पूर्व विधायक आनन्द कौशिक ने चंद्रशेखर आजाद का बलिदान दिवस मानाया

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कांग्रेस कार्यकर्ता व उनके समर्थक बड़ी संख्या में मौजूद थे

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव बलजीत कौशिक भी थे मौजूद 

 
फरीदाबाद, 27 फरवरी: फरीदाबाद के पूर्व विधायक आनन्द कौशिक ने आज अपने कार्यालय पर स्वतंत्रता संग्राम के महान सेनानी चंद्रशेखर आजाद का बलिदान दिवस उनकी तस्वीर पर फूलमाला चढ़ाकर मनाया। इस अवसर पर काफी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता व उनके समर्थक मौजूद थे। इस अवसर पर पूर्व विधायक आनन्द कौशिक ने कहा कि देश की आजादी में अपना बलिदान देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों मे चंद्रशेखर आजाद का नाम विशेष सम्मान के साथ लिया जाता हैं। जिन्होने अपना पूरा जीवन देश को अंग्रेज सरकार से छुटकारा दिलाने में लगाया। 
 
श्री कौशिक ने कहा कि चंद्रशेखर आजाद महात्मा गांधी से विशेष प्रभावित थे। मात्र 14 वर्ष की आयु में उन्होनें 1921 में गांधी जी द्वारा चलाये गये असहयोग आंदोलन में हिस्सा लिया और गिरफ्तार कर लिए गये। जब उन्हे जज के सामने पेश किया गया तो उन्होने अपना नाम आजाद बताया और पिता का नाम स्वतंत्रता और घर का पता जेलखाना बताया। उनकी कम उम्र को देखते हुए जज ने उन्हे 15 कोड़े मारने की सजा सुनाई। जब उनके शरीर पर कोड़े पड रहे थे तो वे वंदे मातरम् और महात्मा गांधी की जय का नारा लगाते रहे। इस घटना के बाद लोग उन्हे चंद्रशेखर आजाद के रूप में जानने लगे।
 
इस अवसर पर हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव एवं गुडगांव कांग्रेस के प्रभारी बलजीत कौशिक ने भी फूलमाला चढ़ाकर चंद्रशेखर आजाद को याद करते हुए कहा कि काकोरी ट्रेन डकैती और सांडर्स की हत्या में शामिल महान देशभक्त व क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद का नाम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में अहम स्थान रखता हैं। चंद्रशेखर आजाद ने अशफाक उल्ला खां, रामप्रसाद बिस्मिल, सरदार भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरू, भगवतीचरण वोहरा के साथ मिलकर अंग्रेजो को देश छोडने पर मजबूर कर दिया था।
 
 
उन्होने कहा कि आज के दिन 1931 में इलाहाबाद के अल्फ्रेड पार्क में उन्हे अग्रेंजी सरकार की पुलिस ने घेर लिया। चंद्रशेखर आजाद ने अपने साथी सुखदेव को वहंा से भगा दिया और अकेले ही पुलिस वालो का मुकाबला करने लगे। जब उनकी गोलियां खत्म होने लगी तो उन्होनें आखिरी गोली अपने आप को मार कर आत्म बलिदान कर दिया और अपने वायदे के अनुसार कभी पुलिस उन्हे जिंदा नही पकड सकती। बाद में सरकार ने जिस पार्क में उनका निधन हुआ था उस पार्क का नाम बदलकर चंद्रशेखर आजाद पार्क धर दिया गया।
 
इस अवसर पर शिक्षाविद डा. एम.पी. सिंह, अनिल शर्मा पूर्व पार्षद, रामकिशन शर्मा, विनोद कौशिक, बिल्लू यादव, आजाद खान, संतोष कौशिक, हरीलाल प्रधान पटेल नगर, अनिल कश्यप, राजेश कश्यप, मनोज कुमार, जयभगवान भारद्वाज, सी.एल. भारद्वाज, रामप्रसाद, जयंत शर्मा, रामप्रवेश सिंह, सत्यनारायण, वीरपाल, रामकुमार, रोशन, नीरज, शिव कुमार, दामोदर आदि कांग्रेस कार्यकर्ता व समर्थक विशेष रूप से मौजूद थे।

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