रसारण किया गया था, जो गुरुग्राम ज़िला में लघु सचिवालय के सभागार में प्रदर्शित किया गया था । गुरुग्राम में पी एम को सुनने के लिए विभिन्न विभागों में सेवाएं दे रहे कम्प्यूटर ऑपरेटरों और आई टी प्रोफेशनल्स को आमंत्रित किया गया था ।
श्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि हमारे मंत्री रविशंकर सरकार के काम का ब्यौरा दे रहे थे लेकिन मैं इस काम के लिए आप के बीच नहीं आया हूं। उन्होंने कहा कि कोई भी इंसान अपने कैरियर में कितना भी आगे चला जाए, वैभव कितना भी प्राप्त कर ले, पद प्रतिष्ठा कितनी ही प्राप्त कर ले, जीवन में जो सपने देखे हैं अपने स्व प्रयत्न से साकार किए हो, उसके बावजूद उसके मन में संतोष के लिए एक तपन रहती है ।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अपने भीतर संतोष कैसे मिले, इसकी इच्छा बलवती रहती है और हमने अनुभव किया है कि सब प्राप्ति के बाद वह किसी और के लिए काम करता है। उस समय उसका सेटिस्फेक्शन लेवल बहुत बढ़ जाता है । नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं उद्योगपति प्रेम जी को सुन रहा था, उन्होंने कहा कि जब भी हम आपस में मिलते हैं, एक बार भी वह अपनी कंपनी का अपने काम की कभी चर्चा नहीं करते । चर्चा करते हैं केवल जिस मिशन को लेकर वह चलते हैं उसी की चर्चा करते हैं। इतने लगनशील होकर कि उसमें जुड़ कर करते हैं, जितनी अपनी कंपनी के लिए नहीं करते। उन्होंने कहा कि अजीम प्रेमजी ने जितनी बड़ी कंपनी बनाई, इतनी बड़ी सफलता प्राप्त की, लेकिन आज भी वे देश व समाज के लिए काम करते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं किसी यूनिवर्सिटी के आग्रह पर जब मैं उनके बुलावे पर जाता हूं तो मैं उनसे आग्रह करता हूं की झुग्गी झोपडी के जो बच्चे आठवीं नौवीं दसवीं में पढ़ते हैं, वे उस कन्वोकेशन में हमारे 50 गेस्ट होंगे और उन्हें उस कन्वोकेशन में बैठाया जाता है। मेरी कोशिश होती है कि उन्हें यह देखने का मौका मिलता है और उनके भीतर यह सपना जग जाता है कि जिन लोगों को आज इस बड़े संस्थान में डिग्रियां मिल रही हैं और इतने सुंदर पहनावे के साथ यहां मौजूद हैं, उन्हें सम्मान मिल रहा है, पुरस्कार मिल रहा है । उनके मन में भी यही इच्छा जागृत होती है कि मैं भी एक दिन इसी तरह से डिग्री प्राप्त करूं और सम्मान प्राप्त करूं । उन्होंने कहा कि इस प्रकार से हम देश में समाज के लिए बहुत सी बातें अपने स्तर पर कर सकते हैं । स्वयं इनीशिएटिव ले सकते हैं, जो हमारे लिए संतोष का कारण बन सकता है।
उन्होंने कहा कि मैं सोशल मीडिया से जुड़ा हुआ आदमी हूं। जो इंफॉर्मेशन मुझे परोसी जाती है, मैं उसका उपयोग नहीं करता बल्कि जो इंफॉर्मेशन मुझे चाहिए मैं उसे ढूंढ कर सोशल मीडिया पर लेता हूं ,प्राप्त करता हूं।उन्होंने कहा कि हमारी जो बिखरी हुई शक्ति है उसे देश के विकास की दिशा में लगाना है। गुरुग्राम में इस कार्यक्रम में एन आई सी के टेक्निकल डायरेक्टर विभु कपूर भी उपस्थित थे।