राजीव गांधी ने भारत में लाई सूचना क्रांति : डा. मुकेश शर्मा

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राजीव गांधी की पुण्य तिथि की पूर्व संध्या पर कांग्रेस कमेटी के हरियाणा प्रदेश सचिव ने दी श्रद्धांजलि 

राजीव गांधी ने भारत में लाई सूचना क्रांति : डा. मुकेश शर्मा 2गुडग़ांव, 20 मई : पूर्व प्रधानमंत्री, भरत रत्न स्व. राजीव गांधी की पुण्य तिथि की पूर्व संध्या पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के हरियाणा प्रदेश सचिव व वरिष्ठ अधिवक्ता डा. मुकेश शर्मा ने कहा कि राजीव गांधी एक तेज-तर्रार युवा नेता थे। प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने अपने कार्यकाल में देश के विकास को एक नया मॉडल दिया। भारत में सूचना क्रांति लाना राजीव गांधी की ही देन है। लंदन यूनिवर्सिटी, ट्रिनिटी कॉलेज और कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से उच्च शिक्षा प्राप्त किए राजीव गांधी अक्टूबर 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद महज 40 साल की उम्र में भारत के प्रधानमंत्री बने। वे राजनीति के शुरुआती दौर से ही जनता मेें लोकप्रिय रहे। प्रधानमंत्री के रुप में उन्होंने भारत में कंप्यूटर की शुरुआत वृहद स्तर पर की।

डा. मुकेश शर्मा ने कहा कि राजीव गांधी ने देश में पंचायती राज व्यवस्था को सुदृढ़ किया। इसके पीछे उनका मकसद गांवों को विकास करना था। क्योंकि गांवों के विकास में देश का विकास निहित होता है। उनके इस प्रयास के बाद गांवों का व्यापक विकास हुआ। केन्द्र सरकार की योजनाएं सीधे तौर पर गांवों तक पहुंची। देशहित और जनहित में उनका यह कदम अति सराहनीय रहा। उन्होंने अमेरिका के साथ द्विपक्षीय संबंधों में सुधार किया और आर्थिक एवं वैज्ञानिक सहयोग का विस्तार किया।

कांग्रेस नेता ने बताया कि राजीव गांधी ने विज्ञान, टेक्नोलोजी और इससे सम्बंधित उद्योगों की तरफ विशेष ध्यान दिया और टेक्नोलोजी पर आधारित उद्योगों विशेष रुप से कंप्यूटर, एयरलाइंस, रक्षा और दूरसंचार पर आयात कोटा, करों और शुल्कों को कम किया। उन्होंने प्रशासन को नौकरशाही घपलेबाजों से बचाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण काम किया। 1986 में राजीव गांधी ने भारत भर में उच्च शिक्षा कार्यक्रमों के आधुनिकीकरण और विस्तार के लिए एक राष्ट्रीय शिक्षा नीति की घोषणा की। राजीव गांधी ने पंजाब में आतंकवादियों के खिलाफ व्यापक पुलिस और सेना अभियान चलाया।

उन्होंने कहा कि श्रीलंका सरकार और एलटीटीई विद्रोहियों के बीच शांति वार्ता का प्रयास किया और जनहित मेें किए इस कार्य के प्रतिफल के रुप में उन्हें अपने प्राणों की आहुति देनी पड़ी। डा. मुकेश शर्मा ने कहा कि राजीव गांधी का निधन देश के लिए एक अपूर्णीय क्षति थी। उनके आदर्श आज भी देश के युवाओं के प्रेरणास्रोत हंै। उनके आदर्शों का अनुसरण करना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

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