– डीसी बोले : आवासीय, कृषि और वाणिज्यिक भूमि के नए कलेक्टर रेट में 10 से 30 प्रतिशत वृद्धि की गई
-1 दिसंबर से लागू किए जा रहे ये नए रेट 31 मार्च 2025 तक पर प्रभावी रहेंगे
-डीसी अजय कुमार ने सभी अधिकारियों के साथ बैठक, नए रेट लागू करने के दिए निर्देश
सुभाष चन्द्र चौधरी /The Public World
गुरूग्राम, 29 नवंबर। गुरूग्राम में जमीनों की कीमतों में भारी वृद्धि होने की संभावना है जबकि रजिस्ट्री करवाने का खर्च भी बेतहाशा बढ़ जायेगा क्योंकि हरियाणा सरकार ने आगामी 1 दिसंबर से नए कलेक्टर रेट लागू करने का आदेश जारी कर दिया. नए प्रस्तावित रेट में सभी प्रकार की जमीनों के कलेक्टर रेट में 10 से 30 प्रतिशत तक की वृद्धि का प्रस्ताव लगभग 8 माह पहले ही यानी विधानसभा चुनाव से पूर्व ही प्रदेश सरकार को भेजा गया था जिसे चुनाव तक के लिए लंबित रखा गया था. उक्त प्रस्ताव पर आम जनता से 15 अप्रेल 2024 तक सुझाव और आपत्तियां मांगी गई थी. अब हरियाणा सरकार से मिली हरी झंडी के बाद गुरुग्राम के डीसी अजय कुमार ने आज इस संबंध में लघु सचिवालय स्थित कॉन्फ्रेंस हॉल में सभी उपमंडल अधिकारियों और राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की. इस अहम बैठक में डीसी ने नए कलेक्टर रेट को लागू करने के लिए आवश्यक कदम उठाने को कहा. अधिकारियों को बताया गया कि जिला में 1 दिसंबर से लागू किए जा रहे ये नए रेट 31 मार्च 2025 तक पर प्रभावी रहेंगे।
डीसी अजय कुमार ने बताया कि कहा कि जिला में 1 दिसंबर से आवासीय, कृषि और वाणिज्यिक भूमि के लागू किए जा रहे नए कलेक्टर रेट में 10 से 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई। इसमें संबंधित क्षेत्र की मार्केट वैल्यू का भी ध्यान रखा गया है। उन्होंने कहा कि जिला में कुछ ऐसे प्रमुख क्षेत्र भी थे जहां मार्किट वैल्यू का भाव अत्यधिक था। ऐसे में उक्त स्थानों के कलेक्टर रेट में 30 प्रतिशत तक कि बढ़ोतरी की गई है।
उन्होंने बताया कि जमीनों की खरीद फरोख्त को लेकर कलेक्टर रेट बेहद अहम होता है। अलग अलग स्थानों पर वहां के हालात और मार्केट रिसर्च के बाद ही वैल्यू कमेटी अपनी रिपोर्ट देती है। इसके बाद राजस्व विभाग और राज्य सरकार रेट बढ़ाने की रिपोर्ट को अंतिम मंजूरी प्रदान करती है।
उन्होंने कहा कि गुरूग्राम में 1 दिसंबर से लागू किए जा रहे नए कलेक्टर रेट जिला प्रशासन की वेबसाइट गुरूग्राम डॉट जी ओवी डॉट इन पर उपलब्ध हैं। उन्होंने सभी राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे यह सुनिश्चित करें कि सभी तहसीलों में निर्धारित मानदंडों का उल्लंघन ना हो।
नए आदेश के बाद आब एक दिसम्बर 2024 से जिला की सभी तहसीलों व उप तहसीलों में जमीनों की रजिस्ट्री नए रेट के आधार पर होगी . यानी इससे अब आवासीय , व्यावसायिक या फिर कृषि भूखंड हो सभी प्रकार की जमीन खरीदने वाले लोगों को पहले से कहीं ज्यादा स्टाम्प ड्यूटी सरकार के खाजने में जमा कराना होगा. साथ इससे जमीनों की कीमतों में उछाल देखने को मिलेगा.
जाहिर है मध्यम वर्ग और निम्न माध्यम वर्ग के लिए घर या जमीन खरीदना और दूभर हो जायेगा. इसका सीधा असर यहाँ जमीन खरीदने वाली आम जनता की जेब पर पड़ेगा और सरकार के खजाने में आय की वृध्दि होगी. इससे बचने के लिए ही आम लोग अवैध व अनियमित कालोनियों की ओर रुख करते हैं और सरकार की अनुमति व योजना के बिना अव्यवस्थित रिहायशी कालोनियों को बढ़ावा मिलता है.
इस प्रकार का धन्धा करने वाले प्रॉपर्टी डीलर्स और ड़ेवेलपर्स कृषि भूमि पर प्लोटिंग कर एक तरफ आम लोगों का दोहन करते हैं तो दूसरी तरफ प्रदेश सरकार के खजाने को भारी चूना लगाते हैं. इसका नाजायज फायदा स्थानीय नेता और अधिकारी दोनों उठाते हैं क्योंकि ऐसी कालोनियों में जमीनों की खरीद बिक्री बिना रजिस्ट्री के होती है. प्रॉपर्टी डीलर्स गैरकानूनी तरीके से पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी बनवा कर लोगों की गाढ़ी कमाई पर डाका डालते हैं .
बहरहाल सरकार से अनुमति मिलने के बाद जिला उपायुक्त ने अधिकारियों को इसे लागू करने का निर्देश दे दिया है. इस अवसर पर बादशाहपुर के एसडीएम अंकित चोकसे, गुरूग्राम के एसडीएम रविंद्र कुमार, पटौदी के एसडीएम दिनेश लुहाच, सोहना के एसडीएम होशियार सिंह, मानेसर के एसडीएम दर्शन यादव, सीटीएम कुँवर आदित्य विक्रम, जिला राजस्व अधिकारी नरेश कुमार, सहित सभी तहसीलदार व नायब तहसीलदार उपस्थित थे ।