देश में मत्स्यपालन : जलाशय- 31.50  लाख हेक्टेयर जबकि तालाब और टैंक  24.10 लाख हेक्टेयर

Font Size

नई दिल्ली ।  देश में विभिन्न प्रकार के मात्स्यिकी और जलीय कृषि संसाधन उपलब्ध हैं, जिनमें जलाशय-31.50 लाख हेक्टेयर, बाढ़ के मैदानी आर्द्रभूमि-5.64 लाख हेक्टेयर, तालाब और टैंक-24.10 लाख हेक्टेयर, खारे पानी-12.40 लाख हेक्टेयर, खारे/क्षारीय प्रभावित क्षेत्र-2.47 लाख हेक्टेयर, नदियाँ और नहरें-1.95 लाख किलोमीटर, समुद्र तट-8118 किलोमीटर शामिल हैं, जिनमें 22.31 मिलियन टन मत्स्य उत्पादन की अनुमानित क्षमता है।

यह जानकारी मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने 10 दिसंबर को लोकसभा में लिखित उतर में दी।

 बिहार सरकार ने बताया है कि राज्य में मात्स्यिकी विकास के लिए उपयुक्त विशाल और विविध जल संसाधन हैं, जिनमें तालाब-112296 हेक्टेयर, ऑक्सबो झील-9000 हेक्टेयर, आर्द्रभूमि-2.40 लाख हेक्टेयर, जलाशय-64470 हेक्टेयर और नदियाँ-3200 किलोमीटर शामिल हैं, जिनमें 12.70 लाख टन मत्स्य उत्पादन की अनुमानित क्षमता है।

पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, अंतर्देशीय जलमार्गों की पहचान केवल शिपिंग और नैविगेशन उद्देश्यों के लिए की गई है।

मात्स्यिकी क्षेत्र के विकास की संभावनाओं को देखते हुए, मत्स्यपालन विभाग, मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय, भारत सरकार बिहार सहित देश में मात्स्यिकी के समग्र विकास के लिए विभिन्न योजनाओं को लागू कर रहा  है।

 लागू की गई योजनाओं में शामिल हैं;

(i) नीली क्रांति पर केंद्र प्रायोजित योजना: मात्स्यिकी का एकीकृत विकास और प्रबंधन, जिसे 2015-16 से 2019-20 तक 5 वर्षों की अवधि के लिए 3000 करोड़ रुपए  के कुल केंद्रीय परिव्यय पर लागू किया गया था, (ii) रियायती वित्त प्रदान करने के लिए 2018-19 से 2023-24 तक 5 वर्षों की अवधि के लिए 7522.48 करोड़ रुपए के कुल फंड के साथ फिशरीज़ एंड एक्वाकल्चर डवलपमेंट फ़ंड (एफआईडीएफ), (iii) मछुआरों और मत्स्य किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) जारी करना और (iv) 2020-21 से 2024-25 तक 5 वर्षों की अवधि के लिए 20,050 करोड़ रुपए के निवेश के साथ प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई)।  

बिहार में मात्स्यिकी और जलीय कृषि के विकास के लिए, विगत चार वर्षों और वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान पीएमएमएसवाई के अंतर्गत 158.82 करोड़ रु  के केंद्रीय अंश सहित कुल 522.41 करोड़ रुपए के परिव्यय वाली परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इसके अलावा, बिहार के मछुआरों और मत्स्य किसनों को उनकी कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करने के लिए कुल 1290 किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) मंजूर किए गए हैं।

2024 को लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

Leave a Reply

You cannot copy content of this page