जन औषधि का उद्देश्य गरीबों का गुणवत्तापूर्ण दवाओं तक पहुँच सुनिश्चित करना : ओम प्रकाश वर्मा

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सेक्टर-10 स्थित नागरिक अस्पताल में मनाया गया जन औषधि दिवस

जेनेरिक दवाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हर साल मनाया जाता है जन औषधि दिवस

गुरुग्राम, 7 मार्च : हरियाणा जन औषधि परियोजना के राज्य नोडल अधिकारी श्री ओम प्रकाश वर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना का उद्देश्य आमजन को कम कीमत में उच्च गुणवत्ता की दवाइयां उपलब्ध कराना है। यह योजना विशेष रूप से गरीब और जरूरतमंद मरीजों के लिए संजीवनी साबित हो रही है।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना स्वास्थ्य सेवा को किफायती, सुलभ और प्रभावी बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है।

श्री वर्मा ने आज सेक्टर-10 स्थित नागरिक अस्पताल में जन औषधि दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की।

उन्होंने बताया कि इस योजना को गति प्रदान करने के लिए, माननीय प्रधानमंत्री ने योजना के बारे में जागरूकता बढ़ाने और जेनेरिक दवाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हर साल 7 मार्च को जन औषधि दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की। सभी को किफायती दामों पर गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाइयाँ उपलब्ध कराने के उद्देश्य से, प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) को भारत सरकार के रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के फार्मास्यूटिकल विभाग द्वारा शुरू किया गया था। इस परियोजना का उद्देश्य आबादी के सभी वर्गों, विशेष रूप से गरीबों और वंचितों के लिए गुणवत्तापूर्ण दवाओं तक पहुँच सुनिश्चित करना और शिक्षा और प्रचार के माध्यम से जेनेरिक दवाओं के बारे में जागरूकता पैदा करना है । पीएमबीजेपी के तहत, दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए, विश्व स्वास्थ्य संगठन – गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस (डब्ल्यूएचओ-जीएमपी) प्रमाणित आपूर्तिकर्ताओं से ही दवाएँ खरीदी जाती हैं। गोदामों में पहुँचने के बाद दवा के प्रत्येक बैच का परीक्षण सर्वोत्तम गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए ‘राष्ट्रीय परीक्षण और अंशांकन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड’ (एनएबीएल) द्वारा मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं में किया जाता है। फार्मास्यूटिकल्स और मेडिकल डिवाइस ब्यूरो ऑफ इंडिया (पीएमबीआई) गुणवत्ता मापदंडों को सर्वोच्च महत्व देता है और दवाओं की अच्छी गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए नियमित रूप से जाँच करता है।

जन ​​औषधि दवाओं की कीमत ब्रांडेड दवाओं के बाजार मूल्य से कम से कम 50% और कुछ मामलों में 80% तक सस्ती है। दवाओं की बड़ी श्रेणी को कवर करने के लिए, एंटीबायोटिक्स और एंटी-इंफेक्टिव, एंटी-कैंसर, एंटी-डायबिटिक्स, कार्डियोवैस्कुलर ड्रग्स, एनाल्जेसिक और एंटीपीयरेटिक, एंटी-एलर्जिक, गैस्ट्रो-इंटेस्टाइनल एजेंट, विटामिन और मिनरल, फूड सप्लीमेंट्स/न्यूट्रास्युटिकल्स, टॉपिकल मेडिसिन आदि जैसे 29 प्रमुख चिकित्सीय समूहों को पीएमबीजेपी बास्केट में शामिल किया गया है। पीएमबीजेपी ने एंड टू एंड सप्लाई चेन मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया है। गुरुग्राम, चेन्नई, बेंगलुरु, गुवाहाटी और सूरत में पांच गोदाम हैं। ये एसएपी आधारित इन्वेंट्री प्रबंधन प्रणाली द्वारा समर्थित हैं। अब, मांग का पूर्वानुमान एसएपी आधारित प्रणाली द्वारा किया जाता है और वांछित इन्वेंट्री स्तरों के अनुसार ऑर्डर दिए जाते हैं।

उन्होंने बताया कि 31 जनवरी 2025 तक प्राथमिक कृषि ऋण सोसायटी श्रेणी में 719 जन औषधि केंद्र खोले जा चुके हैं। भारत भर में सभी महिलाओं को मासिक धर्म स्वास्थ्य सेवाओं की आसान उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए, 27 अगस्त 2019 को “जन औषधि सुविधा ऑक्सी-बायोडिग्रेडेबल सैनिटरी नैपकिन” लॉन्च किया गया, जो देश भर के सभी जेएके में 1.00 रुपये प्रति सैनिटरी पैड की दर से बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। स्थापना के बाद से 31.01.2025 तक इन केंद्रों के माध्यम से 72 करोड़ से अधिक जन औषधि सुविधा सैनिटरी पैड बेचे जा चुके हैं।

आईटी आधारित मोबाइल इंटरफेस की सुविधा के लिए, मोबाइल एप्लिकेशन “जन औषधि सुगम” में विभिन्न उपयोगकर्ता-अनुकूल विकल्प हैं जैसे – गूगल मैप के माध्यम से नजदीकी जन औषधि केंद्र का पता लगाना, जन औषधि जेनेरिक दवाओं की खोज करना, एमआरपी के संदर्भ में जेनेरिक बनाम ब्रांडेड दवाओं की कीमतों की तुलना करना आदि।

कार्यक्रम में सिविल सर्जन कार्यालय और प्रिंसिपल मेडिकल ऑफिसर कार्यालय की ओर से डॉ. नीलिमा डिप्टी सिविल सर्जन और डॉ. नीरज यादव डीएमएस को जन औषधि केंद्र सिविल अस्पताल गुरुग्राम में एक साल में करीब 17 लाख रुपये की बिक्री के लिए स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए। डॉ. अमनदीप सहारन जनरल सर्जन और श्रीमती गरिमा फार्मासिस्ट जन औषधि केंद्र को भी जन औषधि केंद्र को बढ़ावा देने के लिए पुरस्कार मिले।

इस दौरान औषधि नियंत्रण अधिकारी श्री सुरेश और श्री मुकेश भी विशेष आमंत्रित सदस्य रहे।

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