नई दिल्ली। कर्नाटक में विधासभा चुनाव का महज यह संयोग ही है कि प्रदेश के जिस समुदाय के मतदाताओं को लुभाने का संघर्ष भाजपा और कांग्रेस के बीच जारी उसी लिंगायत सुमदाय के 12 वीं सदी के दार्शनिक और सबसे बड़े समाज सुधारक बासवन्ना की आज 18 अप्रेल को जयंती है। इसलिए भाजपा देश व विदेश दोनो रास्ते से कर्नाटक के परंपरागत लिंगायत वोट साधने की रणनीति तैयार की है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लंदन में जबकि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह बेंगलुरु में लिंगायत समुदाय के महान नायक को याद कर मतदाताओं को लुभाने की कोशिश करेंगे।
उल्लेखनीय है कि पीएम नरेंद्र मोदी कॉमनवेल्थ देशों के राष्ट्र प्रमुखों की बैठक में हिस्सा लेने लिए ब्रिटेन पहुंचे हैं। खबर है कि वे आज टेम्स नदी के किनारे स्थापित 12वीं सदी के लिंगायत संत बसवेश्वर की प्रतिमा पर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करने जाएंगे।
पीएम मोदी ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टरीजा मे से भी मुलाकात करेंगे। बसवेश्वर कर्नाटक के लिंगायत समुदाय में पूजनीय है। विधानसभा चुनाव की दृष्टि से अहम लिंगायत समुदाय को ध्यान में रख कर पीएम मोदी जब बसवेश्वर की प्रतिमा पर फूल चढ़ा रहे होंगे तो इसको लेकर राजनीतिक सवाल भी उठेंगे। पीएम मोदी ने इसकी शुरुवात अपने ट्वीट से की है जिसमें उन्होंने इस अवसर पर लिंगयत समुदाय के लोगों को शुभकामना दी है।