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यूनुस अलवी
मेवात : उपमंडल के गांव शिकरावा में एक किसान की बोरिंग के गडढे में दबकर मौत हो गई जबकि दो को जिंदा बचा लिया गया। मौत को कुदरत का हादसा मानकर बिना पोस्टमार्टम ही मृतक मम्मन को सुर्पद-ए-खाक कर दिया गया।
गांव शिकरावा निवासी जाकिर ऐडवोकेट ने बताया उनके गांव का मम्मन पुत्र खान मोहम्मद अपने खेत में बोरिंग के लिए करीब 20 फीट गहरा गडढा खोद कर उनमें खंडे डाल दिऐ थे। मम्मन ने गडढे में डीजन इंजन का पटा चढाने से पहले बोरिंग की सफाई कर रहा था। अचानक पास में ही भूड (मिटटी) का ढेर बोरिंग के गडढे में गिर गया जिसमें मम्मन करीब 20 फीट नीचे मिटटी में दब गया। जाकिर ने बताया कि मम्मन के करीब एक एकड जमीन है जिसमें उसने खेतों की सिंचाई के लिए बोर किया था। वाटर लेवल गहरा होने की वजह से उसने करीब 20 फीट गहरी एक गडढा खोदकर बोरिंग किया। बोर में डीजल इंजिन को पंखा लगाने से पहले वह गडढे की सफाई कर रहा था। उन्होने बताया कि जिस जगह मम्मन ने बोरिंग किया वह कच्ची मिटटी यानि भूड है जो थेडे इशारे से टूट जाती है। इसी वजह से ही उसने बोरिंग के गडढे में सिमंट के खंडे डाले थे।
ऐडवोकेट जाकिर का कहना है कि गडढे की खुदाई मम्मन के दो बेंटों ने की थी। शनिवार को दोपहर गडढा को खोद कर तैयार कर दिया गया था। मम्मन ने अपने बेटों को दोपहर का खाना खाने के लिए घर भेज दिया और वह गडढे की अंदर से सफाई के लिए नीचे उतर गया। कुछ देर बाद ही बांरिंग के गडढे के पास खडा भूड (मिटटी) का ढेर बोरिंग के गडढे पर आ गिरा जिसकी वजह से मम्मन करीब 20 फीट नीचे दब गया। आस-पास काम करने वालों को पता चलते ही वे दौड पडे। जाकिर का कहना है कि बोरिंग के गडढे में जेसीबी मशीन ना चलने की वजह से बालटियों से ही मिटटी का निकाला जा रहा था। जब करीब 6 फीट मिटटी को निकाल लिया गया तो अचानक से फिर एक और मिटटी का ढेर बोरिंग पर आ गिरा जिसकी वजह से बालटिंयों से मिटटी निकाल रहे दो किसान और दब गऐ गनीमत रही की वे गर्दन तक ही दबे उनको भीड ने जल्द ही जिंदा निकाल लिया गया। करीब तीन घंटे की मश्क्कत के बाद मम्मन को निकाला गया लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
कुदरत का हादसा और पोस्टर्माटम कराने से मरने वाले की बेकद्री ना हो इस वजह से लोगों ने बिना पुलिस को सूचना दिऐ हैं मृतक मम्मन को दफना दिया गया। मृतक के दो लडके और एक बेटी है।