गुरुग्राम के एंबियंस मॉल में होगा आयोजन
दिल्ली-एनसीआर के सरकारी अस्पताल के ब्लड बैंकों को करायेंगे मुहैया ब्लड यूनिट्स
गुरुग्राम, 29 मार्च : ब्लड कनेक्ट फाउडेशन के सहयोग से साबिक ने अगस्त 2017 से मार्च 2018 तक दिल्ली और एनसीआर में सालाना रक्तदान अभियान आयोजित किया। सहकारी सामाजिक दायित्व (सीएसआर) की पहल के तहत साबिक का लक्ष्य, स्वास्थ्य रक्षा को बढ़ावा देना और देश भर में लोगों की जिंदगी बचाना है। इस अभियान के तहत एकत्र की गई ब्लड यूनिट्स दिल्ली-एनसीआर के सरकारी अस्पताल के ब्लड बैंकों को दी जाएगी।
रक्तदान अभियान पांच साल पहले सरकारी अस्पतालों में खून की कमी को दूर करने के मकसद से शुरू किया गया था। सरकारी अस्पतालों में खून की कमी मुख्य रूप से उन महीनों के दौरान होती है, जब डेंगू और मलेरिया रोग के मामले उपमहाद्वीप में बड़े पैमाने पर फैल जाते हैं। साबिक और ब्लड कनेक्ट फाउंडेशन ने गुरुग्राम के नागरिकों से इस अभियान में खुले दिल से अपनी भागीदारी निभाने की अपील की है। इस साल 30 मार्च को आखिरी रक्तदान शिविर गुरुग्राम के एंबियंस मॉल में लगाया जा रहा है।
साबिक और ब्लड कनेक्ट यह महसूस करते हैं कि हरेक व्यक्ति का यह दायित्व है कि वह अपने पड़ोसियों और साथी देशवासियों की देखभाल और उनकी मदद करे। गुरुग्राम के एंबियंस मॉल में आयोजित होने वाले शिविर के दौरान साबिक की सीनियर मैनेजमेंट टीम और ब्लड कनेक्ट के वॉलंटियर्स अधिक से अधिक रक्तदान करने वाले लोगों की जरूरत के संबंध में जन जागरूकता फैलाएंगे। साबिक ने ब्लड कनेक्ट के साथ मिलकर पिछले साल 1500 यूनिट्स से ज्यादा रक्त एकत्र किया था। इस वर्ष उनका लक्ष्य 2500 यूनिट रक्त एकत्र करने का है।
इस अभियान की भावना सहकारी सामाजिक दायित्व के क्राउड सोर्सिंग मॉडल पर आधारित है। इस कैंपेन के तहत आवासीय क्षेत्रों, दफ्तरों या दफ्तरों के आसपास के क्षेत्र में सुविधाजनक रक्तदान शिविर लगाए जाते हैं और लोगों को रक्तदान को एक आदत के रूप में विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। संस्था का मानना है कि लोगों की ओर से किए गए छोटे-छोटे प्रयास समाज में उल्लेखनीय बदलाव ला सकते हैं। इनके द्वारा जमीनी गतिविधियों समेत विभिन्न जागरूकता सत्र आयोजित किए जाते हैं, जबकि ऑनलाइन जागरूकता अभियान “बूंद-बूंद जिंदगी-हरेक बूंद की गिनती होती है” की थीम पर आयोजित किया गया है।
3 0 मार्च को लोगों के पास रक्तदान के सामान्य से कार्य से मरीजों की जिंदगी बचाने का मौका होगा।