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गुरुग्राम, 12 मार्च। उपायुक्त विनय प्रताप सिंह ने आज अचानक मानेसर तहसील का निरीक्षण किया। उन्होंने तहसील में जाकर ऑनलाईन अप्वायंटमेंट प्राप्त करने से लेकर रजिस्टरी करने तथा रजिस्टरी करवाने वाले को दस्तावेज देने तक की पूरी प्रक्रिया को अपने सामने करवाकर देखा।
उन्होंने मानेसर की तहसीलदार मीतु धनखड़ तथा नायब तहसीलदार ईश्वर सिंह को आदेश दिए कि अप्वायंटमेंट प्राप्त करने के इच्छुक व्यक्तियों को दो तीन दिन आगे तक की अप्वायंटमेंट देने का प्रावधान भी करें। तहसीलदार मीतु धनखड़ ने उपायुक्त को बताया कि कोई भी व्यक्ति अपनी संपत्ति की खरीद को पंजीकृत करवाने अर्थात् रजिस्टरी करवाने या इंतकाल आदि करवाने के लिए ऑनलाईन भी अप्वायंटमेंट ले सकता है। इस प्रकार के प्रावधान सॉफ्टवेयर में हैं। उपायुक्त ने कहा कि रजिस्टरी के लिए डीड लिखे हुए स्टाम्प पेपर एक बार तहसील में प्राप्त होने के बाद पूरी प्रक्रिया पूर्ण करने के पश्चात ही संबंधित आवेदक को दिए जाएं। उपायुक्त ने यह भी कहा कि तहसील में फीस आदि की अदायगी कैशलैश तरीके से ही की जाए और कैश का लेनदेन कम से कम किया जाए।
उपायुक्त ने तहसील मानेसर में काम करने वाले कर्मचारियों से भी पूछताछ की और अपने सामने ही लोगों की रजिस्टरी करने की प्रक्रिया करवाकर देखी। उन्होंने इन कर्मचारियों से पूछा कि फीस का निर्धारण किस प्रकार किया जा रहा है और यदि रजिस्टरी में क्लक्टर रेट से कम का रेट लिखा हो तो ऐसे मामलों में वे क्या करते हैं। उन्होंने रजिस्टरी क्लर्क से भी उसके दायित्त्वों के बारे में पूछा और पिछला रिकार्ड भी देखा। उपायुक्त ने यह भी देखा कि सॉफ्टवेयर में रजिस्टरी के लिए तत्काल अप्वायंटमेंट लेने का प्रावधान है जिसके लिए आवेदक को ज्यादा फीस अदा करनी होती है।
उन्होंने तहसीलदार को निर्देश दिए कि तहसील कार्यालय में सभी जगहों पर साईन बोर्ड लगवाएं और यह सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित हो कि यहां पर कैशलैश तरीके से भी लेन-देन करने की सुविधा उपलब्ध है। साथ ही उपायुक्त ने कहा कि वे तहसील मानेसर के रिकार्ड का विस्तृत निरीक्षण बाद में करेंगे जिसमें यदि खामियां मिली तो संबंधित अधिकारी अथवा कर्मचारी के खिलाफ कार्यवाही करने में भी वे गुरेज नहीं करेंगे।