गुरुग्राम में पीएम का उपवास आह्वान औपचारिकता में तब्दील , 20 मिनट के लिए आये राव इंद्रजीत

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सुभाष चौधरी 

गुरुग्राम। गुरुग्राम में भारतीय जनता पार्टी का उपवास कार्यक्रम प्रधानमंत्री के आह्वान के बावजूद औपचारिकता में तब्दील होकर रह गया  यह केवल सांस्कृतिक कार्यक्रम रहा क्योंकि स्थानीय सांसद राव इंद्रजीत जो केंद्रीय मंत्री भी हैं दोपहर में केवल 30 मिनट के लिए पहुंचे जबकि भाजपा के जिला अध्यक्ष भूपेंद्र चौहान सुबह 9:00 बजे से ही अपने कुछ पदाधिकारियों और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मौजूद थे। इंतजार केवल केंद्रीय मंत्री का था जो काफी देर से पहुंचे। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाजपा के सभी सांसदों व विधायकों को स्पष्ट निर्देश था कि वह आज विपक्ष की नीतियों के विरोध में सुबह 9:00 बजे से शाम के 4:30 बजे तक उपवास पर बैठेंगे लेकिन गुरुग्राम में यह सांकेतिक बन कर रह गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा और राज्यसभा में कार्यवाही को बाधित करने के लिए विपक्ष के कदमों के विरोध में उपवास रखने का आह्वान किया था। उन्होंने 1 दिन पूर्व ऑडियो ब्रिज के माध्यम से देश में भाजपा के सभी सांसद विधायक एवं मंत्रियों के साथ साथ पार्टी के पदाधिकारियों को भी सीधे संबोधित किया था। अपने संवाद में उन्होंने पार्टी के पदाधिकारियों को यह भी निर्देश दिया था की वह उपवास तो रखे ही साथ ही अपने-अपने क्षेत्रों के मतदाताओं को भी विपक्ष की संसद को बाधित करने के क्रियाकलाप की जानकारी दें और उन्हें बताएं कि नरेंद्र मोदी सरकार जनता के हित में काम करना चाहती है लेकिन विपक्ष जिसका नेतृत्व कांग्रेस पार्टी कर रही है संसद में चर्चा करने से भागता रहा।

उन्होंने भाजपा के सांसदों से यह भी कहा था कि वह अपने अपने संसदीय क्षेत्र में लोगों को यह भी बताएं कि कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के इशारे पर इस बार संसद सत्र को पूरे 22 दिनों तक बंधक बनाए रखा गया ।सरकार ना तो कोई विधेयक पेश कर सकी और ना ही कोई किसी विषय पर चर्चा हो सकी। लेेकिन गुरुग्राम के लघु सचिवालय के आसपास आयोजित भारतीय जनता पार्टी गुरुग्राम जिला के उपवास कार्यक्रम को देख कर तो ऐसा लगा जैसे हकीकत से कोसों दूर पीएम के आदेश को दरकिनार करते हुए स्थानीय सांसद ने अपनी व्यस्तता जताकर लगभग आधे घंटे ही उपवास स्थल पर बैठना उचित समझा और मीडिया से बातचीत कर औपचारिकता निभाकर वहां से निकल गए।

भाजपा के जिला अध्यक्ष , व आन्य पदाधिकारियों को भी आज प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कार्यक्रम और उनके स्वागत में शामिल होना था इसलिए उन्हें भी औपचारिकता से शीघ्र ही छुट्टी लेने की बेताबी थी। अंततः सभी वहां से निकल गए ।आश्चर्य तो यह जानकर हुआ की इस उपवास के कार्यक्रम में ना तो हरियाणा के स्थानीय मंत्री राव नरबीर दिखे और ना ही गुरुग्राम के भाजपा विधायक उमेश अग्रवाल । हलाकि सोहना विधानसभा के भाजपा विधायक तेजपाल तवर अवश्य कुछ देर के लिए वहां पहुंचे और अपनी बातें रखकर चलते बने। इस बीच हालत यह रही कि भाजपा के  जिला अध्यक्ष भूपेंद्र चौहान और प्रदेश प्रवक्ता रमन मलिक सहित अन्य पदाधिकारी अपने सांसद महोदय और अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों एवं प्रदेश में अलग अलग बोर्ड के चेयरमैन जो गुड़गांव से हैं की प्रतीक्षा में अपने भाषण देते रहे उन्हें बार बार अपने सरकार के कामकाज और विपक्ष की आलोचना करते रहने को मजबूर होना पड़ा क्योंकि सांसद राव इंद्रजीत को आने में वहां काफी देरी हुई। यह देख कर समझा जा सकता है कि भाजपा के कार्यकर्ताओं में ही नहीं बल्कि पार्षदों, विधायकों और अन्य जनप्रतिनिधियों में भी उपवास को लेकर आकर्षण नहीं था और वह इस कार्यक्रम से दूर ही रहे। जिस प्रदेश में भाजपा की सरकार हो वहां उपवास के कार्यक्रम में जिसका आह्वान देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं किया हो भाजपा के कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं की संख्या इतनी कम हो यह किसी के गले उतरने वाली बात नहीं है लेकिन आज हकीकत नजर आई।

इस कार्यक्रम को लेकर पार्टी नेताओं के बीच तालमेल का अभाव दिखा। यहां तक की पार्टी के अलग-अलग मंडल से भी आने वाले कार्यकर्ताओं  विभिन्न जिम्मेदारियां लिए हुए पार्टी के सदस्यों की संख्या भी अपेक्षाकृत काफी कम रही । सचिवालय आने वाले सामान्य लोग यह देख कर आश्चर्यचकित थे की आखिर जि स पार्टी की सरकार देश और प्रदेश दोनों में हो उनके कार्यकर्ता व पदाधिकारी आज लघु सचिवालय की उस गेट पर क्यों बैठे हैं ।आखिर उन्हें यहां दरी बिछाकर अपनी बात लोगों को क्यों कहनी पड़ रही है ।आखिर क्या कारण है कि भाजपा के झंडा तले लगभग 3 से 4 दर्जन लोग उपवास पर  बैठे ।यह जगह तो सरकारी कर्मचारियों सामान्य जनमानस आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, उद्योग में काम करने वाले ऐसे श्रमिकों के लिए निर्धारित है जो अपनी मांग को लेकर धरना वह प्रदर्शन या फिर भूख हड़ताल पर बैठते हैं लेकिन आज का नजारा सामान्य से उलट था और सत्ता में बैठे लोग एवं सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ता ही उपवास पर बैठकर न्याय मांगती दिखे । लोगों के लिए यह आश्चर्य की बात तो थी  यह स्थिति और कौतूहल पैदा करने वाली थी की सत्ता के स्वाद चख रहे लोग आज उपवास की औपचारिकताओं में फ से दिखे और विपक्ष को स्वयं से मजबूत बताते दिखे ।अब तक इस देश में ऐसा इतिहास रहा है की विपक्ष सरकार को संसद अपने तरीके से चलाने के लिए आलोचना करता रहा है और साथ ही कुछ विशेष मुद्दों पर चर्चा करने से कतराने के आरोप लगाता रहा है परंतु आज की इस घटना ने यह सिद्ध कर दिय कि सत्ता पक्ष कमजोर है विपक्ष जोर जबरदस्ती कर रहा है । हकीकत चाहे कुछ भी  हो लेकिन भाजपा के उपवास ने जनता में यह संदेश तो दे ही दिया की सत्ता पक्ष अब पूरी तरह ड्रामेबाजी पर उतर आया है ।  जिस बात को लेकर भारतीय जनता पार्टी  एवं केंद्र सरकार में  बैठे लोगों को संसद में चर्चा करनी चाहिए थी या फिर संवाद स्थापित करने की कोशिश करनी चाहिए थी उसको लेकर केंद्र सरकार सड़क पर उतरी है ।इससेेेे यह पता लगता है  की स्थिति अनियंत्रित है। पक्ष और विपक्ष के बीच  संवादहीनता की स्थिति बन गई है । दोनों पक्षों में देश के  किसी भी मसले को लेकर  सहमति  नहीं बन पा रही है ।वास्तव में जनता  हालात को देख कर  निराश है  ।अब इसका प्रतिफल जो भी हो  लेकिन  वास्तविकता तो यही है  की  इस स्थिति का  हल  न तो सत्ताधारी पार्टी चाहती है  और न हीं  विपक्ष के लोग ।उन्हें अपनी  राजनीति और लोगों को भ्रमित करने  का लक्ष्य  दिखता है।  देश  व प्रदेश  चाहे  विकास की दृष्टि  से बाधित रहे।

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