भारतीय भाषाओं में राष्ट्रीय स्तर की लेखन प्रतियोगिता के लिए मंच बनाने पर विचार

Font Size

नई दिल्ली :  केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग (डीओएसईएल) के सचिव संजय कुमार ने गत  28 जून को हितधारक परामर्श बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें भारतीय भाषाओं में जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर की लेखन प्रतियोगिताएं आयोजित करने के लिए एक मंच बनाने पर चर्चा की गई। बैठक में डीओएसईएल, सीबीएसई, एनबीटी, एनसीईआरटी, नवोदय विद्यालय समिति (एनवीएस), एससीईआरटी के अधिकारियों और 9 राज्यों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

सहयोग और प्रगति के पथ पर बढ़ना :

श्री संजय कुमार ने विभिन्न हितधारकों के साथ सहयोग करके इन प्रयासों को एक संरचित ढांचे में जोड़ने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि डीओएसईऔरएल भाषा विशेषज्ञों और सीबीएसई को शामिल करके बहुभाषावाद के उद्देश्य को पूरा करेगा, ताकि मूल्यांकन प्रक्रिया में एससीईआरटी का सहयोग लिया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि स्कूल राज्य/जिला स्तर पर विभिन्न भाषाओं में प्रतियोगिताएँ आयोजित करेंगे, सीबीएसई द्वारा आयोजित राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता के लिए प्रतिभागियों को शॉर्टलिस्ट करेंगे। श्री संजय कुमार ने राष्ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी के लिए लोकप्रिय क्षेत्रीय भाषा की पुस्तकों की पहचान करने और उन्हें शामिल करने के लिए एससीईआरटी और नेशनल बुक ट्रस्ट (एनबीटी) के बीच सहयोग का आग्रह किया।

संयुक्त सचिव (सूचना एवं प्रौद्योगिकी) प्राची पांडे ने बताया कि पढ़ने और लिखने के संबंध में राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों द्वारा किए जा रहे प्रयास और पहल आगामी जुलाई 2024 के मध्य में निर्धारित समीक्षा बैठक के दौरान चर्चा का एक प्रमुख विषय होंगे। हितधारक परामर्श सभी स्तरों पर भारतीय भाषाओं में पढ़ने और लिखने के कौशल को पोषित करने के लिए एक व्यापक मंच बनाने के लिए डीओएसईएल और विभिन्न हितधारकों द्वारा एक सहयोगात्मक प्रयास को दर्शाता है।

पढ़ने और लिखने का कौशल बढ़ाना :

इस पहल का उद्देश्य छात्रों के पढ़ने और लिखने के कौशल को विभिन्न भाषाओं में बढ़ावा देने, बहुभाषावाद को बढ़ावा देने और बच्चों को अपनी मूल भाषा में खुद को अभिव्यक्त करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए एक पद्धति विकसित करना है। आयु समूहों, भाग लेने वाली भाषाओं और प्रोत्साहित किए जाने वाले लेखन कौशल के प्रकारों जैसे प्रमुख पहलुओं पर चर्चा की गई।

सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों को साझा करना

सीबीएसई और विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधियों द्वारा अपनी मौजूदा लेखन प्रतियोगिताओं और पठन पहलों को प्रदर्शित करते हुए प्रस्तुतियाँ दी गईं। प्रमुख उदाहरणों में शामिल हैं:

 

· सीबीएसई अभिव्यक्ति श्रृंखला: सीबीएसई छात्रों के लिए एक त्रैमासिक गतिविधि, जिसमें प्रति तिमाही लगभग 5 लाख प्रतिभागी शामिल होते हैं;

· आंध्र प्रदेश का स्पेल बी (कई तरह के शब्दों की वर्तनी लिखना) कार्यक्रम: चयनित राज्यों में मंडल, जिला और राज्य स्तर पर आयोजित किया गया;

· छत्तीसगढ़ का सीधी कार्यक्रम: मुख्य रूप से चार जनजातीय भाषाओं में पढ़ने और लिखने के कौशल को बढ़ावा देने पर केन्द्रित है: हल्बी, भदरी, छत्तीसगढ़ी और गोंडी;

· असम का गुणोत्सव: प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के उद्देश्य से एक पहल, जिसमें पढ़ने, लिखने और गणित सीखने के स्तर का आकलन और सुधार करने पर ध्यान केन्द्रित किया गया है;

· “उत्तर प्रदेश की “कहानी सुनाने की प्रतियोगिता”: पुरुष और महिला शिक्षकों के लिए जिला और राज्य स्तरीय कहानी सुनाने की प्रतियोगिता;

· तमिलनाडु का इलम-थेडी कल्वी: गूगल के सहयोग से कक्षा 3 से 9 तक के बच्चों के लिए दो सप्ताह का रीडिंग मैराथन आयोजित किया गया; तथा

· कर्नाटक का नाली कली कार्यक्रम: कक्षा 1 से 3 तक के विद्यार्थियों को लक्षित करता है, जिसमें आधारभूत साक्षरता और बच्चों के लिए पुस्तकालयों की स्थापना पर ध्यान केन्द्रित किया जाता है।

Leave a Reply

You cannot copy content of this page