एस्टीमेट बनाने में कोई खामी नहीं बरतें : निगमायुक्त

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यशपाल यादव ने नगर निगम के इंजीनियरिंग विंग को स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर तैयार करने को कहा 

गुरूग्राम, 29 मार्च। नगर निगम गुरूग्राम के आयुक्त यशपाल यादव ने आज इंजीनियरिंग विंग के अधिकारियों से कहा कि वे उनकी ब्रांच से संबंधित कार्यों के लिए एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर तैयार करें तथा कार्यों को व्यवस्थित और उत्तम तरीके से तेज गति से करवाएं। विकास कार्यों में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखें। 
श्री यादव ने यह बात आज नगर निगम कार्यालय में इंजीनियरिंग ब्रांच के अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में कही। उन्होंने कहा कि स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग सिस्टम के तहत अगर किसी कार्य को करने की मांग आती है, तो कार्यकारी अभियंता उस पर निर्णय लें तथा एस्टीमेट और योजना बनाने वाली एजेंसी के साथ जूनियर इंजीनियर मौके पर जाकर मुआयना करे, ताकि सही एवं सटीक एस्टीमेट बनें। उन्होंने कहा कि एस्टीमेट में सभी पहलुओं पर ध्यान रखा जाना चाहिए। उदाहरण के तौर पर अगर सडक़ बनाई जानी है, तो यह ध्यान रखें कि बरसात के दौरान पानी सडक़ पर जमा ना हो। सडक़ के दोनों साईड के हिस्सों को नीचा रखें, ताकि पानी से सडक़ खराब ना हो। इसके साथ ही साईड बर्म को संभव हो सके तो कच्चा रखें या ग्रास पेवर बनाएं, ताकि पानी जमीन में जा सके क्योंकि जल का संरक्षण एवं हारवैस्ट भी बहुत ही जरूरी है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि सडक़ बनाने से पहले यह जरूर देख लें कि पेयजल एवं सीवरेज जैसी सुविधाएं अगर नहीं हैं, तो सडक़ बनाने से पहले डाली जानी चाहिएं। इसके साथ ही उन्होंने मौजूदा वाटर हारवैस्टिंग सिस्टम को दुरूस्त करने के निर्देश दिए तथा कहा कि एक मास्टर प्लान तैयार करें, जिसमें सरकारी विभागों के वाटर हारवैस्टिंग सिस्टम तथा निजी वाटर हारवैस्टिंग सिस्टम के रख-रखाव की जिम्मेदारी तय करें। निजी भवनों, कंपनियों में लगे वाटर हारवैस्टिंग सिस्टमों के रख-रखाव के बारे में संबंधित लोगों को कहें।
 उन्होंने कहा कि जब कार्य अलॉट किया जाता है, तो संबंधित एजेंसी या ठेकेदार के साथ एग्रीमैंट साईन करें और उसके बाद ही कार्य शुरू करवाएं। अधिकारी जब भी किसी एरिया में विजिट पर जाएं, तो वहां पर चल रहे कार्यों का निरीक्षण जरूर करें। उन्होंने कहा कि सोशल ऑडिट के लिए सिटीजन मॉनिटरिंग कमेटी में निगम पार्षद सहित उस क्षेत्र के प्रोमिनैंट सिटीजंस को शामिल करें। संबंधित एजेंसी या ठेकेदार को बिल राशि की अदायगी से पहले मौके पर जाकर निरीक्षण करें तथा सैंपल चैक करवाएं। 
 निगमायुक्त ने कहा कि इंजीनियरिंग विंग में स्टाफ का बीट सिस्टम बनाएं तथा उस सूची को आरडब्ल्यूए, निगम पार्षदों एवं नागरिकों के साथ सांझा करें। यह सूची नगर निगम की वैबसाईट पर भी अपलोड करवाएं। इससे एक ओर जहां स्टाफ की जिम्मेदारी एवं जवाबदेही बढ़ेगी, वहीं नागरिकों को भी पता होगा कि किस शिकायत के लिए किस व्यक्ति को संपर्क करना है। अगर कोई कार्य नहीं करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि व्यक्ति विशेष को नहीं, बल्कि अच्छे कार्य को प्रोत्साहन दें।
 बैठक में चीफ इंजीनियर एनडी वशिष्ठ, इंजीनियरिंग कंसलटैंट आरके गर्ग एवं अमरीक सिंह, कार्यकारी अभियंता राव भोपाल सिंह, विकास मलिक, धर्मबीर मलिक, गोपाल कलावत, धर्मसिंह, सत्यवान, आनन्द सिंह राठी, अजय निराला, सौरभ नैन तथा ललित जिंदल उपस्थित थे।

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