कृषि, दुग्ध उत्पादन तथा मत्स्य पालन के क्षेत्र में बनाई जाएंगी सहकारी समितियां : एडीसी

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केंद्र सरकार ने शुरू किया सहकार से समृद्घि कार्यक्रम

को-आपरेटिव सोसायटीज से जुड़ कर गांव होंगे खुशहाल-एडीसी


गुरुग्राम, 8 नवंबर। एडीसी हितेश कुमार मीणा ने बताया कि नाबार्ड द्वारा रोजगार के नए अवसर पैदा करने के लिए नई बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि ऋण समितियां, प्राथमिक डेयरी सहकारी समितियां और प्राथमिक सहकारी मत्स्य समितियां बनाई जाएंगी। गांवों को खुशहाल और संपन्न बनाने के लिए केंद्र सरकार ने सहकारिता से समृद्घि की ओर कार्यक्रम शुरू किया है।
विकास सदन में नाबार्ड की संयुक्त कार्य समिति की आयोजित हुई बैठक में एडीसी हितेश कुमार मीणा ने नाबार्ड, जिला दुग्ध संघ और जिला मत्स्य महासंघ को भारत सरकार की सहकार-से समृद्धि योजना के तहत जिला में नई बहुउद्देशीय समितियों के गठन की संभावना तलाश करने की सलाह दी। उन्होंने जिला में काम कर रही डेयरी व कृषि क्षेत्र की एजेंसियों को सुझाव दिया कि वे ग्रामीणों को अधिक से अधिक संख्या में सहरकारी समितियों के साथ जोड़ने का प्रयास करें। जिससे कि उन्हें संस्थागत लाभ मिल सकें। ग्रामीणों को बताएं कि एक को-आपरेटिव सोसायटी से जुड़ने पर सामूहिक रूप से लोगों की आजीविका में बढ़ोतरी होती है।
एडीसी ने बताया कि कुछ लोगों को यह भय रहता है कि वे सोसायटी से जुडक़र कहीं नुकसान में ना चले जाएं। इसलिए गांव-गांव में लोगों को सहकारी समितियों की कार्यप्रणाली से अवगत करवाया जाना चाहिए। जिससे कि उनकी सोसायटियों में सक्रिय भागेदारी हो और कृषि उत्पाद, दूध उत्पादन तथा मछली पालन कर वे अपनी आमदनी में वृद्घि कर सकें। उन्होंने जिन गांवों में अभी कोई को-आपरेटिव सोसायटी नहीं है या फिर सोसायटी है तो वह निष्क्रिय है, वहां सर्वप्रथम नई सोसायटियां बना कर ग्रामवासियों को स्वरोजगार प्रदान करें। गुरूग्राम जिला में निष्क्रिय सोसाइटियों के परिसमापन की प्रक्रिया शुरू करने की भी एडीसी ने सलाह दी।


एडीसी ने जिला दुग्ध संघ को ग्रामीण युवाओं के बीच डेयरी एवं पशुपालन गतिविधियों को लोकप्रिय बनाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि पशुपालन इस क्षेत्र के ग्रामीणों का प्रमुख व्यवसाय है और नई डेयरियां स्थापित होने से परिवारों की आय और बढ़ने की संभावना है। नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक विनय त्रिपाठी ने बताया कि इस समय जिला में 12 पैक्स कमेटियां और दुग्ध उत्पादन की 214 सहाकरी समितियां काम कर रही हैं। मत्स्य पालन के व्यवसाय की अभी कोई को-आपरेटिव सोसायटी नहीं है। नाबार्ड द्वारा पैक्स समितियों के सदस्य किसानों को ट्रेनिंग देकर बेहतर उत्पादन व मार्केटिंग सिखाई जाएगी तथा वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाएगी। दुग्ध समितियों को हरियाणा डेयरी फेडरेशन की ओर से प्रशिक्षण दिया जाएगा।


इस अवसर पर पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डा. नरेंद्र सिंह, जिला मत्स्य अधिकारी धर्मेंद्र सिंह, गुरुग्राम जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के महाप्रबंधक जितेंद्र सिंह, वीटा के सीईओ सुखदेव सिंह, और एआरसीएस ऑफिस के निरीक्षक राजपाल शर्मा उपस्थित रहे।

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