नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में आज सात जिलों की 24 सीटों पर मतदान कराये जा रहे है. मतदान सुबह 7 बजे से शुरू किया गया जो शाम 6 बजे तक होगा. खबर है कि मतदान करने वालों की भारी भीड़ मतदान केंद्रों पर सुबह से उमड़ पड़ी है। लोग राज्य में लोकतंत्र के माध्यम से सरकार चुनने को बेताब लगते हैं जहाँ काफी समय से उपराज्यपाल शासन था।
पीएम नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के आरंभ में ही केंद्रशासित प्रदेश बनाये गए जम्मू एवं कश्मीर के 90 निर्वाचन क्षेत्रों में 87.09 लाख मतदाता हैं. इनमें 42.6 लाख महिलाएं हैं.
केंद्र शासित प्रदेश बनाये जाने के साथ ही यहां विधानसभा के चुनाव कराए जाने की मांग की जा रही थी। इससे पूर्व यहाँ बीजेपी पीडीपी की संयुक्त सरकार थी जो गठबंधन टूटने के बाद गिर गई थी। ढाई ढाई साल के फार्मूले पर बनी सरकार नहीं चल पाई थी।।इसके बाद अचानक मोदी सरकार ने दूसरे कार्यकाल के दौरान धारा 370 और धारा 35 ए को संसद के माध्यम से निरस्त करवा कर जम्मू एवं कश्मीर राज्य को दो भागों में बांटने का प्रस्ताव पारित किया। इससे एक भाग लद्दाख को भी केंद्र शासित प्रदेश बनाकर अलग कर दिया गया जबकि जम्मू एवं कश्मीर को अलग केंद्र शासित प्रदेश के तौर पर गठित किया गया। तभी से इस राज्य में उपराज्यपाल शासन लागू था और लोकतंत्र बहाली की मांग लगातार उठ रही थी।
इस बार चुनाव में कांग्रेस पार्टी और नेशनल कांफ्रेंस पार्टी के बीच चुनावी गठबंधन है जबकि महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी अलग से चुनाव लड़ रही है और भारतीय जनता पार्टी भी अकेले चुनावी मैदान में है। इसके अलावा कांग्रेस पार्टी से अलग हुए गुलाम नबी आजाद ने भी अपनी राजनीतिक पार्टी गठित की है और चुनावी मैदान में है। माना जा रहा है कि इस बार जम्मू कश्मीर विधानसभा का चुनाव परिणाम राजनीतिक रूप से चौंकाने वाला हो सकता है।