चौथी तिमाही की जीडीपी से विकास तेज होने का अनुमान : आर्थिक सलाहकार परिषद

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स्थिर मूल्‍यों पर जीडीपी वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान

चौथी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 7.7 प्रतिशत रहने का आकलन

 

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्‍यक्ष डॉ. बिबेक देबरॉय ने कहा है कि 2017-18 में वार्षिक राष्‍ट्रीय आय के अनंतिम अनुमान के साथ-साथ राष्‍ट्रीय आय के चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च 2018) के अनुमान भी इस तथ्‍य को प्रतिबिंबित करते हैं कि देश में विकास की तेज गति अब भी जारी है।

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्‍वयन मंत्रालय के केन्‍द्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा जारी जीडीपी (सकल घरेलू उत्‍पाद) के चौथी तिमाही के अनुमानों के तहत इस दौरान जीडीपी वृद्धि दर 7.7 प्रतिशत रहने का आकलन किया गया है। चौथी तिमाही की जीडीपी वृद्धि दर दरअसल, पिछले वित्त वर्ष की सर्वाधिक तिमाही वृद्धि दर को दर्शाती है जिससे तेज गति के रुझान के व्‍यापक रूप से जारी रहने के संकेत मिलते हैं।

सीएसओ ने 2017-18 के समूचे वित्त वर्ष के लिए भी राष्‍ट्रीय आय के अनंतिम अनुमान जारी किए हैं। इस दौरान स्थिर मूल्‍यों पर जीडीपी वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है।

डॉ. बिबेक देबरॉय ने कहा कि अर्थव्‍यवस्‍था के महत्‍वपूर्ण क्षेत्रों (सेक्‍टर) में निरंतर तेज गति से विकास जारी है। उन्‍होंने कहा कि साहसिक ढांचागत सुधारों को लागू करने की दिशा में सरकार द्वारा निरंतर प्रयास जारी रखने की बदौलत ही जीडीपी वृद्धि दर के आंकड़े बेहतर हो पाए हैं। उन्‍होंने कहा कि वस्‍तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने, दिवाला एवं दिवालियापन संहिता लागू करने, बैंकों को नई पूंजी उपलब्‍ध कराने, शत-प्रतिशत ग्रामीण विद्युतीकरण, पुरातन कानूनों को निरस्‍त करने, कारोबार में और ज्‍यादा सुगमता सुनिश्चित करने जैसे कदमों ने विकास की तेज गति में उल्‍लेखनीय योगदान दिया है।

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