नई दिल्ली : मीडिया की खबरों में दावा किया जा रहा है कि उत्तर कोरिया ने रविवार को सख्त चेतावनी दी कि यदि अमेरिका ने अपनी मौजूदा सैन्य नीति जारी रखी और प्योंगयांग के दूसरे अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल लांच के प्रतिक्रियास्वरूप कड़े प्रतिबंध लगाए तो इसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उत्तर कोरियाई विदेश मंत्रालय ने सरकारी समाचार एजेंसी केसीएनए के जरिए जारी एक बयान में शुक्रवार के बैलिस्टिक मिसाइल लांच को देश की सैन्य क्षमताओं का एक प्रदर्शन बताया है. बयान में कहा गया है कि यह परीक्षण अमेरिका के लिए एक सख्त चेतावनी थी कि वह मूर्खतापूर्व टिप्पणियां न करे, प्रतिबंध न लगाए और डीपीआरके (डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया) के खिलाफ दबाव का अभियान न चलाए.
खबरों में उत्तर कोरिया के बयान के हवाले से कहा है कि उत्तर कोरियाई सरकार ने कहा है कि “अमेरिका द्वारा युद्ध का ढिंढोरा पीटने और डीपीआरके पर कड़े प्रतिबंध लगाने की धमकी देने से उत्तर कोरिया मजबूत ही हुआ है और परमाणु बम हासिल करने का इसका कदम और न्यायोचित साबित हुआ है.” अमेरिका ने रविवार (30 जुलाई) को इसके पहले उत्तर कोरिया के शुक्रवार (28 जुलाई) के आईसीबीएम लांच के जवाब में कोरियाई प्रायद्वीप के पास बी-1बी बमवर्षक तैनात कर दिए. अमेरिका ने कहा है कि वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से कहेगा कि वह उत्तर कोरिया के खिलाफ कठोर प्रतिबंध लगाए और इसके साथ ही वह मिसाइल परीक्षण के जवाब में एकतरफा प्रतिबंध लगाने पर काम करेगा.
उल्लेखनीय है कि प्योंगयांग ने शुक्रवार (28 जुलाई) को ह्वासोंग-14 मिसाइल दागा था, जिसने लगभग 47 मिनट में 998 किलोमीटर की दूरी तय की थी और जापान सागर में गिरने से पहले 3,724.9 किलोमीटर की ऊंचाई पर पहुंचा था. उत्तर कोरिया ने इस लांच को सफल बताया था और कहा था कि इससे साबित हो गया है कि प्योंगयांग अमेरिका के किसी भी हिस्से को मिसाइल से निशाना बना सकता है.