– वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में ग्रैप का तीसरा चरण किया गया लागू, सभी प्रकार के निर्माण व विध्वंस गतिविधियों को किया गया प्रतिबंधित
– नगर निगम गुरुग्राम की टीमें प्रदूषण नियंत्रण के लिए कर रही सडक़ों व पेड़ों पर पानी का छिडक़ाव, सडक़ों की हो रही मैकेनाइज्ड सफाई
– नियमों की पालना नहीं करने वाले 68 उल्लंघनकर्ताओं पर लगाया गया 8 लाख 5 हजार रुपए का जुर्माना
गुरुग्राम, 15 नवंबर। नगर निगम गुरुग्राम के आयुक्त अशोक कुमार गर्ग ने कहा कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) का तीसरा चरण लागू कर दिया गया है। इसके तहत प्रदूषण बढ़ाने वाली गतिविधियों को बैन किया गया है। आयोग द्वारा लागू प्रतिबंधों की पालना करना सभी के लिए जरूरी है। अगर कोई व्यक्ति नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसका जुर्माना करने के साथ ही उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
निगमायुक्त ने कहा कि ग्रैप के तीसरा चरण लागू होते ही सभी प्रकार के निर्माण व विध्वंस गतिविधियों को प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसका मतलब यह है कि कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार का निर्माण या तोडफ़ोड़ आदि नहीं कर सकता क्योंकि इससे धूल उड़ेगी तथा प्रदूषण का स्तर बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि निगम क्षेत्र में सभी प्रकार के निर्माण व तोडफ़ोड़ गतिविधियों को बंद रखें तथा निर्माण साइट को कवर करने के साथ ही निर्माण सामग्री पर पानी का छिडक़ाव करके उसे ढक़कर रखें, ताकि धूल ना उड़े। उन्होंने कहा कि निगम टीमें क्षेत्र में लगातार निगरानी कर रही हैं तथा प्रदूषण बढ़ाने वाली गतिविधियां करने वालों के चालान किए जा रहे हैं। निगमायुक्त ने कहा कि ग्रैप के दौरान किसी भी प्रकार के कचरे में आग लगाना, बिना ढक़े निर्माण सामग्री व मलबे को रखना या परिवहन करना, तंदूर में लकड़ी व कोयले को जलाना आदि प्रतिबंधित हैं।
निगमायुक्त ने कहा कि नगर निगम गुरुग्राम द्वारा ग्रैप नियमों की गंभीरता से पालना सुनिश्चित की जा रही है। इसके तहत सडक़ों व पेड़ों पर सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट के शोधित पानी का छिडक़ाव लगातार किया जा रहा है। इस कार्य के लिए एंटी स्मॉग गन तथा वाटर टैंकरों का उपयोग हो रहा है। उन्होंने कहा कि सभी सडक़ों की मैकेनाइज्ड सफाई सुनिश्चित की जा रही है, जिसके लिए 16 रोड़ स्वीपिंग मशीनें कार्य कर रही हैं।
निगमायुक्त ने कहा कि गै्रप के तहत प्रतिबंधित गतिविधियां करने वाले 68 उल्लंघनकर्ताओं पर अब तक 8 लाख 5 हजार रूपए का जुर्माना लगाया जा चुका है। इनमें कचरा जलाने के मामले में 9 उल्लंघनकर्ताओं पर 45 हजार रूपए, तंदूर या भट्टी में कोयला या लकड़ी जलाने के मामले में 3 व्यक्तियों पर 15 हजार रूपए, निर्माण कार्यों में पर्यावरणीय नियमों की पालना नहीं करने के मामले में 37 व्यक्तियों पर 2 लाख 90 हजार रूपए तथा बिना ढक़े निर्माण सामग्री व सीएंडडी वेस्ट ट्रांसपोटेशन या धूल उड़ाने वाली गतिविधियां करने के मामले में 19 व्यक्तियों पर 4 लाख 55 हजार रूपए का जुर्माना शामिल है।