गुरूग्राम, 26 अक्टूबर। ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित व राष्ट्रीय ग्रामीण विकास व पंचायती राज संस्थान द्वारा समर्थित ‘सरस आजीविका मेला 2024’ ने एक अनूठी छवि प्रस्तुत की, जहाँ अंतर्राष्ट्रीय मीडिया से जुड़े प्रतिनिधियों ने भारत के ग्रामीण इलाकों से आई ‘लखपति दीदियों’ की प्रेरक सफलता और उद्यमिता की कहानियों को करीब से समझा। इस मौके पर ग्रामीण विकास मंत्रालय से अपर सचिव चरणजीत सिंह, सयुंक्त सचिव स्मृति शरण और विभाग के वरिष्ठ अधिकारी आदि मौजूद रहे। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं के स्वावलंबन और आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित करना था। प्रतिनिधियों ने इस कार्यक्रम में भाग लेते हुए न केवल विभिन्न उत्पादों का अवलोकन किया बल्कि इन महिलाओं की साहस और संकल्प का अनुभव भी किया।
अफ्रीका के कई देशों से आए वरिष्ठ पत्रकारों और मीडिया प्रतिनिधियों ने इस संवाद में भाग लिया, जिनमें जोस एंटोनियो गोमेज़ डॉस सैंटोस, पत्रकार, अंगोलन पब्लिक टेलीविजन; एस्मेराल्डो मेसियास डी सिमा बैप्टिस्टा, डायरेक्टर ऑफ प्रोग्राम्स, टीवी जिम्बो; इरी बि बोती विंसेंट डी पॉल, पत्रकार, ले मंडट; इस्सा तचोनन येओ, रेडैक्टर एन शेफ एडजॉइन्ट, रेडियोडिफ्यूजन टेलीविजन आइवरी कोस्ट; झोग्रे याओ जीन यूड्स कुआमे, पत्रकार, ल’इंटर; ब्रूनो न्साका बैडियान्यामा, पत्रकार, एक्चुएलिटे.सीडी; ओलुमाइड ओयेवोले ओयेबाडे, डिप्टी डायरेक्टर, द गार्जियन; और एदेलानी एडेपेग्बा, अबुजा ब्यूरो चीफ, द पंच इत्यादि शामिल थे।
इस संवाद के दौरान मीडिया प्रतिनिधियों ने मेले में उपलब्ध हस्तनिर्मित उत्पादों की सराहना करते हुए इनमें से कई चीजें भी खरीदीं। ग्रामीण महिलाओं द्वारा तैयार किए गए शिल्प, कपड़े, और अन्य उत्पादों की गुणवत्ता और आकर्षण ने इन अंतर्राष्ट्रीय पत्रकारों का ध्यान खींचा।
अपने अनुभव साझा करते हुए पैट्रिक ओफोई नुद्ज़ी, घाना न्यूज़ एजेंसी के पत्रकार ने कहा, “यहाँ की महिला उद्यमियों के उत्पाद केवल सुंदर नहीं, बल्कि उनकी मेहनत और समर्पण का प्रमाण भी हैं। मैंने यहाँ से कुछ वस्त्र और हस्तशिल्प खरीदे, जो न केवल मुझे भारत की संस्कृति की याद दिलाएंगे, बल्कि इन महिलाओं के साहस का भी प्रतीक रहेंगे।”
ले मंडट चैनल के पत्रकार इरी बि बोती विंसेंट डी पॉल ने भी अपने अनुभव साझा किए और कहा, “मैंने यहाँ से हस्तनिर्मित उत्पाद खरीदे हैं जो वास्तव में अद्वितीय हैं। इन उत्पादों की गुणवत्ता और कलात्मकता असाधारण है। यह मेले से जुड़ा अनुभव मेरी यात्रा को यादगार बना गया है।”
अंतर्राष्ट्रीय मीडिया ने सरस मेला के माध्यम से भारतीय ग्रामीण महिलाओं की उद्यमशीलता की भावना को सराहते हुए कहा कि यह मेला भारत की सांस्कृतिक विविधता, आत्मनिर्भरता, और महिला सशक्तिकरण का एक अनोखा उदाहरण है।