नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव, अपूर्व चंद्रा ने आज यहां “भारत के स्वास्थ्य आयाम (अवसंरचना और मानव संसाधन) 2022-23” नामक वार्षिक प्रकाशन जारी किया, जिसे पहले “ग्रामीण स्वास्थ्य सांख्यिकी” के रूप में जाना जाता था। यह दस्तावेज 1992 से प्रकाशित हो रहा है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के विभिन्न आयामों पर विश्वसनीय और प्रामाणिक जानकारी के स्रोत के रूप में दस्तावेज पर प्रकाश डालते हुए, श्री अपूर्व चंद्रा ने कहा, यह वार्षिक प्रकाशन एनएचएम के तहत जनशक्ति और अवसंरचना पर आवश्यक जानकारी प्रदान करने वाला एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जो नीति निर्माण, प्रक्रियाओं में सुधार और समस्या समाधान में सहायक है।” उन्होंने कहा कि यह दस्तावेज राज्यों में जनशक्ति और बुनियादी ढांचे की उपलब्धता और कमियों पर क्षेत्र आधारित विश्लेषण देता है। उन्होंने कहा कि डेटा राज्यों की आवश्यकताओं, उनके प्राथमिकता वाले क्षेत्रों, नीतियों और लक्षित अभियानों को तैयार करने में बेहद मददगार है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सांख्यिकी विभिन्न मापदंडों पर राज्यों के प्रदर्शन की तुलना करने में भी सहायता करती है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने “स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली (एचएमआईएस) पोर्टल को प्रजनन और बाल स्वास्थ्य (आरसीएच) और मंत्रालय के अन्य पोर्टलों के साथ एकीकृत करने की आवश्यकता पर भी ध्यान दिलाया ताकि स्वास्थ्य कर्मियों के काम के बोझ को कम किया जा सके और समय पर डेटा अपलोड करने और इसके सावधानीपूर्वक विश्लेषण को सुनिश्चित किया जा सके।”
पृष्ठभूमि:
1992 से, प्रकाशन ने स्वास्थ्य अवसंरचना और मानव संसाधनों पर विस्तृत वार्षिक डेटा प्रदान किया है, जिसमें प्रत्येक वर्ष के 31 मार्च तक का अपडेट दिया जाता है। यह डेटा स्वास्थ्य क्षेत्र के हितधारकों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह देश भर में स्वास्थ्य अवसंरचना की प्रभावी योजना बनाने, निगरानी करने और प्रबंधन करने का समर्थन करता है। स्वास्थ्य सेवा अवसंरचना और मानव संसाधनों की वर्तमान स्थिति की एक स्पष्ट रूपरेखा प्रदान करके, प्रकाशन ग्रामीण, शहरी और आदिवासी क्षेत्रों सहित विभिन्न क्षेत्रों की कमियों की पहचान करने और आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक आधारभूत उपकरण के रूप में कार्य करता है।
इसके दो भाग हैं:
भाग 1 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की प्रोफाइल के साथ भारत की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली का एक समग्र दृश्य प्रस्तुत करता है, स्पष्टता के लिए मानचित्रों और चार्ट जैसी दृश्य सहायता का उपयोग करता है।
भाग 2 को नौ खंडों में विभाजित किया गया है, जो स्वास्थ्य सुविधाओं, जनशक्ति और जनसांख्यिकीय संकेतकों पर गहन डेटा प्रदान करता है।
प्रकाशन में निहित जानकारी नीति निर्माताओं, स्वास्थ्य प्रशासकों और योजनाकारों को स्वास्थ्य सेवा सुविधाओं और मानव संसाधनों के वितरण और पर्याप्तता का आकलन करने में सक्षम बनाती है। यह स्वास्थ्य सेवा अदायगी को अनुकूलित करने और संसाधनों को कुशलतापूर्वक आवंटित करने के लिए लक्षित रणनीतियों को तैयार करने में मदद करता है। इसके अतिरिक्त, डेटा विभिन्न क्षेत्रों में आवश्यकताओं को समझने के लिए एक विज़न दस्तावेज़ के रूप में कार्य करता है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं का अधिक न्यायसंगत वितरण संभव होता है।
कुल मिलाकर, यह प्रकाशन यह सुनिश्चित करने के लिए एक आवश्यक संसाधन सामग्री है कि स्वास्थ्य अवसंरचना विकास सभी जनसंख्या समूहों की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप हो, जो अंततः पूरे देश में एक सुदृढ़ और उत्तरदायी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में योगदान दे।
31 मार्च, 2023 तक, देश में कुल 1,69,615 उप-केंद्र (एससी), 31,882 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी), 6,359 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी), 1,340 उप-मंडल/जिला अस्पताल (एसडीएच), 714 जिला अस्पताल (डीएच) और 362 मेडिकल कॉलेज (एमसी) हैं जो ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में सेवा प्रदान कर रहे हैं।
इन स्वास्थ्य सेवा अवसंरचनाओं को एससी में 2,39,911 स्वास्थ्य कार्यकर्ता (पुरुष + महिला), पीएचसी में 40,583 डॉक्टर/चिकित्सा अधिकारी, सीएचसी में 26,280 विशेषज्ञ और चिकित्सा अधिकारी, तथा एसडीएच और डीएच में 45,027 डॉक्टर और विशेषज्ञ द्वारा संचालित किया जाता है। इसके अतिरिक्त, देश भर में पीएचसी में 47,932 स्टाफ नर्स, सीएचसी में 51,059 नर्सिंग स्टाफ तथा एसडीएच और डीएच में 1,35,793 पैरामेडिकल स्टाफ हैं।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की वेबसाइट (https://mohfw.gov.in/) पर प्रकाशन की प्रमुख विशेषताओं में शामिल हैं :
- तुलनात्मक विश्लेषण: 2005 और 2023 के बीच और 2022 से 2023 के बीच स्वास्थ्य अवसंरचना और जनशक्ति की तुलना प्रदान करता है, प्रगति और अंतराल को उजागर करता है।
- जिला-वार डेटा: उप-केंद्र (एससी), प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी), सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी), उप-जिला अस्पताल (एसडीएच), जिला अस्पताल (डीएच) और मेडिकल कॉलेज सहित स्वास्थ्य सुविधाओं का जिला-स्तरीय विवरण प्रदान करता है।
- ग्रामीण, शहरी और जनजातीय फोकस: ग्रामीण, शहरी और जनजातीय क्षेत्रों में अवसंरचना और जनशक्ति का विवरण, नीति नियोजन के लिए लक्षित अंतर्दृष्टि प्रदान करना।
- राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों का वर्गीकरण: राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को प्रमुख स्वास्थ्य देखभाल प्रदर्शन सूचकांक के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है, जो लक्षित कार्यक्रमों में सहायता करते हैं।
- उपयोगकर्ता-अनुकूल प्रमुख बातें: त्वरित संदर्भ के लिए शुरुआत में मुख्य निष्कर्षों का सारांश दिया गया है।
- हितधारकों के लिए मार्गदर्शन: अवसंरचना और मानव संसाधन से जुड़ी कमियों की पहचान करके स्वास्थ्य देखभाल की योजना बनाने और प्रबंधन करने के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में कार्य करता है।
इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्रालय की अपर सचिव और मिशन निदेशक (एनएचएम) श्रीमती आराधना पटनायक और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।