– नगर निगम की टीम पर लोगों ने किया पथराव, पुलिस से हुई झड़प
– संयुक्त निगमायुक्त विवेक कालिया के नेतृत्व में हुई कार्रवाई
– विरोध की स्थिति से निपटने के लिए 300 पुलिसकर्मी रहे तैनात
– निगम ने प्रतिबंधित दायरे में निर्माण नहीं करने की दी चेतावनी
गुरूग्राम, 7 मई। माननीय पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के निर्देशों की पालना में आयुध डिपो के प्रतिबंधित दायरे में नए निर्माणों के खिलाफ नगर निगम गुरूग्राम की कार्रवाई आज भी जारी रही। नगर निगम के संयुक्त आयुक्त-2 एवं प्रतिबंधित दायरे के लिए नियुक्त नोडल अधिकारी विवेक कालिया के नेतृत्व में नगर निगम की इनफोर्समैंट टीम द्वारा 56 निर्माणों को ध्वस्त किया गया। इनमें 18 मकान, 21 चारदीवारी, 16 कमर्शियल शॉप सहित अन्य स्ट्रक्चर शामिल हैं।
श्री कालिया के नेतृत्व में डीटीपी मोहन सिंह, सहायक अभियंता राजीव यादव एवं राजेन्द्र यादव, पालम विहार थाना प्रभारी विक्रम, जूनियर इंजीनियर आशीष सहरावत, दीपक कुमार, अरूणदीप एवं रोहित सहित भारी पुलिस बल के साथ नगर निगम की टीम जेसीबी लेकर प्रतिबंधित दायरे में पहुंची तथा नए निर्माणों को तोडऩे की कार्रवाई शुरू की। हालांकि लगभग 1000 लोगों द्वारा पथराव करके कार्रवाई के बीच में व्यवधान डालने का प्रयास किया गया, जिन्हें पुलिस द्वारा बल प्रयोग करके भगा दिया गया। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए मौके पर भारी पुलिस के साथ संबंधित क्षेत्र के डीसीपी तथा एसीपी पहुंच गए तथा तोडफ़ोड़ की कार्रवाई शाम 6:30 बजे तक जनवरी रही। पुलिस तथा निगम अधिकारियों द्वारा विरोध करने वाले लोगों को चेतावनी दी गई कि वे कार्रवाई में बाधा उत्पन्न ना करें। विरोध करने वाले कुछ लोगों को पुलिस द्वारा गिरफ्तार भी किया गया है।
उल्लेखनीय है कि माननीय पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा आयुध डिपो के प्रतिबंधित दायरे में किसी भी प्रकार के नए निर्माण पर पूर्णतया प्रतिबंध लगाया हुआ है। माननीय न्यायालय के निर्देशों की पालना सुनिश्चित करने के लिए नगर निगम एवं जिला प्रशासन द्वारा समय-समय पर कार्रवाई की जा रही है। इसी कड़ी में आज 56 निर्माणों को तोडऩे की कार्रवाई की गई है। नगर निगम एवं जिला प्रशासन द्वारा बार-बार यह चेतावनी दी जाती है कि माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशो की पालना की जाए तथा कोई भी व्यक्ति प्रतिबंधित दायरे में किसी प्रकार का निर्माण ना करे। ऐसा करने पर निर्माण को तोडऩे सहित संबंधित के खिलाफ नियमानुसार कानूनी कार्रवाई भी की जाती है। इसके साथ ही नागरिकों से यह भी अपील है कि वे प्रतिबंधित दायरे में मकान, दुकान या प्लॉट की खरीद-फरोख्त ना करें।