नई दिल्ली : सैन्य अभियंता सेवा (एमईएस) के परिवीक्षा अधिकारियों ने आज यानी 12 जुलाई को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से भेंट की।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि सैन्य अभियंता सेवा, एमईएस भारतीय सुरक्षा से जुड़ी महत्वपूर्ण इकाइयों में से एक है क्योंकि यह न केवल भारतीय सेना की तीनों सेवाओं की सेवा करती है बल्कि रक्षा मंत्रालय की कई अन्य इकाइयों को भी अपनी सेवाएं प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि एमईएस का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हमारे रक्षा बलों के पास मजबूत बुनियादी व्यवस्था और अच्छी सुविधाएं बनी रहें। इसलिए एमईएस अधिकारियों की सफलता की यह कसौटी होगी कि उनके द्वारा प्रदान की जाने वाली बुनियादी संरचना या सुविधाएं विश्वसनीयता और गुणवत्ता के मानकों पर खरी उतरें। उन्होंने एमईएस अधिकारियों को हमेशा सतर्क रहने की सलाह दी। राष्ट्रपति ने कहा कि एमईएस को अपनी सेवाओं में उच्चतम गुणवत्ता बनाए रखकर अपना सम्मान अर्जित करना होगा।
राष्ट्रपति ने एमईएस अधिकारियों से कहा कि बुनियादी ढांचे का निर्माण करते समय उन्हें जलवायु परिवर्तन के अनुकूल विषयों को भी ध्यान में रखना होगा। राष्ट्रपति ने कहा कि वह जो भी कार्य करें उसमें कार्बन उत्सर्जन न्यूनतम होना चाहिए। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि एमईएस इस दिशा में प्रयास कर रही है।
राष्ट्रपति ने कहा कि एमईएस अधिकारियों की जिम्मेदारी केवल तकनीकी ही नहीं, बल्कि नैतिक और प्रबंधकीय भी है। उन्हें यह संकल्प लेना चाहिए कि उनके हर कार्य में देश के संसाधनों का कुशल और प्रभावी उपयोग हो। राष्ट्रपति ने कहा कि उनकी कार्यकुशलता और नैतिकता से राष्ट्र की सुरक्षा मजबूत होगी।