सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में जनसंपर्क विभाग की प्रचार मंडलियां निभा रही हैं महत्वपूर्ण भूमिका : एडीसी

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-तीन दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ किया एडीसी हितेश कुमार मीणा ने
-कालजयी गीतों की रचना करें भजन पार्टियां- संयुक्त निदेशक राज सिंह कादयान

गुरूग्राम, 28 मई। केंद्र एवं राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को धरातल तक पहुंचाने में सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग की भजन मंडलियों की अहम भूमिका रही है। सरकारी योजना के प्रति लोगों को जागरूक कर स्कीम की सफलता की राह ये प्रचार मंडलियां प्रशस्त कर रही हैं।

एडीसी हितेश कुमार मीणा ने गुरूग्राम सैक्टर 27 स्थित सामुदायिक भवन में सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग की रोहतक डिवीजन की भजन मंडलियों की तीन दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए ये उद्गार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि लोक मनोरंजन के साथ शब्दों की सीमा में अपनी बात लोगों तक पहुंचाना इन भजन मंडलियों की रचनात्मक क्षमता को दर्शाता है। प्रचार मंडलियों के कार्य को सराहनीय बताते हुए एडीसी ने कहा तीन दिन की इस कार्यशाला में भजन पार्टियां यहां से कुछ नया सीख कर जाएं। भजन पार्टियों के सदस्य आपस में एक-दूसरे से विचार-विमर्श कर अपनी कला को और निखार सकते हैं। साथ ही कार्यशाला में आए कला मर्मज्ञों के वक्तव्यों से भी उन्हें नए आइडिया मिल सकते हैं, जिससे कि वे प्रभावशाली तरीके से अपना प्रचार कार्य कर सकें।

सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के एनसीआर क्षेत्र के संयुक्त निदेशक राज सिंह कादयान ने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए कहा कि भजन पार्टियां लीक से हट कर कुछ ऐसे गीत लिखें, जिनको बरसों तक याद किया जाए। प्रत्येक भजन पार्टी को हर साल दो-तीन ऐसे गीत लिखने चाहिए, जो कि श्रोता के चित्त को आकर्षित लगें। गुरूग्राम के डीआईपीआरओ बिजेंद्र कुमार ने बताया कि रोहतक डिवीजन की इस कार्यशाला में रोहतक, झज्जर, सोनीपत, पानीपत और करनाल की विभागीय, अनुबंधित व सूचीबद्घ भजन पार्टियां व ड्रामा पार्टी भाग ले रहीं हैं। तीन दिवसीय कार्यशाला के दौरान संगीत और काव्य के मूर्धन्य कलाकार इन्हें प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। विभाग की ओर से कलाकारों के ठहरने व रहने का यहां उचित प्रबंध किया गया है।

इससे पहले एडीसी हितेश कुमार मीणा ने दीप प्रज्जवलित कर जनसंपर्क विभाग की कार्यशाला का शुभारंभ किया। इस कार्यशाला का समापन तीस मई को किया जाएगा। इस अवसर पर रेवाड़ी के डीआईपीआरओ दिनेश शर्मा, लोक कवि मांगेराम खत्री, पवन कुमार आदि उपस्थित रहे। कलाकार श्रीपाल, रोहतास, धूणीनाथ, धर्मवीर इत्यादि ने मनमोहक लोकगीत प्रस्तुत किए।

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