नई दिल्ली। भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी लिमिटेड (इरेडा) के अध्यक्ष एवं मुख्य प्रबंध निदेशक प्रदीप कुमार दास ने आज भुवनेश्वर में ग्रिडको द्वारा आयोजित ओडिशा सौर निवेशक सम्मेलन को संबोधित किया।
श्री दास ने अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं को गति देने में सुलभ वित्तपोषण की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने पूरी तरह से कागज रहित, डिजिटल और ऋणकर्ता-अनुकूल संचालन के साथ प्रतिस्पर्धी वित्तपोषक के रूप में इरेडा की महत्वपूर्ण उपलब्धि का उल्लेख किया, जिससे हरित ऊर्जा परियोजनाओं के लिए निर्बाध समर्थन को बढ़ावा मिला है।
इरेडा के मुख्य प्रबंधक निदेशक ने ओडिशा के महत्वाकांक्षी नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की, जिसमें राज्य ने वर्ष 2030 तक 10 गीगावाट क्षमता हासिल करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। अपने समर्थन के रूप में इरेडा ने पहले ही ओडिशा में हरित ऊर्जा परियोजनाओं के लिए 3,000 करोड़ रुपये से अधिक की स्वीकृति दे दी है, जिसमें सौर, जलविद्युत, इथेनॉल और नवीकरणीय ऊर्जा विनिर्माण क्षेत्र शामिल हैं।
श्री दास ने ओडिशा के एक अग्रणी सौर ऊर्जा उत्पादक और सौर उपकरण विनिर्माण के केंद्र के रूप में उभरने की क्षमता की भी जानकारी दी। इरेडा के राष्ट्रीय योगदान को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि कंपनी ने अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए 2.08 लाख करोड़ रुपये से अधिक की मंजूरी दी है और 1.36 लाख करोड़ रुपये वितरित किए हैं, जिससे स्वयं को इथेनॉल, ईवी फ्लीट फाइनेंसिंग, पंप स्टोरेज हाइड्रोपावर और ग्रीन अमोनिया आदि जैसी उभरती हुई अक्षय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों में बाजार निर्माण के लिए उत्प्रेरक के रूप में स्थापित किया है।
मुख्य प्रबंधक निदेशक ने भारत के हरित ऊर्जा लक्ष्यों को आगे बढ़ाने के लिए इरेडा की प्रतिबद्धता दोहराई, जिसमें नवीकरणीय ऊर्जा ऋण वित्तपोषण क्षेत्र में 10 से 15 प्रतिशत के योगदान की अवधारणा की गई है।