ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के सीमित पूर्ण सत्र में पीएम मोदी ने ब्रिक्स को लेकर दुनिया की अपेक्षाओं पर बात की

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नई दिल्ली : प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी आज रूस के कजान में आयोजित 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के सीमित पूर्ण सत्र में शामिल हुए. प्रधान मंत्री मोदी ने इस सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि एक्सटेंडेड ब्रिक्स का सम्मेलन ऐसे वक्त हो रहा है जब  विश्व में नार्थ-साउथ और पूर्व-पश्चिम divide की बात हो रही है। उन्होंने कहा कि महंगाई की रोकथाम, फ़ूड सिक्योरिटी, energy सिक्योरिटी, हेल्थ सिक्योरिटी, water सिक्योरिटी, सभी देशों के लिए प्राथमिकता के विषय हैं। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी के युग में, साइबर सिक्यूरिटी, deep fake, disinformation जैसी नई चुनौतियाँ बन गई हैं। ऐसे में, ब्रिक्स को लेकर दुनिया को बहुत अपेक्षाएं हैं।

ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के सीमित पूर्ण सत्र में पीएम मोदी ने ब्रिक्स को लेकर दुनिया की अपेक्षाओं पर बात की 2प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी नर अपने वक्तव्य में कहा कि आज की बैठक के शानदार आयोजन के लिए मैं राष्ट्रपति पुतिन का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूँ। मुझे बहुत खुशी है कि आज हम पहली बार extended BRICS Family के रूप में मिल रहे हैं। ब्रिक्स परिवार से जुड़े सभी नए सदस्यों और साथियों का मैं हार्दिक स्वागत करता हूँ। पिछले एक वर्ष में, रूस की सफल अध्यक्षता के लिए मैं राष्ट्रपति पुतिन का अभिनन्दन करता हूँ। ”

उन्होंने कहा कि हमारी बैठक एक ऐसे समय में हो रही है जब विश्व युद्धों, संघर्षों, आर्थिक अनिश्चितता, climate change, आतंकवाद जैसी अनेक चुनौतियों से घिरा हुआ है। विश्व में नार्थ-साउथ और पूर्व-पश्चिम divide की बात हो रही है। महंगाई की रोकथाम, फ़ूड सिक्योरिटी, energy सिक्योरिटी, हेल्थ सिक्योरिटी, water सिक्योरिटी, सभी देशों के लिए प्राथमिकता के विषय हैं। और, टेक्नोलॉजी के युग में, साइबर सिक्यूरिटी, deep fake, disinformation जैसी नई चुनौतियाँ बन गई हैं। ऐसे में, ब्रिक्स को लेकर बहुत अपेक्षाएं हैं। ”

पीएम मोदी ने कहा की मेरा मानना है कि एक diverse और inclusive प्लेटफॉर्म के रूप में, ब्रिक्स सभी विषयों पर सकारात्मक भूमिका अदा कर सकता है। इस संदर्भ में हमारी approach people centric रहनी चाहिए। हमें विश्व को यह संदेश देना चाहिए कि ब्रिक्स विभाजनकारी नहीं, जनहितकारी समूह है।

उन्होंने कहा कि हम युद्ध नहीं, डायलॉग और डिप्लोमेसी का समर्थन करते हैं। और, जिस तरह हमने मिलकर covid जैसी चुनौती को परास्त किया, उसी तरह हम भावी पीढ़ी के सुरक्षित, सशक्त और समृद्ध भविष्य के लिए नए अवसर पैदा करने में पूरी तरह सक्षम हैं।

उनका कहना था कि आतंकवाद और Terror financing से निपटने के लिए हम सभी को एक मत हो कर दृढ़ता से सहयोग देना होगा। ऐसे गंभीर विषय पर दोहरे मापदंड के लिए कोई स्थान नहीं है। हमारे देशों के युवाओं में radicalization को रोकने के लिए हमें सक्रिय रूप से कदम उठाने चाहिए। UN में Comprehensive Convention on International terrorism के लंबित मुद्दे पर हमें मिलकर काम करना होगा।  उसी तरह साइबर सिक्यूरिटी, safe और secure AI के लिए ग्लोबल regulations के लिए काम करना चाहिए।

पीएम मोदी ने कहा कि  भारत नए देशों का BRICS Partner Country के रूप में स्वागत करने के लिए तैयार है। इस संबंध में सभी निर्णय सर्वसम्मति से होने चाहिए और BRICS के founding members के विचारों का सम्मान करना चाहिए। जोहानेसबर्ग समिट में जो गाइडिंग प्रिंसिपल्स, standards, criteria और procedures को हमने अपनाया था, उनका पालन सभी सदस्य और पार्टनर देशों को करना चाहिए।

उन्होंने ब्रिक्स सम्मलेन की उपयोगिता को लेकर कहा कि ब्रिक्स ऐसा संगठन है, जो समय के अनुसार खुद को बदलने की इच्छा-शक्ति रखता है। हमें अपना उदाहरण पूरे विश्व के सामने रखते हुए global institutions में सुधार के लिए एकमत होकर आवाज़ उठानी चाहिए।

अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में बदलाव पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि हमें UN Security Council, Multilateral development बैंक्स, WTO जैसे वैश्विक संस्थानों में reforms के लिए समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ना चाहिए।ब्रिक्स के प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए हमें ध्यान रखना चाहिए कि इस संगठन की छवि ऐसी न बने कि हम ग्लोबल institutions में reform नहीं, बल्कि उन्हें replace करना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि ग्लोबल साउथ के देशों की आशाओं, आकांक्षाओं और अपेक्षाओं को भी ध्यान में रखना चाहिए। Voice of Global South Summit और अपनी G20 की अध्यक्षता के दौरान भारत ने इन देशों की आवाज को वैश्विक मंच पर रखा है।
मुझे खुशी है कि ब्रिक्स के अंतर्गत भी इन प्रयासों को बल मिल रहा है।पिछले वर्ष अफ्रीका के देशों को ब्रिक्स से जोड़ा गया। इस वर्ष भी रूस द्वारा अनेक ग्लोबल साउथ के देशों को आमंत्रित किया गया है।

नरेंद्र मोदी ने कहा कि विभिन्न प्रकार के विचारों और विचारधाराओं के संगम से बना BRICS समूह, आज विश्व को सकारात्मक सहयोग की दिशा में बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहा है। हमारी विविधता, एक दूसरे के प्रति सम्मान, और सर्वसम्मति से आगे बढ़ने की परंपरा, हमारे सहयोग का आधार हैं। हमारी यह गुणवत्ता और ‘ब्रिक्स spirit’ अन्य देशों को भी इस फोरम की ओर आकर्षित कर रही है। मुझे विश्वास है कि आने वाले समय में भी, हम सब मिलकर इस यूनिक प्लेटफार्म को संवाद, सहयोग और समन्वय का उदाहरण बनाएंगे। इस संदर्भ में, BRICS के Founding सदस्य के रूप में, भारत अपने दायित्वों का हमेशा निर्वाहन करता रहेगा।

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