सुभाष चौधरी /The Public World
नई दिल्ली : मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद आम आदमी पार्टिया के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सरकारी घर और सरकारी सुविधाओं से तौबा करने का निर्णय लिया है. मंगलवार को उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना को केजरीवाल की ओर से इस्तीफा सौंपने के बाद आप विधायक दल की नई नेता आतिशी ने भी नई सरकार बनाने का अपना दावा पेश किया. उमीद है कि जल्द ही नई सरकार के गठन की प्रक्रिया भी पूरी कर ली जायेगी. केजरीवाल के इस कदम से भाजपा नेतृत्व हैरान है क्योंकि उनकी ओर से लगातार इस्तीफे की मांग की जा रही थी लेकिन अब केजरीवाल के इस्तीफे ने राजनीतिक दृष्टि से नई कहानी लिखनी शुरू कर दी है .
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने मीडिया को बताया कि अरविंद केजरीवाल ने पार्टी नेताओं को बताया है कि वे अपना मुख्यमंत्री आवास 15 दिन में खाली कर देंगे . इसके बाद ही वे जनता के बीच जाएंगे. हालांकि उनके ने आवास की व्यवस्था अभी नहीं की गई है लेकिन 15 दिन में मुख्यमंत्री आवास खाली कर देंगे.
उल्लेखनीय है कि अरविन्द केजरीवाल ने जेल से बाहर के दूसरे ही दिन मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की घोषणा कर सबको चौका दिया था . उन्होंने कहा था कि वह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर तभी बैठेंगे, जब जनता उन्हें ‘‘ईमानदारी का प्रमाणपत्र” देगी. अपनी घोषणा के अनुसार केजरीवाल ने मंगलवार शाम को उपराज्यपाल विनय सक्सेना को अपना इस्तीफा सौंप दिया.
इससे पूर्व शिक्षा मंत्री आतिशी को दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री के लिए आप विधायक दल की बैठक में फैसला लिया गया .
गौरतलब है कि दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल 23 फरवरी 2025 को समाप्त होगा . माना जा रहा है कि फरवरी में चुनाव कराये जा सकते हैं . हालांकि, केजरीवाल ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के साथ ही दिल्ली में भी नवंबर में ही चुनाव कराये जाने की मांग उठाई है. अब केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर यह निर्भर करेगा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव कब कराया जाएगा लेकिन इसके लिए सियासत अभी से तेज हो चली है.
केजरीवाल ने पद से इस्तीफा देकर दिल्ली के लोगों में यह सन्देश देने की कोशिश की है कि उनके साथ अन्याय हुआ हुआ है और उन्होंने आरोप लगने के बाद इस्तीफा दे दिया. हालांकि उन्हें सीएम कार्यालय जाने और किसी भी सरकारी फाइल पर दस्तखत करने से रोकने का निर्णय सुप्रीम कोर्ट का है लेकिन उन्होंने अपने इस्तीफे से इसका ठीकरा केंद्र की भाजपा सरकार पर फोड़ने की कोशिश की है. इसका कितना असर दिल्ली की जनता पर पड़ेगा यह आने वाले समय में पता चलेगा .