-तेलंगाना, तमिलनाडु, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और बिहार में कई प्रोजेक्ट्स का होगा शिलान्यास और उदघाटन
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आगामी 4 से 6 मार्च को तेलंगाना, तमिलनाडु, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और बिहार का दौरा करेंगे। प्रधानमंत्री 4 मार्च को तेलंगाना के आदिलाबाद में सुबह करीब 10:30 बजे 56,000 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे। इसके बाद करीब साढ़े तीन बजे प्रधानमंत्री तमिलनाडु के कलपक्कम में भाविनी जाएंगे।
प्रधानमंत्री 5 मार्च को सुबह करीब 10 बजे हैदराबाद में नागरिक उड्डयन अनुसंधान संगठन (सीएआरओ) केंद्र राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इसके बाद सुबह लगभग 11 बजे तेलंगाना के संगारेड्डी में 6,800 करोड़ रुपये की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे। प्रधानमंत्री ओडिशा में जाजपुर के चंडीखोले में दोपहर लगभग 3:30 बजे 19,600 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे।
प्रधानमंत्री 6 मार्च को सुबह करीब 10:15 बजे पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में 15,400 करोड़ रुपये की कई कनेक्टिविटी परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। इसके बाद दोपहर करीब साढ़े तीन बजे बिहार के बेतिया में 8,700 करोड़ रुपये की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे।
आदिलाबाद में पीएम
प्रधानमंत्री तेलंगाना के आदिलाबाद में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान 56,000 करोड़ रुपये से अधिक की बिजली, रेल और सड़क क्षेत्र से संबंधित कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे। इन परियोजनाओं का मुख्य फोकस बिजली क्षेत्र पर होगा।
प्रधानमंत्री देशभर में बिजली क्षेत्र से संबंधित विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे। प्रधानमंत्री तेलंगाना के पेद्दापल्ली में एनटीपीसी की 800 मेगावाट की तेलंगाना सुपर थर्मल पावर परियोजना (यूनिट-2) राष्ट्र को समर्पित करेंगे। अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल टेक्नोलॉजी पर आधारित, यह परियोजना तेलंगाना को 85% बिजली की आपूर्ति करेगी और देश भर में मौजूद एनटीपीसी के सभी बिजली केंद्रों में इसकी लगभग 42% की उच्चतम बिजली उत्पादन दक्षता होगी। इस परियोजना का शिलान्यास भी प्रधानमंत्री ने ही किया था।
प्रधानमंत्री झारखंड के चतरा में 660 मेगावाट की उत्तरी कर्णपुरा सुपर थर्मल पावर परियोजना (यूनिट-2) भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे। यह देश का पहला सुपरक्रिटिकल थर्मल पावर प्रोजेक्ट है, जो इतने बड़े आकार के एयर कूल्ड कंडेनसर (एसीसी) के साथ तैयार किया गया है। यह कंडेनसर पारंपरिक वाटर-कूल्ड कंडेनसर की तुलना में पानी की खपत को 1/3 तक कम कर देता है। इस परियोजना को प्रधानमंत्री ने हरी झंडी दिखाई थी।
प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट के एसटीपी जल सहित छत्तीसगढ़ में बिलासपुर के सीपत में फ्लाई ऐश आधारित लाइट वेट एग्रीगेट प्लांट को राष्ट्र समर्पित करेंगे।
इसके अलावा, प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में सिंगरौली सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट, चरण- III (2×800 मेगावाट), छत्तीसगढ़ में रायगढ़ के लारा में फ़्लू गैस कार्बन डाईऑक्साइड से 4जी इथेनॉल बनाने के संयंत्र; आंध्र प्रदेश में विशाखापत्तनम के सिम्हाद्रि में समुद्री जल से हरित हाइड्रोजन बनाने के संयंत्र और छत्तीसगढ़ के कोरबा में फ्लाई ऐश आधारित एफएएलजी एग्रीगेट संयंत्र की आधारशिला रखेंगे।
प्रधानमंत्री सात परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे और पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया की एक परियोजना की आधारशिला भी रखेंगे। ये परियोजनाएं नेशनल ग्रिड को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
प्रधानमंत्री राजस्थान के जैसलमेर में राष्ट्रीय जलविद्युत ऊर्जा निगम (एनएचपीसी) की 380 मेगावाट सौर परियोजना का उद्घाटन करेंगे। इस परियोजना से हर साल लगभग 792 मिलियन यूनिट हरित ऊर्जा उत्पन्न होगी।
प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश के जालौन में बुंदेलखंड सौर ऊर्जा लिमिटेड (बीएसयूएल) के 1200 मेगावाट के जालौन अल्ट्रा मेगा अक्षय ऊर्जा पावर पार्क की नींव रखेंगे। यह पार्क हर साल लगभग 2400 मिलियन यूनिट बिजली पैदा करेगा।
प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश के जालौन और कानपुर देहात में सतलुज जल विद्युत निगम (एसजेवीएन) की तीन सौर ऊर्जा परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। इन परियोजनाओं की कुल क्षमता 200 मेगावाट है। इन परियोजनाओं का शिलान्यास भी प्रधानमंत्री ने किया था। प्रधानमंत्री उत्तराखंड के उत्तरकाशी में नैटवार मोरी हाइड्रो पावर स्टेशन और संबंधित ट्रांसमिशन लाइन का उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर और असम के धुबरी में एसजेवीएन की दो सौर परियोजनाओं के साथ हिमाचल प्रदेश में 382 मेगावाट सुन्नी बांध जल विद्युत परियोजना की भी आधारशिला रखेंगे।
प्रधानमंत्री यूपी के ललितपुर जिले में टुसको (टीयूएससीओ) की 600 मेगावाट की ललितपुर सौर ऊर्जा परियोजना की आधारशिला रखेंगे। इस परियोजना से प्रति वर्ष 1200 मिलियन यूनिट हरित ऊर्जा उत्पन्न होने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री अक्षय ऊर्जा से 2500 मेगावाट बिजली की निकासी के लिए रीन्यू की कोप्पल-नरेंद्र ट्रांसमिशन योजना का उद्घाटन करेंगे। यह अंतरराज्यीय ट्रांसमिशन योजना कर्नाटक के कोप्पल जिले में स्थित है। प्रधानमंत्री दामोदर घाटी निगम और इंडीग्रिड से संबंधित बिजली क्षेत्र की दूसरी परियोजनाओं का भी उद्घाटन करेंगे।
प्रधानमंत्री अपनी इस यात्रा के दौरान बिजली क्षेत्र के अलावा सड़क और रेल क्षेत्र की परियोजनाओं पर भी विचार करेंगे। प्रधानमंत्री नव विद्युतीकृत अंबारी-आदिलाबाद-पिंपलखुटी रेल लाइन राष्ट्र को समर्पित करेंगे। वह एनएच-353B और एनएच-163 के माध्यम से तेलंगाना को महाराष्ट्र और तेलंगाना को छत्तीसगढ़ से जोड़ने वाली दो प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला भी रखेंगे।
हैदराबाद में पीएम
प्रधानमंत्री हैदराबाद में नागरिक उड्डयन अनुसंधान संगठन (सीएआरओ) केंद्र राष्ट्र को समर्पित करेंगे। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने इसे नागरिक उड्डयन क्षेत्र में अनुसंधान और विकास (आरएंडडी) गतिविधियों को और बेहतर करने के लिए हैदराबाद के बेगमपेट हवाई अड्डे पर स्थापित किया है। इसका उद्देश्य स्वदेशी और नवीन समाधान प्रदान करने के लिए घरेलू और सहयोगी अनुसंधान के माध्यम से विमानन समुदाय को एक वैश्विक अनुसंधान मंच प्रदान करना है। इस पर 350 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आई है। यह अत्याधुनिक सुविधा 5-स्टार-गृह रेटिंग और ऊर्जा संरक्षण भवन कोड (ईसीबीसी) मानदंडों के अनुरूप है।
सीएआरओ भविष्य के अनुसंधान और विकास पहलों में मदद करने के लिए व्यापक प्रयोगशाला क्षमताओं के समूह का उपयोग करेगा। यह परिचालन विश्लेषण और प्रदर्शन माप के लिए डेटा विश्लेषण क्षमताओं का भी लाभ उठाएगा। सीएआरओ में प्राथमिक अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों में हवाई क्षेत्र और हवाई अड्डे से संबंधित सुरक्षा, क्षमता और दक्षता सुधार कार्यक्रम, हवाई क्षेत्र की प्रमुख चुनौतियों का समाधान, प्रमुख हवाई अड्डे के बुनियादी ढांचे की चुनौतियों पर ध्यान देना, भविष्य के हवाई क्षेत्र और हवाई अड्डे की जरूरतों के लिए पहचाने गए क्षेत्रों में प्रौद्योगिकियों और उत्पादों का विकास करना आदि शामिल हैं।
संगारेड्डी में पीएम
प्रधानमंत्री 6,800 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। इन परियोजनाओं में सड़क, रेल, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस जैसे कई प्रमुख क्षेत्र शामिल हैं।
प्रधानमंत्री तीन राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। प्रधानमंत्री जिन दो राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे उनमें एनएच-161 के 40 किलोमीटर लंबे कांडी से रामसनपल्ले खंड को चार लेन का बनाना शामिल है। यह परियोजना इंदौर-हैदराबाद आर्थिक गलियारे का एक हिस्सा है और यह तेलंगाना, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के बीच निर्बाध यात्री और माल ढुलाई परिवहन की सुविधा प्रदान करेगी। यह हैदराबाद और नांदेड़ के बीच यात्रा के समय को लगभग 3 घंटे तक कम कर देगा। प्रधानमंत्री एनएच-167 के 47 किलोमीटर लंबे मिरयालागुडा से कोडाद खंड को दो लेन में उन्नत करने का भी उद्घाटन करेंगे। इस बेहतर कनेक्टिविटी से क्षेत्र में पर्यटन के साथ-साथ आर्थिक गतिविधि और उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा।
इसके अलावा, प्रधानमंत्री एनएच-65 के 29 किलोमीटर लंबे पुणे-हैदराबाद खंड को छह लेन में बदलने की परियोजना की आधारशिला रखेंगे। यह परियोजना तेलंगाना के प्रमुख औद्योगिक केंद्रों जैसे पाटनचेरू के पास पशमिलारम औद्योगिक क्षेत्र को बेहतर कनेक्टिविटी भी प्रदान करेगी।
इस दौरान प्रधानमंत्री छह नए स्टेशन भवनों के साथ-साथ सनथनगर-मौला अली रेल लाइन के दोहरीकरण और विद्युतीकरण का उद्घाटन करेंगे। इस परियोजना के पूरे 22 रूट किलोमीटर को स्वचालित सिग्नलिंग के साथ चालू किया गया है। इसे एमएमटीएस (मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट सर्विस) चरण – II परियोजना के हिस्से के रूप में पूरा किया गया है। इसके हिस्से के रूप में, फ़िरोज़गुडा, सुचित्रा सेंटर, भूदेवी नगर, अम्मुगुडा, नेरेडमेट और मौला अली हाउसिंग बोर्ड स्टेशनों पर छह नए स्टेशन भवन बनाए गए हैं। दोहरीकरण और विद्युतीकरण कार्य से इस खंड पर पहली बार यात्री ट्रेनों को चलाने मार्ग प्रशस्त हो गया है।
प्रधानमंत्री घाटकेसर-लिंगमपल्ली से मौला अली-सनथनगर के बीच पहली एमएमटीएस ट्रेन सेवा को भी हरी झंडी दिखाएंगे। यह ट्रेन सेवा पहली बार हैदराबाद-सिकंदराबाद जुड़वां शहर क्षेत्रों में लोकप्रिय उपनगरीय ट्रेन सेवा को नए क्षेत्रों तक बढ़ाएगी। यह हैदराबाद शहर के पूर्वी भाग में चेरलापल्ली, मौला अली जैसे नए क्षेत्रों को इस जुड़वां शहर क्षेत्र के पश्चिमी भाग से जोड़ता है। इस जुड़वां शहर क्षेत्र के पूर्वी हिस्से को पश्चिमी हिस्से से जोड़ने वाला परिवहन का सुरक्षित, तेज़ और किफायती तरीका यात्रियों के लिए अत्यधिक फायदेमंद होगा।
इसके अलावा, प्रधानमंत्री इंडियन ऑयल पारादीप-हैदराबाद उत्पाद पाइपलाइन का भी उद्घाटन करेंगे। 4.5 एमएमटीपीए की क्षमता वाली 1212 किलोमीटर लंबी उत्पाद पाइपलाइन ओडिशा (329 किमी), आंध्र प्रदेश (723 किमी) और तेलंगाना (160 किमी) राज्यों से होकर गुजरती है। यह पाइपलाइन पारादीप रिफाइनरी से आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम, अचुतापुरम और विजयवाड़ा और तेलंगाना में हैदराबाद के पास मलकापुर के डिलीवरी स्टेशनों तक पेट्रोलियम उत्पाद का सुरक्षित और किफायती परिवहन सुनिश्चित करेगी।
कलपक्कम में पीएम
प्रधानमंत्री तमिलनाडु के कलपक्कम में 500 मेगावाट क्षमता के भारत के स्वदेशी प्रोटोटाइप फास्ट ब्रीडर रिएक्टर (पीएफबीआर) की कोर लोडिंग की शुरुआत करेंगे। यह भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हैं। इस पीएफबीआर को भाविनी (भारतीय नाभिकीय विद्युत निगम लिमिटेड) ने विकसित किया है।
इस रिएक्टर कोर में नियंत्रण उप-असेंबली, आवरण उप-असेंबली और ईंधन उप-असेंबली शामिल हैं। मुख्य लोडिंग गतिविधि में रिएक्टर नियंत्रण उप-असेंबली की लोडिंग शामिल है। इसके बाद इसमें आवरण उप-असेंबली और ईंधन उप-असेंबली शामिल हैं जो बिजली उत्पन्न करेंगी।
भारत ने सीमित ईंधन चक्र के साथ तीन चरणों वाला परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम अपनाया है। पीएफबीआर में, परमाणु कार्यक्रम के दूसरे चरण को चिह्नित करते हुए, पहले चरण से उपयोग किए गए ईंधन को पुन: संसाधित किया जाता है और एफबीआर में ईंधन के रूप में उपयोग किया जाता है। इस सोडियम कूल्ड पीएफबीआर की एक खास विशेषता यह है कि यह खपत से अधिक ईंधन का उत्पादन कर सकता है और इस प्रकार भविष्य के तेज रिएक्टरों के लिए ईंधन आपूर्ति में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने में मदद करता है।
रिएक्टर से उत्पन्न न्यूनतम परमाणु अपशिष्ट और उन्नत सुरक्षा सुविधाओं के साथ, एफबीआर ऊर्जा का सुरक्षित, कुशल और स्वच्छ स्रोत प्रदान करेंगे और शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य में योगदान देंगे। परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के तीसरे चरण में थोरियम के उपयोग की दिशा में यह भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके एक बार शुरू हो जाने के बाद, भारत रूस के बाद फास्ट रिएक्टर का वाणिज्यिक संचालन करने वाला दूसरा देश होगा।
चंडीखोले में पीएम
प्रधानमंत्री 19,600 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे। ये परियोजनाएं तेल एवं गैस, रेलवे, सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग और परमाणु ऊर्जा जैसे कई क्षेत्रों से संबंधित हैं।
प्रधानमंत्री पारादीप रिफाइनरी में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड मोनो एथिलीन ग्लाइकोल परियोजना का उद्घाटन करेंगे जो भारत की आयात निर्भरता को कम करने में मदद करेगी। वह ओडिशा के पारादीप से पश्चिम बंगाल के हल्दिया तक जाने वाली 344 किलोमीटर लंबी उत्पाद पाइपलाइन का भी उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री देश के पूर्वी तट पर आयात बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए पारादीप में 0.6 एमएमटीपीए एलपीजी आयात सुविधा का भी उद्घाटन करेंगे।
सड़क बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री एनएच -49 के सिंघरा से बिंजाबहल खंड पर चार लेन की सड़क; एनएच-49 के बिंजाबहल से तिलेइबानी खंड पर चार लेन की सड़क; एनएच-18 के बालासोर-झारपोखरिया खंड पर चार लेन की सड़क और एनएच-16 के तांगी-भुवनेश्वर खंड पर चार लेन की सड़क का उद्घाटन करेंगे। वह चंडीखोल में चंडीखोल-पारादीप खंड की आठ लेन की आधारशिला भी रखेंगे।
रेल कनेक्टिविटी के आधुनिकीकरण और विस्तार पर ध्यान देने के साथ रेलवे नेटवर्क का विस्तार भी किया जाएगा। प्रधानमंत्री 162 किलोमीटर लंबी बंसापानी-दैतारी-तोमका-जखपुरा रेल लाइन राष्ट्र को समर्पित करेंगे। यह न केवल मौजूदा यातायात सुविधा की क्षमता को बढ़ाएगा, बल्कि क्योंझर जिले से निकटतम बंदरगाहों और इस्पात संयंत्रों तक लौह और मैंगनीज अयस्क के कुशल परिवहन की सुविधा भी प्रदान करेगा जिससे क्षेत्रीय आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान प्राप्त होगा। घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कलिंगा नगर में कॉनकोर कंटेनर डिपो का उद्घाटन किया जाएगा। नरला में इलेक्ट्रिक लोको पीरियोडिकल ओवरहालिंग वर्कशॉप, कंटाबंजी में वैगन पीरियोडिकल ओवरहालिंग वर्कशॉप और बघुआपाल में रखरखाव सुविधाओं के उन्नयन और संवर्द्धन के लिए आधारशिला रखी जाएगी। प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान नई ट्रेन सेवाओं को हरी झंडी दिखाने सहित अन्य रेलवे परियोजनाओं पर भी विचार किया जाएगा।
प्रधानमंत्री आईआरईएल (आई) लिमिटेड के ओडिशा सैंड्स कॉम्प्लेक्स में 5 एमएलडी क्षमता वाले समुद्री जल अलवणीकरण संयंत्र का भी उद्घाटन करेंगे। इस परियोजना को भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र के विकसित स्वदेशी अलवणीकरण प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र अनुप्रयोगों के एक भाग के रूप में बनाया गया है।
पीएम कोलकाता में
कोलकाता में लोगों की आवाजाही को आसान बनाने के लिए नए मार्ग बढ़ाने पर ध्यान देने के साथ प्रधानमंत्री कोलकाता मेट्रो के हावड़ा मैदान-एस्पलेनैड मेट्रो खंड, कवि सुभाष-हेमंत मुखोपाध्याय मेट्रो खंड, तारातला-माजेरहाट मेट्रो खंड (जोका-एस्पलेनैड लाइन का हिस्सा); रूबी हॉल क्लिनिक से रामवाड़ी खंड तक पुणे मेट्रो; एसएन जंक्शन मेट्रो स्टेशन से त्रिपुनिथुरा मेट्रो स्टेशन तक कोच्चि मेट्रो रेल चरण I विस्तार परियोजना (चरण आईबी); ताज ईस्ट गेट से मनकामेश्वर तक आगरा मेट्रो का विस्तार; और दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर का दुहाई-मोदीनगर (उत्तर) खंड का उद्घाटन करेंगे। वह इन खंडों पर ट्रेन सेवाओं को हरी झंडी दिखाएंगे। प्रधानमंत्री पिंपरी चिंचवड़ मेट्रो-निगड़ी के बीच पुणे मेट्रो रेल परियोजना चरण 1 के विस्तार की आधारशिला भी रखेंगे।
मेट्रो रेल के ये खंड सड़क यातायात को कम करने और निर्बाध, आसान तथा आरामदायक कनेक्टिविटी प्रदान करने में मदद करेंगे। कोलकाता मेट्रो के हावड़ा मैदान – एस्प्लेनैड मेट्रो खंड में भारत की किसी भी शक्तिशाली नदी के नीचे पहली परिवहन सुरंग है। हावड़ा मेट्रो स्टेशन भारत का सबसे गहरा मेट्रो स्टेशन है। इसके अलावा, माजेरहाट मेट्रो स्टेशन (तारातला-माजेरहाट मेट्रो खंड का उद्घाटन किया जा रहा है) रेलवे लाइनों, प्लेटफार्मों और नहर के पार एक अद्वितीय ऊंचा मेट्रो स्टेशन है। आगरा मेट्रो के जिस सेक्शन का उद्घाटन किया जा रहा है, उससे ऐतिहासिक पर्यटन स्थलों तक कनेक्टिविटी बढ़ेगी। आरआरटीएस अनुभाग एनसीआर में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देगा।
बेतिया में पीएम
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बिहार में पश्चिमी चंपारण जिले के बेतिया में लगभग 8700 करोड़ रुपये से अधिक की रेल, सड़क और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस से संबंधित विभिन्न बुनियादी ढांचा संबंधी परियोजनाओं का शिलान्यास, लोकार्पण और उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री 109 किलोमीटर लंबी इंडियन ऑयल की मुजफ्फरपुर-मोतिहारी एलपीजी पाइपलाइन का उद्घाटन करेंगे। इससे बिहार राज्य और पड़ोसी देश नेपाल में खाना पकाने के लिए स्वच्छ ईंधन उपलब्ध होगा। प्रधानमंत्री मोतिहारी में इंडियन ऑयल के एलपीजी बॉटलिंग प्लांट और स्टोरेज टर्मिनल को समर्पित करेंगे। यह नया पाइपलाइन टर्मिनल नेपाल को पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात के लिए एक रणनीतिक आपूर्ति बिंदु के रूप में भी कार्य करेगा। इससे उत्तर बिहार के 8 जिलों यानी पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज, सीवान, मुजफ्फरपुर, शिवहर, सीतामढी और मधुबनी को लाभ होगा। मोतिहारी में नया बॉटलिंग प्लांट मोतिहारी प्लांट से जुड़े बाजारों में आपूर्ति श्रृंखला को सुचारू बनाने में भी मदद करेगा।
प्रधानमंत्री जिन सड़क परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे उनमें एनएच-28ए पर दो लेन का बना पिपराकोठी-मोतिहारी-रक्सौल खंड और एनएच-104 पर दो लेन का बना शिवहर-सीतामढ़ी-खंड शामिल हैं। प्रधानमंत्री गंगा नदी पर पटना में दीघा-सोनपुर रेल-सह-सड़क पुल के समानांतर गंगा नदी पर छह लेन केबल ब्रिज के निर्माण सहित एनएच-19 बाईपास के बाकरपुर हाट-मानिकपुर खंड को चार लेन बनाने की परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे।
प्रधानमंत्री विभिन्न रेलवे परियोजनाओं का लोकार्पण, उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। प्रधानमंत्री बापूधाम मोतिहारी-पिपराहां तक 62 किलोमीटर लंबी रेल लाइन के दोहरीकरण को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। प्रधानमंत्री नरकटियागंज-गौनाहा गेज परिवर्तन सहित अन्य परियोजनाओं का भी उद्घाटन करेंगे। श्री मोदी 96 किमी लंबी गोरखपुर कैंट-वाल्मीकि नगर रेल लाइन के दोहरीकरण एवं विद्युतीकरण और बेतिया रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की आधारशिला रखेंगे। प्रधानमंत्री नरकटियागंज-गौनाहा और रक्सौल-जोगबनी के बीच दो नई ट्रेन सेवाओं को भी हरी झंडी दिखाएंगे।