नई दिल्ली। सरकार राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) योजना लागू कर रही है, जिसके अंतर्गत प्रतिस्पर्धी ऑनलाइन बोली के माध्यम से किसानों के लिए उनकी उपज के पारदर्शी मूल्य निर्धारण के लिए कृषि और बागवानी वस्तुओं का ऑनलाइन व्यापार किया जाता है।
कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री राम नाथ ठाकुर ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि दिनांक 31 अक्टूबर 2024 तक 23 राज्यों और 04 केंद्रशासित प्रदेशों (यूटी) की 1389 मंडियों को ई-नाम प्लेटफॉर्म से जोड़ा गया है। ई-नाम प्लेटफॉर्म से जुड़ी मंडियों की राज्यवार संख्या नीचे दी गई है। अब तक 1.78 करोड़ किसान, 2.62 लाख व्यापारी और 4250 से अधिक किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) ई-नाम प्लेटफॉर्म पर पंजीकृत हैं। ई-नाम प्लेटफॉर्म पर 3.79 लाख करोड़ रुपये मूल्य के कृषि उपज व्यापार दर्ज किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि ई-नाम एक मांग-आधारित योजना है। ई-नाम प्लेटफॉर्म के तहत मंडियों की सम्बद्धता राज्य सरकारों/केंद्रशासित प्रदेशों से प्राप्त प्रस्तावों पर आधारित है, जो उनकी मांग और तत्परता को प्रदर्शित करता है। ई-नाम परिचालन दिशानिर्देशों के अनुसार आवश्यक बुनियादी ढांचे और तकनीकी आवश्यकताओं को पूरा करने पर मंडियों को इस प्लेटफॉर्म से सम्बद्ध किया जाता है।
ई-नाम प्लेटफॉर्म से सम्बद्ध मंडियों की राज्यवार संख्या (31.10.2024 तक)
क्र. सं.
राज्य
ई-नाम प्लेटफॉर्म के साथ एकीकृत मंडियों की संख्या
1
आंध्र प्रदेश
33
2
असम
3
3
बिहार
20
4
छत्तीसगढ
20
5
गुजरात
144
6
गोवा
7
7
हरियाणा
108
8
हिमाचल प्रदेश
38
9
झारखंड
19
10
कर्नाटक
5
11
केरल
6
12
मध्य प्रदेश
139
१३
महाराष्ट्र
133
14
नागालैंड
19
15
ओडिशा
66
16
पंजाब
79
17
राजस्थान
145
18
तमिलनाडु
157
19
तेलंगाना
57
20
त्रिपुरा
7
21
उत्तर प्रदेश
125
22
उत्तराखंड
20
23
पश्चिम बंगाल
18
केंद्र शासित प्रदेश
1
अंडमान व नोकोबार द्वीपसमूह
1
2
चंडीगढ़
1
3
जम्मू और कश्मीर
17
4
पुदुचेरी
2
कुल
1389