नई दिल्ली : पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) को अधिक वित्तीय शक्तियां हस्तानांतरण करने को बढ़ावा देने के एक महत्वपूर्ण प्रयास में, पंचायती राज मंत्रालय (एमओपीआर) 14 नवंबर को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में एक दिवसीय वित्त आयोग सम्मेलन, जिसका विषय ‘विकास के लिए वित्तीय शक्तियों का विकेन्द्रीकरण’ है, का आयोजन करेगा। 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया के नेतृत्व में आयोजित होने वाले इस सम्मेलन में ग्रामीण स्थानीय निकायों (आरएलबी) को धन के प्रभावी आवंटन में राज्य वित्त आयोगों (एसएफसी) की भूमिका पर चर्चा करने और उसे बढ़ाने के लिए प्रमुख हितधारकों को एक साथ लाया जाएगा।
इस सम्मेलन का उद्देश्य स्थानीय शासन और वित्तीय हस्तांतरण में शामिल विभिन्न हितधारकों के बीच संवाद और सहयोग को बढ़ावा देना है। इस आयोजन में 16वें वित्त आयोग के सदस्य, पंचायती राज मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और प्रतिष्ठित शैक्षणिक और प्रासंगिक संस्थानों के प्रख्यात विशेषज्ञ भाग लेंगे। आशा की जाती है कि नौ राज्य वित्त आयोगों – आंध्र प्रदेश, असम, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, गुजरात, कर्नाटक, केरल, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश – के अध्यक्ष एसएफसी के कामकाज पर अपने अनुभव और अंतर्दृष्टि को उन राज्यों के वित्त विभागों के साथ साझा करेंगे, जिन्होंने अभी तक एसएफसी की स्थापना नहीं की है।
प्रमुख सत्र और चर्चा :
इस सम्मेलन में स्थानीय निकायों में वित्तीय प्रशासन को मजबूत करने पर केंद्रित चार प्रमुख सत्र होंगे, जिनमें राज्य वित्त आयोगों की प्रभावशीलता पर विशेष जोर दिया जाएगा:
- उद्घाटन सत्र – पंचायती राज मंत्रालय और शहरी एवं आवास मामलों के मंत्रालय के सचिवों द्वारा उद्घाटन संबोधन, साथ ही 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया द्वारा मुख्य भाषण दिया जाएगा। संयुक्त सचिव, पंचायती राज मंत्रालय, एक प्रस्तुति देंगे।
- सत्र I: स्थानीय निकाय अनुदान – यह सत्र बंधे बनाम खुले अनुदानों से जुड़ी चुनौतियों और अवसरों, स्थानीय निकाय खातों की ऑनलाइन उपलब्धता और लेखा परीक्षा तथा अनुदान उपयोग से संबंधित मुद्दों पर केंद्रित होगा।
- सत्र II: पंचायत वित्त – इस सत्र में पंचायतों के लिए राजस्व स्रोतों को बढ़ाने की रणनीतियों के साथ-साथ धन और कार्यों के हस्तांतरण पर चर्चा की जाएगी।
- समापन सत्र – व्यय विभाग के सचिव और 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष का संबोधन होगा।
सम्मेलन के मुख्य उद्देश्य :
यह सम्मेलन एसएफसी की संरचनात्मक और परिचालन संबंधी आवश्यकताओं को उजागर करने और उनको संबोधित करने का अवसर प्रदान करेगा, जिससे एक और मजबूत, उत्तरदायी फ्रेमवर्क विकसित होगा, जो जमीनी स्तर पर सतत विकास में सीधे योगदान कर सकेगा। इस सम्मेलन में विचार-विमर्श समय पर एसएफसी की सिफारिशों की रिपोर्टिंग और कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने, प्रभावी संसाधन आवंटन को बढ़ावा देने और जमीनी स्तर पर विकास का समर्थन करने के लिए सभी हितधारकों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने पर केंद्रित होगा।