सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की पायलट कैशलेस स्कीम का क्रियान्वयन होगा आरंभ : उपायुक्त अजय कुमार

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कैशलेस आर्थिक सहायता देने की योजना से घायलों को मिलेगी त्वरित उपचार की सुविधा

गुरुग्राम, 24 जनवरी। भारत में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा शुरू की गई पायलट कैशलेस स्कीम का उद्देश्य दुर्घटना पीड़ितों को अग्रिम भुगतान की आवश्यकता के बिना तत्काल चिकित्सा देखभाल प्रदान करना है। इस योजना के तहत घायल को इलाज के लिए डेढ़ लाख रुपए तक की कैशलेस आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।


उपायुक्त अजय कुमार ने लघु सचिवालय सभागार में आयोजित हुई राज्य परिवहन आयुक्त की वीडियो कांफ्रेंस में यह जानकारी दी। उपायुक्त ने बताया कि पायलट कैशलेस स्कीम के तहत सड़क दुर्घटनाओं में घायल हुए व्यञ्चित को एमपेनल्ड अस्पतालों में बिना किसी वित्तीय बोझ के उपचार प्राप्त होगा। इस पहल का उद्देश्य समय पर चिकित्सा देखभाल प्रदान करने में देरी को कम करना और दुर्घटना पीडि़त के जीवित रहने की संभावनाओं को सुधारना है, ताकि उपचार तक त्वरित और कैशलेस आर्थिक सहायता सुनिश्चित की जा सके।


उपायुक्त अजय कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने भी विगत दिनों करनाल में प्रदेश के सभी डीसी और एसपी की मीटिंग में भी इस पायलट स्कीम को लेकर चर्चा की थी। उन्होंने बताया कि कोई भी सड़क दुर्घटना होती है तो उसे पुलिस कर्मचारी ए-डार (eDAR) पोर्टल पर अपलोड करेंगे। उसके बाद अस्पताल में पीड़ित व्यक्ति की ट्रांजेक्शन मैनेज आईडी अर्थात टीएमएस बनाई जाएगी। यह सारा कार्य आनलाइन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सडक़ दुर्घटना के बाद अगला एक घंटा घायल व्यक्ति के लिए गोल्डन हॉवर माना जाता है। इसलिए यह प्रयास किया जाए कि सड़क दुर्घटना की सूचना मिलते ही पुलिस कर्मचारी या आम नागरिक घायल को नजदीक के आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य स्कीम में सूचीबद्ध अस्पताल या मल्टीस्पेशियलटी ट्रामा सेंटर में दाखिल करवा दें। दुर्घटना की सूचना पुलिस को 112 डायल सर्विस पर दी जा सकती है। पुलिस घायल को जल्दी अस्पताल पहुंचाने के लिए 108 नंबर की एंबुलेंस सेवा से भी संपर्क रखेगी।


उपायुक्त अजय कुमार ने बताया कि यह स्कीम नेशलन हेल्थ अथॉरिटी के सौजन्य से आरंभ की गई है। गुरुग्राम में ट्रामा सेंटर के योग्य अस्पतालों की सूची तैयार कर इसे ऑनलाइन जारी किया जाएगा। जिससे कि मरीज को सही स्थान पर पहुंचा कर उसका इलाज शुरू करवाया जा सके। इस योजना के अनुसार पीडि़त को सात दिन में डेढ़ लाख रूपए तक की कैशलेस आर्थिक सहायता दे दी जाएगी।

वीसी में राज्य परिवहन आयुक्त सी.जी. रजनीकांथन ने सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी का अनुपालन किए जाने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि जिला में चल रही स्कूल बसों की नियमित रूप से जांच होनी चाहिए। राज्य परिवहन आयुक्त ने बताया कि हिट एंड रन एक्सीडेंट केस में जिस वाहन से दुर्घटना घटित हुुई है, वह गाड़ी अनट्रेस रह जाए तो सरकार द्वारा ऐसे मामले में पीड़ित व्यक्ति को दो लाख रूपए तक की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।



उपायुक्त अजय कुमार ने बताया कि पायलट कैशलेस स्कीम को सही ढंग से क्रियान्वित करने के लिए जल्दी ही पुलिस एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा।
इस अवसर पर एसडीएम एवं जिला परिवहन अधिकारी रविंद्र कुमार, तहसीलदार शिखा गर्ग, डिप्टी सीएमओ डा. जेपी राजलीवाल, डा. शालिनी, डा. अनुज गर्ग, परिवहन निरीक्षक हरेंद्र शर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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