– व्योम से मिलेगा अब हरियाणा के किसानों को विश्व बाजार पटल पर नया मंच
– ई-नैम को व्योम की मंडियों से जोड़े जाने की योजना
– हरियाणा के किसानों के लिए खुलेंगे विश्व बाजार के दरवाजे
गुरुग्राम, 12 अक्टूबर। गुरूग्राम में दो दिवसीय वल्र्ड यूनियन ऑफ होलसेल मार्केट (व्योम) कांफ्रेंस किसानों के उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक दूरगामी सोच को साकार रूप प्रदान करने की सार्थक पहल रही। हरियाणा सरकार, विशेष तौर पर प्रदेश के कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ की किसान हितैषी इस सोच से किसानों का जुड़ाव विश्व बाजार से सीधे तौर पर हो पाएगा।
देश के इतिहास में पहली बार गुरूग्राम में आयोजित इस विश्व स्तरीय कांफ्रेंस में दुनिया भर से आए प्रतिनिधियों को हरियाणा देखने और इसकी मंडियों की व्यवस्था समझने का मौका मिला है। कांफ्रेंस में रखे गए सुझावों के आधार पर भविष्य में किसानों की खुशहाली के लिए विश्व बाजार के दरवाजे खुलेंगे। हरियाणा व दिल्ली की बड़ी मंडियों का जायजा लेने के साथ ही दुनिया से आए प्रतिनिधिमंडल सदस्यों द्वारा अंतरराष्टï्रीय स्तर पर किसानों को बाजार की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए विकासात्मक पहलुओं पर हुई चर्चा एक सकारात्मक बदलाव की दिशा में कारगर साबित होगी। देश के किसानों को उनके उत्पाद दुनिया के कई देशों में बेचने का सुअवसर मिले, इसके लिए देश की धरती पर पहली बार हुई यह कांफ्रेंस किसानों की आर्थिक संपन्नता की दिशा में अहम कदम साबित होगी।
व्योम के माध्यम से अब हरियाणा के किसानों को विश्व बाजार पटल पर एक मंच मिलने की संभावनाएं प्रबल हुई हैं। ई-नैम (नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट) के जरिए भारत की सभी मंडियों में अपना उत्पाद किसानों द्वारा बेचा जा रहा है। अब तक हरियाणा प्रदेश की 54 मंडियां ई-नैम प्रणाली से जुड चुकी हैं। ई-नैम योजना बहुत थोड़े समय में ही उम्मीद से अधिक सफल रही है। ई-नैम पर देश के 20 राज्यों के एक करोड़ 19 लाख से अधिक किसान जुड़ चुके हैं। वहीं अब तक देश की 585 मंडियों को इस व्यवस्था से जोड़ा गया है। अब तक इसके माध्यम से 50 हजार करोड़ का कारोबार ई-नैम के माध्यम से देशभर में हुआ है।
अब ई-नैम को दुनिया के कई देशों मे स्थित व्योम की मंडियों से जोडऩे की बात चल रही है। इसके बाद प्रदेश के किसानों को ई-नैम के माध्यम से दुनिया की मंडियों से सीधा जुड़ाव होगा और किसान अपने उत्पादों को दुनिया भर में निर्यात कर पाएंगे। कांफ्रेंस के माध्यम से कई देशों के प्रतिनिधियों ने खाद्य पदार्थों के आयात निर्यात को लेकर भी इच्छा जताई है। प्रदेश के किसान व्योम के माध्यम से ऐसे देशों से संपर्क अपने उत्पादों के व्यापार को और अधिक बढ़ा पाएंगे तथा इससे उनकी आय में निश्चित तौर पर वृद्धि होगी और प्रदेश के किसानों की तरक्की के रास्ते खुलेंगे।
व्योम के आयोजन ने साबित कर दिया है कि खेती और इससे जुड़े व्यवसाय को अपनाकर कोई भी किसान आगे बढ़ सकता है और खेती अब केवल अपने क्षेत्र तक सीमित नहीं रही है। खेती करने वाले किसान पूरी दुनिया तक अपनी पहुंच बना सकते हैं। इसके लिए केवल जानकारी की जरूरत है। कांफे्रंस में आए आस्ट्रेलिया, फ्रांस, टयूनेशिया, नीदरलैंड, अमेरिका, इंगलैंड, दक्षिण अफ्रिका, चीन, सर्बिया व पोलैंड सहित 19 देशों और 16 देशों के दूतावासों के प्रतिनिधियों के मुताबिक हरियाणा के किसान उनके देशों में मांग के अनुसार अपने उत्पाद निर्यात कर सकते हैं।