हरियाणा में बिजली चोरी करने वालों से 666 करोड़ की वसूली

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चंडीगढ़, 8 जून – हरियाणा बिजली विभाग के विजिलैंस विंग ने गत वर्ष बिजली चोरी पर नकेल कसते हुए 666 करोड़ रुपए से अधिक की जुर्माना राशि एकत्र कर नया कीर्तिमान स्थापित किया है।

बिजली निगमों के एक प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि बिजली चोरी करने वालों पर कार्यवाही करते हुये, वित्त वर्ष 2017 में बिजली चोरी के कुल 95000 से अधिक मामले दर्ज किए गए। वहीं, इस वर्ष मई माह तक 22458 बिजली चोरी के मामले दर्ज किए जा चुके हैं।

उन्होंने कहा कि बिजली चोरी एक सामाजिक बुराई है, जिसे प्रदेशवासियों की सोच बदलकर ही खत्म किया जा सकता है। प्रदेश में बिजली चोरी को कभी भी गंभीरता से नहीं लिया गया, जबकि यह भी बाकी चोरियों जैसा ही संगीन अपराध है और प्रदेश की प्रगति में भी बड़ी बाधा है। इसी सोच को बदलने के लक्ष्य से गत वर्ष में बिजली चोरी रोकने का अभियान शुरु किया, जिस दौरान प्रदेशवासियों के सहयोग से गत वर्षों की तुलना में सबसे अधिक बिजली चोरी के मामले पकड़े गए।

वित्त वर्ष 2017-18 में विजिलैंस विंग ने दोनों निगमों के अधिकारियों व कर्मचारियों के सहयोग से प्रदेश भर में छापेमारी करके 337 करोड़ रुपए से अधिक की बिजली चोरी पकड़ी, डिस्केनेक्टिड उपभोक्ताओं से 275 करोड़ रुपए बकाया राशि वसूल की और 53 करोड़ रुपए गुरुग्राम व बहादुरगढ़ जिलों में स्पेशल ड्राईव के दौरान एकत्र किए। गत वर्ष अगस्त और सितंबर माह के दौरान गुरुग्राम और बहादुरगढ़ जिले में स्पेशल ड्राईव चलाकर 53 करोड़ रुपए से अधिक की बिजली चोरी पकड़ी गई और खराब व छेड़छाड़ किए गए मीटरों को भी बदला गया।
बिजली चोरी पर नकेल कसने से बिजली निगमों के राजस्व में भी बढ़ोतरी हुई है।

बिजली निगमों ने वित्त वर्ष 2017-18 में पिछले कई वर्षों की तुलना में सबसे अधिक राजस्व एकत्र किया है। 15 साल में पहली बार दोनों बिजली वितरण निगमों ने 115 करोड़ रुपए का लाभ अर्जित किया है। वर्तमान में प्रदेश के एक तिहाई ग्रामीण इलाकों को शहरी तर्ज पर 24 घंटे बिजली उपलब्ध करवाई जा रही है और बाकी गांवों को भी मुख्यधारा में लाने की कोशिश की जा रही है, ताकि सभी गांवों को शहरों की तरह ही 24 घंटे बिजली उपलब्ध करवाई जा सके।

प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश के सभी नागरिकों से अपील की गई है कि वे अपने आस- पास होने वाली बिजली चोरी की जानकारी निगम व विजिलैंस विंग को दें तथा इसके एवज में पुरस्कार पाएं। बिजली निगमों के सभी उपमंडल कार्यालयों की ओर से जारी किए गए नंबरों पर फोन या वॉट्सएप के द्वारा बिजली चोरी के बारे में जानकारी दी जा सकती है। इसके अतिरिक्त, सभी कार्यकारी अभियंता, अधीक्षक अभियंता, चीफ इंजीनियर अथवा मुख्यालय पर तैनात वरिष्ठï अधिकारियों से वॉट्सएप द्वारा संपर्क करके भी बिजली चोरी के बारे में जानकारी दी जा सकती है। इस पर अधिकारियों की ओर से तुरंत प्रभाव से कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही विभाग द्वारा जारी किए टॉल फ्री नंबर 18001801011 अथवा 1912 पर कार्य दिवस में सुबह 9 से शाम को 9 बजे तक संपर्क किया जा सकता है। बिजली चोरी के सम्बंध में जानकारी देने वाले व्यक्ति की पहचान को गुप्त रखा जाएगा।

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