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सुभाष चौधरी
फरीदाबाद। फरीदाबाद में शुक्रवार को रावण दहन करने पहुंचे दो मंत्री आपस में भिड़ गए। सरे आम दोनों मंत्रियों ने एक दूसरे को जमकर कोसा। दोनों के बीच जम कर हुई तू तू मैं मैं। दोनों के बीच हुए अभद्रता भरे घमासान से वहां मौजूद हजारों लोग हतप्रभ रह गए। एक ने दूसरे को कहा तू राजनीति कर रहा है तो दूसरे ने कहा कि तू मेरे खिलाफ राजनीति षड्यंत्र कर रहा है। राजनीतिक रंजिश और अस्वस्थ प्रतिस्पर्धा का यह घिनौना प्रदर्शन किसी सत्ता पक्ष व विपक्ष के नेता के बीच नहीं बल्कि भाजपा के दो मंत्रियों द्वारा किया गया। अचानक दोनों ने आपा खो दिया और दोनों के अंदर का रावण एक दूसरे पर तीर छोड़ने लगा। इनमें से एक हैं मोदी सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णलाल गुर्जर और दूसरे हैं हरियाणा सरकार के कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल। इस दौरान दोनों के सुरक्षाकर्मी तमाशबीन बने रहे।
फरीदाबाद में दशहरा पर्व के उपलक्ष्य में आज शहरियों को अजीबोगरीब नजारा देखने को मिला। हालाँकि लोग रावण को जलाने पहुंचे थे लेकिन मंत्रियों की लड़ाई ने वहां का नजारा ही बदल दिया। अचानक शुरू हुई चिल्ल पों को लोग समझ नहीं पाए।
दोनों मंत्री फरीदाबाद के एनआईटी स्थित दशहरा मैदान में रामलीला के समापन के उपलक्ष्य में रावण दहन में शामिल होने पहुंचे थे। यह जग जाहिर है कि एक समय दोनों के सम्बंध बेहद मधुर थे लेकिन अब खटास इतनी बढ़ गयी है कि एक दूसरे को फूटी आंख नहीं सुहाते हैं। एक मंच पर दोनों विरले ही दिखते हैं लेकिन आज भगवान श्री राम के आदर्शों को अपनाने के लिए दोनों मंत्री एक मंच पर पहुंचे थे। हालाकिं दोनों में से कोई भी आज के कार्यक्रम का मुख्य अतिथि नहीं थे कारण दोनों के बीच लंबे अर्से से चल रही तकरार थी । प्रशासन ने इसका आयोजन किया था और मंत्री जी विशेष आमंत्रित अतिथि थे।
मैदान खचाखच भरा हुआ था और औरों से अलग चाल चरित्र और चेहरा की बात करने वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार के मंत्रियों में से एक ने दूसरे पर छायावादी लहजे में कुछ कमेंट किया। इस पर दूसरे मंत्री ने पहले वाले को कहा कि तू इस मामले में राजनीति कर रहा है, जबकि दूसरे ने पहले वाले को कहा कि तू राजनीति कर रहा है। राजनीति- राजनीति के इस खेल का बैक ग्राउंड यहां नहीं बल्कि काफी पहले से तैयार हुआ था।
दरअसल फरीदाबाद में भाजपा के सबसे पुराने झंडाबरदार वर्तमान केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर औऱ उनके राजनीतिक शिष्य व हरियाणा सरकार के उद्योग मंत्री विपुल गोयल के बीच कई मामले को लेकर तनातनी काफी बढ़ गयी है। गुर्जर के आशीर्वाद से विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा का टिकट प्राप्त करने वाले गोयल को साम्राज्य विस्तार की ललक इतनी बलबती हो गयी है कि कदम दर कदम उन्होंने फरीदाबाद की सीमा को पार कर दिल्ली दरबार की दौड़ भी लगानी शुरू कर दी है। राजनीतिक विस्तारवादी चाहत से वे इतने सक्रिय हो गए हैं कि उनकी अतिसक्रियता अब उनके लिए अभिशाप बनने लगी है। क्योंकि उनके पैर लड़खड़ाने लगे हैं। कभी नारनौल के एसडीएम से वाकयुद्ध तो कभी नगर निगम फरीदाबाद में कई गोयल अधिकारियों की तैनाती करवा कर फरीदाबाद को गोयलाबाद बनाने के आरोप , कभी स्मार्ट सिटी के प्रस्ताव की रूपरेखा तैयार करने वाले अधिकारी को दरबदर करवाने के आरोप , कभी नगर निगम फरीदाबाद में मेयर , उप मेयर और वरिष्ठ उप मेयर के निर्वाचन में अड़ंगेबाजी के आरोप लगातार इनकी मनमानी की सूची लंबी होती चली गयी।
अब हाल ही में उन्होंने स्वयं को मिले गिफ्ट की नीलामी का स्वांग रच कर दो करोड़ रुपये पीएम फंड में देने की सस्ती लोकप्रियता का फार्मूला अपना कर अपने लिए शहर में और नकारात्मक माहौल तैयार कर लिया। लोग पूछ रहे हैं कि दो करोड़ जो फरीदाबाद के व्यवसायियों द्वारा उनकी गिफ्ट की नीलामी के दौरान डोनेट किये गए थे उसकी जरूरत फरीदाबाद को थी लेकिन इन्होंने अपना नंबर बनाने के लिए दिल्ली दरबार में डोनेट कर दिया। इससे पहले लंबे समय तक उक्त राशि इनके पास रही।
अभी अभी गणपति बप्पा का पर्व गुजर गया लेकिन उस दौरान भी इन्हें नकारात्मक चर्चा का शिकार होना पड़ा क्योंकि इन्होंने अपने यहां श्री गणेश जी की मूर्ति पूजा के लिए सरकारी स्कूलों के बच्चों को अपने आदेश के दबाव से पढ़ाई बंद करवा कर भेजने को मजबूर कर दिया था। इसके लिए शिक्षा विभाग को भी शर्मसार होना पड़ा था। ऐसे में लोगों में हो रही विपुल गोयल की किरकिरी से इनका सब्र अब जवाब दे रहा है।
दूसरी तरफ भाजपा के पुराने धुरंधर केन्द्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर तो राजनीति की हर चाल से वाकिफ हैं और किसी भी सम व विषम परिस्थितियों को झेलना व उसे काटना जानते हैं। अब गोयल साहब गुर्जर साहब को राजनीतिक मात देकर केंद्र की राजनीति में पैठ बनाना चाहते हैं जिसमें हर चाल उनकी उल्टी पैड रही है। कहना सही होगा कि उनके दिन बुरे चल रहे हैं। हो सकता है उनकी राजनीतिक कुंडली में कुछ ग्रह नकारात्मक घर में बैठे हो इसलिए उन्हें गुर्जर के सामने मात मिलने लगी है। इसलिए वे बौखलाए हुए हैं।
यही कारण है कि आज राम की लीला के बजाय फरीदाबाद के लोगों को दशहरा मैदान में दो भाजपाई मंत्रियों की लीला देखने को मिली। जो अब तक शह व मात ले खेल तक सीमित था आज सारे आम वाकयुद्ध में तब्दील होता दिख गया। विपुल गोयल अपना आपा खो बैठे और राजनीतिक शिष्टाचार को धूल चटाते हुए अपने वरिष्ठ से भिड़ गए और तू तू मैं मै तक उतर आए। यही नहीं एक गली के छिछोडे युवक की तरह एक दूसरे को अंगुली दिखाते हुए एक दूसरे के खिलाफ राजनीतिक षड्यंत्र रचने के आरोप लगाने लगे। यह दृश्य ऐसा था जिसमें कोई बीचबचाव करने वाला भी नहीं था। दोनों मंत्रियों के सुरक्षाकर्मी मूकदर्शक बने रहे। कार्यक्रम के आयोजक लगातार समय की कमी का रोना रोते रहे। लाउडस्पीकर पर आरजू मिन्नत कर रावण दहन के निर्धारित समय होने की अपील करते रहे लेकिन दोनों मंत्री झगड़ते हुए इतने करीब आ गए कि हाथापाई की संभावना तक बन गयी। यह दृश्य देख कर लोग स्तब्ध थे। लोगों ने पहले यह समझ लिया कि दोनों इस बात पर लड़ रहे हैं कि रावण को मैं तीर मारूंगा तो मैं तीर मारूंगा । लेकिन बाद में समझ आया कि यहां तो माजरा कुछ और है। थोड़ी देर में लोगों को इस बात का पूरा पूरा भान हो गया कि हरियाणा के उद्योग मंत्री विपुल गोयल लगातार मिल रही राजनीतिक मात से बौखलाए हुए हैं, आज अपना आपा खो बैठे हैं । लगातार खराब हो रही अपनी छवि के लिए कृष्णपाल गुर्जर को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
गौरतलब है की इस दशहरा मैदान में दशहरा मनाए जाने को लेकर पिछले काफी समय से दो धार्मिक संगठनों में बहस छिड़ी हुई थी माना जा रहा था कि एक पक्ष का नेतृत्व केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर, विधायक सीमा कर रहे हैं, वहीं, दूसरे पक्ष का नेतृत्व उद्योग मंत्री विपुल गोयल के हाथ में था ।काफी समय से चल रही इस तनातनी के बीच 2 दिन पहले ही एक पक्ष के लोगों ने पुलिस पर पथराव किया और कुछ लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया था ।जिसके बाद प्रशासन ने इस दशहरे को मनाए जाने की अनुमति 14 सदस्य कमेटी को दी थी आज यह 14 सदस्य कमेटी दशहरा मना रही थी तभी उद्योग मंत्री विपुल गोयल भी वहां पहुंचे उद्योग मंत्री दूसरे पक्ष पूर्व विधायक चंद्र भाटिया के खेमे ने आमंत्रित किया था। उद्योग मंत्री विपुल गोयल ने यहां पहुंचते ही त्यौहार की आड़ में राजनीति करने पर अप्रत्यक्ष रूप से केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर पर निशाना साधते हुए जनता द्वारा उनका घमंड जल्दी ही चूर किए जाने की बात कह दी।
उद्योग मंत्री का भाषण खत्म होते ही मोर्चा विधायक सीमा त्रिखा ने संभाला और उन्होंने विपुल गोयल को वहां बिन बुलाया मेहमान तक कह दिया, उन्होंने विपुल गोयल को अपनी हद और इलाके में रहने की चुनौती तक दे डाली, सीमा त्रिखा के संबोधन के तुरन्त बाद केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर खड़े हुए और उन्होंने उद्योग मंत्री विपुल गोयल को अप्रत्यक्ष रूप से कह डाला कि वह जनता के साथ राजनीति नहीं करते वे तो राजनीति में कई लोगों को लेकर आए हैं। केंद्रीय मंत्री यह कहते हुए जैसे ही मंच की तरफ बढ़े उनके सामने उद्योग मंत्री विपुल गोयल अड़ गए। उद्योग मंत्री विपुल गोयल को देखते हैं केंद्रीय मंत्री का गुस्सा फट पड़ा और दोनो के बीच मंच पर ही बहस शुरू हो गई ।इतना ही नही दोनो की बहस इतनी बढ़ गई की उन्होंने एक दूसरे को उंगली दिखाते हुए अंजाम भुगतने की चुनौती दे डाली।
लोग तो यहां तक चर्चा करने लगे हैं कि आज की घटना से विपुल गोयल की नकारात्मक छवि का पारा चरम पर पहुंच गया और इससे उनकी हरियाणा मंत्रिमंडल से छुट्टी भी हो सकती है। लोगों की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि इस घटना को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और देश के पीएम नरेंद्र मोदी किस रूप में लेते हैं क्योंकि इसकी पूरी रिपोर्ट राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को भी जाएगी।
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