नई दिल्ली : कोयला मंत्रालय ने भारत में कोयला गैसीकरण संयंत्रों की स्थापना के लिए इच्छुक सरकारी सार्वजनिक उपक्रमों और निजी निवेशकों से प्रतिक्रिया मांगने के लिए प्रस्तावों के लिए तीन मसौदा अनुरोध (आरएफपी) जारी करके एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह कदम तीन श्रेणियों में वर्गीकृत कोयला गैसीकरण परियोजनाओं के लिए प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से 8500 करोड़ रुपये आवंटित करने वाली वित्तीय सहायता योजना को मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने के बाद उठाया गया है।
तीनों श्रेणियों में से प्रत्येक के लिए प्रस्तावों हेतु मसौदा अनुरोध (आरएफपी) अलग-अलग जारी किए गए हैं। श्रेणी-I में, तीन परियोजनाओं को समर्थन देने के सार्वजनिक उपक्रमों को 4,050 करोड़ रुपये आवंटित करती है, जो 1,350 करोड़ रुपये का एकमुश्त अनुदान या पूंजीगत व्यय का 15 प्रतिशत, जो भी कम हो, प्रदान करता है। श्रेणी II में, निजी क्षेत्र और सरकारी सार्वजनिक उपक्रमों दोनों के लिए 3,850 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं, प्रत्येक परियोजना को 1,000 करोड़ रुपये का एकमुश्त अनुदान या पूंजीगत व्यय का 15 प्रतिशत प्रदान किया गया है।
इसके अलावा, इस श्रेणी में कम से कम एक परियोजना को टैरिफ-आधारित बोली प्रक्रिया से गुजरना होगा। श्रेणी III में, प्रदर्शन परियोजनाओं और छोटे पैमाने के गैसीकरण संयंत्रों के लिए 600 करोड़ रुपये का प्रावधान हैं, जिसमें 100 करोड़ रुपये के न्यूनतम कैपेक्स और 1500 एनएम3/घंटा सिन गैस के न्यूनतम उत्पादन के साथ 100 करोड़ रुपये या पूंजीगत व्यय का 15 प्रतिशत का एकमुश्त अनुदान प्रदान किया जाता है।
मंत्रालय ने 20 मार्च, 2024 तक प्रतिक्रिया आमंत्रित करते हुए प्रस्ताव के लिए तीन अनुरोध (आरएफपी) जारी करके हितधारकों की भागीदारी शुरू की है। सभी हितधारकों को ईमेल hitlar.singh[at]nic[dot]in पर अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। यह सक्रिय उपाय मार्च 2024 में आरएफपी को अंतिम रूप देने के इरादे से कोयला गैसीकरण परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के लिये मंत्रालय के समर्पण को रेखांकित करता है।