तीन वर्ष बीत जाने के बाद भी अधर में लटकी मार्केट कमेटी चेयरमैन पदों की नियुक्तियां

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: पुन्हाना माकीर्ट कमेठी के चेयरमैन की लाईन में लगे हुऐ हैं कई नेता

यूनुस अलवी

 मेवात:   नूंह जिले में तावडू को छोडकर हरियाणा सरकार मेवात की तीन मार्केट कमेटी के चेयरमैन व उपचेयरमैन पदों की नियुक्ति भूल गई है। मार्कीट कमेठी का चेयरमैन बनने ख्वाब देख रहे कार्यकर्ता अब निराश होते नजर आ रहे हैं।  
 
  गुरूग्राम सहित जिले में सभी पदों पर व नूंह जिले में तावडू मार्केट कमेटी के पदों पर नियुक्ति कर दी गई हैं। जिले में अब केवल पुन्हाना, फिरोजपुर झिरका व नूंह सहित तीन कमेटियों में राजनीतिक दखलंदाजी के चलते पदों पर नियुक्तियां नहीं की गई हैं। ऐसे होने से दोनों पदों पर आसीन होने का सपना देख रहे दर्जनों नेताओं के मंसूबों पर पानी फिर कर रह गया है। इसके साथ ही इससे पहले पद के लिए जोर अजमाईश में लगे नेताओं ने अब हार मानकर दौड-धूप बंद कर दी है। 
 
वहीं तीन वर्ष बाद भी ऐसे महत्वपूर्ण पदों का गठन न हो पाने से सरकार व स्थानीय नेताओं पर सवालियां निशान खडे होने लगे हैं। राजनीतिक जानकार बताते हैं कि नेतागण व सरकार किसी भी प्रकार के मन-मुटाव से बचने के लिए इन पदों का गठन करने के लिए हरी झंडी नहीं दे रही है। जबकि इन पदों को पाने के लिए भाजपा से लेकर आरएसएस व भाजपा को अपनी पार्टी बताने वाले नेतागण 3 वर्षों से जी तोड कोशिश में जुटे हुए थे व अपने-अपने आकाओं के दरबार में जी हुजूरी में लगे हुए थे। लेकिन 3 वर्ष बाद भी सपना चकनाचूर होने से ऐसे नेता अब पूरी तरह से टूट कर घर बैठ गए हैं।
 
वहीं आकाओं के दरबार में हाजरी लगाना भी बंद कर दिया है। बता दे कि पुन्हाना मार्केट कमेटी के पदों पर नियुक्ति के लिए वरिष्ठ भाजपा नेता व गौ सेवा आयोग के चेयरमैन भानीराम मंगला व वक्फ बोर्ड के चेयरमैन व विधायक रहीशा खान की भूमिका को नकारा जाना असंभव है। नियुक्ति में दोनों नेताओं की रजामंदी जरूरी है। हैरत की बात है कि चेरमैनी को लेकर अपने आकाओं के खामोश रहने से अब चेयरमैन पदों का सपना देखने वाले नेता भी अब चुप बैठ गए हैं तो कुछ इसको लेकर अपने आकाओं से नाराज हैं। वहीं राजनीतिक जानकारों की माने तो इन दोनों पदों पर नियुक्ति करने से भाजपा को आगामी चुनावों में काफी फायदा देखने को मिलता और साथ ही सरकार अगर लंबे समय तक इन्हें टालती है तो भाजपा पार्टी से लेकर स्थानीय नेताओं को चुनावों में कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड सकता है। 

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