गुरुग्राम, 19 अक्टूबर। महिलाओं के बारे में अमूमन एक धारणा है कि वे जब भी बाजार में कुछ खरीदारी करने जाती हैं तो एक जगह या दुकान से खरीदारी का मन नही बना पाती। लेकिन सरस मेले में आ रही महिलाएं उपरोक्त धारणा को गलत साबित कर रही हैं। मेले में आ रही महिलाएं ना केवल जमकर खरीदारी कर रही है बल्कि जिस स्टाल से खरीदारी करती हैं वे उन महिलाओं के मोबाइल नंबर लेना नही भूलती ताकि भविष्य में कुछ और सामान खरीदना हो तो उनसे संपर्क किया जा सके। कुछ ऐसा ही नजारा है हरियाणा पैवेलियन में आदमपुर से आई कमलेश देवी के स्टॉल पर है। इनके स्टाल पर जरी की जूतियों के इतने डिज़ाइन है कि स्टाल के सामने से गुजरने वाली दर्शक महिलाओं के कदम बरबस ही रूक जाते हैं।
कमलेश देवी ने बताया कि यह उनका पुश्तेनी काम है बाद में इसे संगठन का रूप देते हुए उन्होंने वर्ष 2019 में 10 महिलाओं के साथ स्वयं सहायता समूह का गठन किया। कमलेश बताती है कि जिला प्रशासन के सहयोग से मिले प्रशिक्षण उपरान्त आज उनका समूह अपने परिश्रम के दम पर विभिन्न प्रकार की हस्तनिर्मित जूतियों का निर्माण कर अपनी आजीविका को चला रही है। उन्होंने बताया कि उनके उत्पाद में प्योर लेदर की कई वैरायटी की जूतियां है जिन पर बड़े ही सुंदर तरीके से जरी का वर्क किया गया है। उन्होंने बताया कि उनके स्टाल पर तबके वाली, म्युल व कॉटन, बैक ओपन व बच्चों के साइज की जूतियां विभिन्न साइज में उपलब्ध हैं। जिनकी कीमत 200 रुपये से लेकर 100 रुपये तक है।
कमलेश देवी बताती है कि ऐसा नही की उनके स्टाल पर केवल महिलाओं के ही उत्पाद उपलब्ध है। समूह की सोच थी कि कई बार मेलों में आने वाली महिलाएं अपने परिवार के पुरूष सदस्यों को भी साथ लेकर आती है ऐसे में हमने पुरषों की जरूरत के उत्पाद को ध्यान में रखते हुए उनके लिए जूती भी बनाई है। इस जूती की खासियत है कि इसकी नौक को तार से नही बल्कि जूती की सौल से ही बनाया गया है। जो इस जूती को शाही लुक देने ले साथ ही इसकी लाइफ को भी बढ़ाता है।