हरियाणा में किसान कल्याण प्राधिकरण की स्थापना : मनोहर लाल

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सीएम ने किसानों के प्रतिनिधियों से सीधा संवाद के दौरान की घोषणा 

किसानों की वर्षों पुरानी मांग पूरी 

मुख्यमंत्री मनोहर लाल होंगे किसान कल्याण प्राधिकरण के अध्यक्ष 

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री इसके पदेन उपाध्यक्ष बनाये गये

 

सुभाष चौधरी/प्रधान संपादक 

चण्डीगढ़, 6 फरवरी :  हरियाणा सरकार ने प्रदेश के किसानों के हित में आज एक और महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़ा दिया है. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने किसानों की वर्षों पुरानी मांग पर अमल करते हुए हरियाणा किसान कल्याण प्राधिकरण की स्थापना की घोषणा कर दी। इससे कृषि को लाभकारी बनाने, कृषि की उत्पादकता व किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में अहम् भूमिका अदा करेगा.  यह किसानों व भूमिहीन श्रमिकों के भौतिक, वित्तीय एवं मनौविज्ञानिक दबावों को भी दूर करेगा।

यह घोषणा मुख्यमंत्री ने अपने हर महीने एक और सुधार कार्यक्रम के तहत चण्डीगढ़ स्थित अपने सरकारी आवास पर प्रदेश के कोने-कोने से आए प्रगतिशील किसानों के प्रतिनिधियों से सीधा संवाद करने के लिए बुलाई गई बैठक में की। बैठक में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री  ओम प्रकाश धनखड़ और खाद्य, नागरिक आपूर्ति व उपभोक्ता मामले मंत्री कर्णदेव काम्बोज भी उपस्थित थे।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल हरियाणा किसान कल्याण प्राधिकरण के अध्यक्ष होंगे और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री इसके पदेन उपाध्यक्ष होंगे। प्राधिकरण के पदेन सदस्यों में पशुपालन एवं डेयरी, बागवानी और मत्स्य पालन मंत्री, उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री, अतिरिक्त मुख्य सचिव या प्रधान सचिव, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, अतिरिक्त मुख्य सचिव या प्रधान सचिव, पशुपालन एवं डेयरी विभाग शामिल हैं।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल तथा कृषि एवं कल्याण मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ ने प्रदेश के किसानों को कृषि के साथ-साथ अन्य सबद्ध व्यवसायों में जोखिम फ्री बनाने की पहल करते हुए हरियाणा किसान कल्याण प्राधिकरण का गठन करने की घोषणा की है।
उन्होंने कहा कि 2018-19 के केन्द्रीय बजट में भी खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए 1100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है और पूरे देश में 42 मैगा फूड पार्क स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि हरियाणा का किसान मेहनती है और उसे अब उद्यमशील किसान बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रगतिशील किसानों को अन्य दूसरे किसानों को भी प्रगतिशील बनाना चाहिए, ऐसे प्रगतिशील किसानों को सरकार पुरस्कृत भी करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए शीघ्र की एक और सुधार के तहत किसान कल्याण कार्यक्रम का आयोजन करवाया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पानी मनुष्य की पहली आवश्यकता है। पीने के पानी के साथ-साथ अन्य उपयोग के लिए इसे पूरा करना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होनें ने कहा कि बेहतर पानी के प्रबंधन के चलते हमारी सरकार ने पिछले तीन वर्षों में लोहारू व नांगल चौधरी विधानसभा क्षेत्रों में ऐसी-ऐसी टेलों पर पानी पहुंचाया है जहां नहर व माईनर बनने के 30-35 सालों में कभी नहीं पहुंचा था। इसके लिए लोहारू से आए किसान, वीर सिंह धनखड़, बेहल से आए साधुराम व नांगल चौधरी से आए रामानंद यादव ने मुख्यमंत्री व कृषि एवं कल्याण मंत्री श्री ओम प्रकाश धनखड़ का विशेष आभार व्यक्त किया।

किसानों ने कहा कि पिछली सरकार के 10 वर्षों के कार्यकाल में फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य केवल 300 रुपये बढ़ा था वर्तमान सरकार के तीन वर्ष के कार्यकाल में यह बढक़र 335 रुपये बढ़ा है। लोहारू के एक किसान ने कहा है कि हम तो अब तक गांवों में नेताओं की सेवाओं में लगे रहते थे आज पहली बार चण्डीगढ़ आकर महसूस हुआ कि कोई मुख्यमंत्री भी छोटे-छोटे किसानों की सेवा में आतूर है। मुख्यमंत्री इस पहल पहल के लिए सभी किसानों ने तहे दिल से उनका आभार भी व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार सतलुज यमुना लिंक नहर पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के निष्पादन आदेशों के लिए प्रयासरत है। इसके अलावा, रेणूका, लखवार व किशाऊ बांधों से भी हरियाणा को उसके हिस्से का पानी मिले इसके लिए भी प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों पर हरियाणा को यमुना नदी के माध्यम से पीने के पानी के लिए निर्धारित कोटे से दिल्ली को प्रतिदिन 300 क्यूसिक अधिक पानी देना पड़़ता है। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम व फरीदाबाद में बढ़ती हुई जनसंख्या के लिए पानी की उपलब्धता सरकार के लिए चुनौती बनता जा रहा है। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे जल संरक्षण में सहयोग करे और जिन क्षेत्रों में सिंचाई के लिए पानी नहीं पहुंचता वहां पानी पहुचाएं। उन्होंने कहा कि नहरी तंत्र का जीर्णोद्वार किया जा रहा है। पश्चिमी यमुना नहर के पम्प सेट की विशेष मरम्मत व नहरों व माइनरों के जीर्णोद्वार के लिए लगभग 2200 करोड़ रुपये की योजना तैयार की गई है।

लगभग तीन घंटे तक चली चर्चा में किसान प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल का विशेष आभार व्यक्त किया और अपने-अपने क्षेत्रों के अमूल्य सुझाव भी दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान प्रदेश की रीढ़ है और उनके कल्याण व आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने के लिए सरकार कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि किसान कल्याण प्राधिकरण के साथ-साथ एक एडवाईजरी कमेटी का भी गठन किया जाएगा जिसमें वे स्वयं भी शामिल होंगे, इसके अलावा, कृषि एवं कल्याण मंत्री व सरकारी अधिकारियों के साथ-साथ प्रगतिशील किसानों को भी शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त, खेतीहार मजदूरों व भूमिहीन किसानों के लिए एक अलग से कमेटी का गठन भी किया जाएगा।

किसानों के सुझावों से गद-गद मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके दरवाजे हमेशा खुले है और किसी भी समय अच्छे सुझाव अपनाएं जाएंगे। मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि जैविक खेती करने वाले, मधुमक्खी पालन, बागवानी व डेरी व्यावसाय वाले किसानों को अपने-अपने उत्पादक समूह गठित कर अपनी ब्रांडिंग करनी चाहिए, सरकार की तरफ से इंफ्रास्टच्चर व अन्य सुविधाएं ऐसे समूहों को उपलब्ध करवाई जाएंगी।
बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री राजेश खुल्लर, ओ एस डी कैप्टन भूपेन्द्र सिंह, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के प्रधान सचिव डॉ.अभिलक्ष लिखी, एक ओर सुधार सेल के परियोजना निदेशक श्री रॉकी मित्तल के अलावा अन्य वरिष्ठ अधिकारी व प्रगतिशील किसान भी उपस्थित थे।

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