एडीसी हितेश कुमार मीणा ने गांव रिठौज में आंगनबाड़ी केंद्र का किया उद्घाटन

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– एडीसी ने कहा, जिला प्रशासन द्वारा शिक्षा और पोषण की विशेष आवश्यकताओं पर निरंतर दिया जा रहा है ध्यान

गुरूग्राम, 03 जुलाई। एडीसी हितेश कुमार मीणा ने बुधवार को गांव रिठौज पहुँचकर आंगनबाड़ी केंद्र का फीता काटकर उद्घाटन किया। आंगनबाड़ी केंद्र का फीडिंग इंडिया संस्थान की ओर से जीर्णोद्धार करवाया गया है। कार्यक्रम के दौरान पोषण अभियान के तहत स्वयं सहायता समूह शितिज की ओर से उपस्थित नागरिकों को मोटे अनाज से बने व्यंजन भी वितरित किए गए।

आंगनवाड़ी केंद्र को मॉडल केंद्र के रूप में प्रस्तुत किया गया है। केंद्र में दीवारों पर पेंटिंग के माध्यम से गणित, अंग्रेजी, हिंदी और वस्तुओं की पहचान के बारे में बुनियादी ज्ञान दर्शाया गया है। बच्चों के लिए बैठने की उचित व्यवस्था, पीने के पानी की सुविधा, शौचालय की सुविधा और बुनियादी ढांचागत सुविधाएं उपलब्ध हैं, साथ ही खेलने और सीखने के उद्देश्य के लिए पर्याप्त जगह भी है।

कार्यक्रम के दौरान एडीसी ने बच्चों और अभिभावकों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि अपने केंद्र की देखभाल करना और उसे लंबे समय तक बनाए रखना आप सभी की सामुहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि जिला में बच्चों का भविष्य संवारने और उसे कुपोषण से बचाने के लिए आंगनबाड़ी वर्कर्स को कई तरह के प्रशिक्षण दिए गए है। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी वर्कर्स के हाथों ही बच्चों का भविष्य है। इसे सजाना व संवारना उनका नैतिक कर्तव्य है। जिला प्रशासन द्वारा शिक्षा और पोषण की विशेष आवश्यकताओं पर निरंतर ध्यान दिया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य प्रत्येक बच्चे को देश के विकास और भविष्य में बराबर का हिस्सा बनाने का है और मान्यता प्राप्त आंगनवाड़ी कार्यकर्ता इस प्रयास की कुंजी हैं। एडीसी ने कहा कि सभी गर्भवती व 18 से 40 उम्र की महिलाएं आंगनबाड़ी केंद्रों में निरन्तर आना जारी रखें ताकि उनके स्वास्थ्य की निरन्तर मोनिटरिंग की जा सके। उन्होंने ग्रामीणों से आह्वान करते हुए कहा कि वे गांव में 6 वर्ष तक के उम्र के प्रत्येक बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों में जरूर भेंजे। एडीसी ने इस दौरान आंगनबाड़ी वर्कर्स से पोषण ट्रैक की कार्यशैली के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने इस दौरान विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के माता-पिता के लिए लोक सम्पर्क बनाने और उनकी जागरूकता बढ़ाने का आग्रह किया, क्योंकि ये कदम उनके बच्चों की प्रतिभा और साहस को समृद्ध करने और सीखने को अधिक समावेशी बनाने का एक प्रमुख माध्यम हैं।

कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी नेहा दहिया सहित स्थानीय ग्रामीण व अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।

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